रतन टाटा जाते-जाते मुकेश अंबानी-गौतम अडानी को आइना दिखा गए..

कोई कितनी बड़ी हस्ती कितनी बड़ी शख्सियत है यह तब पता चलता है जब वह दुनिया छोड़ कर जाता है और दुनिया उसके बारे में क्या कहती है आज सारी दुनिया तमाम विचारधारा के लोग रतन टाटा को सलाम कर रहे हैं आज रतन टाटा दुनिया छोड़ कर गए हैं तो लगता है कि एक बहुत बड़ी दुनिया खाली हो गई है रतन टाटा का जाना पूरे भारत के लिए एक्य क्ति है इस बात में कोई दोराय नहीं है.

आज देश के तमाम लोग देश के प्रधानमंत्री विपक्ष के नेता क्रिकेटर सेलिब्रिटीज सब रतन टाटा को सलाम कर रहे हैं सलाम करते हुए हर कोई यह कहने को मजबूर है कि सिर्फ एक उद्योगपति नहीं एक नेक दिल इंसान दुनिया छोड़कर गए हैं रतन टाटा जाते-जाते गौतम अडानी और अंबानी जैसे बिजनेसमैन को क्या संदेश दे गए वीडियो में इस बात का विश्लेषण करेंगे पहले बात करते हैं कि देश के प्रधानमंत्री ने क्या कहा पीएम नरेंद्र मोदी ने भी रतन टाटा को या किया और कहा कि रतन टाटा ने समाज के हर वर्ग को प्रभावित किया.

देश के उत्थान के लिए काम किया परोपकार के काम किए राहुल गांधी ने भी रतन टाटा को याद करते हुए एक ट्वीट किया और कहा कि रतन टाटा बिजनेस और परोपकार दोनों मामलों में भारत पर एक अमिट छाप छोड़कर गए हैं तो इस तरह पूरा भारत रतन टाटा को याद कर रहा है मुकेश अंबानी और अडानी जैसे बिजनेसमैन के संदेश भी आए हैं अंबानी ने कहा कि एक मित्र को मैंने खो दिया एक परोपकारी व्यक्ति को हमने खो दिया यह पूरे भारत का नुकसान है तो जाते-जाते रतन टाटा मुकेश अंबानी और अडानी जैसे बिजनेसमैन को भी संदेश दे गए.

अगर आप वाकई उनको मित्र मानते हैं मैं कोई बहुत नकारात्मक बातें आज के दिन नहीं करना चाहता लेकिन फिर भी अगर आप रतन टाटा को एक मित्र मानते हैं एक आदर्श मानते हैं तो आपकी तरह रतन टाटा भी टीवी चैनल चला सकते थे अडानी की तरह टीवी चैनल खरीद सकते थे चैनल के माध्यम से जो परोसा जा रहा है अगर आप वाकई रतन टाटा को मित्र मानते हैं तो उनके दिखाए रास्ते पर भी चलना चाहिए रतन टाटा चाहते तो आपकी तरह वो भी अरबों रुपए खर्च करके दिखावा कर सकते थे रतन टाटा चाहते तो आपकी तरह टीवी चैनल खरीदकर उस पर हिंदू मुसलमान कर सकते थे.

सरकार की नजर में नंबर बना सकते थे लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया उन्होंने परोपकार का रास्ता चुना रतन टाटा के बारे में दशकों से ऐसा कहा जा रहा है कि इनको भारत रत्न मिल जाना चाहिए रतन टाटा ऐसी शख्सियत देश की हर विचारधारा के व्यक्ति के लिए थे क्योंकि उन्होंने बिजनेस के साथ-साथ परोपकार भी किया देश के बारे में सोचा देश को तोड़ने वाला एक भी काम नहीं किया हमेशा देश की उन्नति और प्रगति के लिए काम किया इस बात में कोई दोराय नहीं कि रतन टाटा हो मुकेश अंबानी हो गौतम अडानी हो देश के तमाम बड़े उद्योगपति देश में लाखों लोगों को रोजगार देते हैं रतन टाटा को आज जिस तरह जाने के बाद दुनिया सलाम कर है.

क्या अंबानी और अडानी के बारे में भी ऐसा कहा जा सकता है उन लोगों को आत्ममंथन करना चाहिए क्योंकि सिर्फ जाने के बाद नहीं जिंदा रहते भी रतन टाटा की हर कोई तारीफ करता आया है जब भी दान देने की बात होती है तो टाटा का नाम सामने आता है क्योंकि दानवीर कहा गया उन्हें जिंदा रहते उनकी तारीफ की गई और जाने के बाद भी हमेशा रतन टाटा अमर रहेंगे बस एक कसक बहुत सारे मनों में रह जाएगी कि रतन टाटा को जिंदा रहते.

काश भारत रत्न भी मिल जाता हाला कि भारत के वो रत्न हमेशा थे और रहेंगे इस बात में कोई दोराय नहीं लेकिन जब चुनाव के लिए थोक के बाव भारत रत्न दिए गए तो जिंदा रहते रतन टाटा को भी भारत रत्न दिया जाता तो बहुत सारे लोगों को ज्यादा खुशी मिलती हालांकि भारत रत्न ना मिलने के बावजूद आज पूरा देश उन्हें भारत रत्न बताते हुए अंतिम विदाई दे रहा है देश के अनमोल रतन भारत माता के सच्चे सपूत रतन टाटा को भाव भिनी श्रद्धांजली.

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