मुझे मंच ही नहीं दिया जा रहा है मेरी फिल्में जो हैं वह थिएटर तक पहुंच ही नहीं पा रही हैं गोविंदा इनकी फैन फॉलोइंग 90स में इतनी थी जितनी कि आज के समय में शाहरुख और सलमान की भी नहीं है बहुत सारे एक्टर्स अपने पूरे करियर में जितनी हिट नहीं दे पाते थे उससे ज्यादा गोविंदा ने एक साल में दे दी थी 90 में आए गोविंदा ने अपने करियर में 165 से ज्यादा फिल्में की हैं और चौकाने वाली बात तो यह है कि मात्र 21 की उम्र में गोविंदा ने 75 फिल्में साइन कर रखी थी और एक टाइम पे तो इन्होंने 14 हिट फिल्में एक साल के अंदर ही दे दी थी.
जिसे देखकर ऐसा लग रहा था कि गोविंदा को अब कोई नहीं रोक सकता शाहरुख खान और सलमान खान की जगह आज गोविंदा का नाम होता लेकिन 20 आते ही गोविंदा की एक के बाद एक फिल्में फ्लॉप होती जा रही थी उनके खिलाफ काफी सारी कंट्रोवर्सी शुरू हो चुकी थी यहां तक कि उन पर ऐसे एलिगेशन लगने लग गए थे कि वह किसी कम्युनिटी पार्टी के मेंबर हैं वहीं सलमान खान से पंगा होने के बाद धीरे-धीरे उन्हें फिल्में मिलना भी बंद हो चुकी थी तो आखिर क्या है गोविंदा के डाउनफॉल के पीछे की असली वजह और क्या थी.
वह कंट्रोवर्सी जिसकी वजह से बॉलीवुड का एक महान एक्टर इंडस्ट्री से गायब हो गया चलिए जानते हैं आज की इस वीडियो में गोविंदा जिनका असली नाम गोविंदा अरुण आहूजा है इनके फादर अरुण कुमार अहूजा एक बहुत ही एस्टेब्लिश एक्टर और प्रोड्यूसर थे गोविंदा की मां निर्मल ला देवी जो कि एक बहुत ही फेमस क्लासिकल सिंगर थी लेकिन गोविंदा के फादर की एक मूवी ने उनकी पूरी जिंदगी बदल दी साल 1950 में उन्होंने एक मूवी बनाई जिसका नाम था शेरा जो कि बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरीके से फ्लॉप साबित हुई जिसके बाद उन्होंने जो है.
साजन फिल्म प्रोड्यूस की और जो कभी रिलीज ही नहीं हुई इससे अरुण में इतना फाइनेंशियल प्रेशर आया कि उन्हें अपना मुंबई कार्टर रोड वाला बंगला बेचना पड़ गया और जिसके बाद उन्हें मुंबई के विरार चौल में शिफ्ट होना पड़ा जहां गोविंदा का जन्म हुआ गोविंदा को बचपन से ही डिस्को बहुत पसंद था इसलिए वह मात्र 12 साल की उम्र से ही एक्टिंग और डांसिंग की प्रैक्टिस करने लगे थे और वह ज्यादातर अपनी परफॉर्मेंस को सीडी में अपलोड करके ऑडिशन के लिए भेज दिया करते थे और उन्हें ऐसा लगता था.
कि किसी ना किसी को तो उनका परफॉर्मेंस पसंद आ ही जाएगा फिर फाइनली 1986 में उनको इनकी पहली फिल्म मिली जिसका नाम था तन बदन जो कि उनके अंकल आनंद ने डायरेक्ट की थी लेकिन गोविंदा की पहली रिलीज थी इल्जाम जो कि बॉक्स ऑफिस पर हिट साबित हुई जिसने गोविंदा को मार्केट में एक नया नाम दिया था इसके बाद तो गोविंदा को बहुत सारी फिल्मों के ऑफर आने लगे जिससे गोविंदा ने मात्र 21 साल की उम्र में 75 फिल्में साइन कर रखी थी जिससे गोविंदा बहुत ही ज्यादा काम करने लग गए थे जिस वजह से कई बार तो उनकी तबीयत भी खराब हो जाती थी.
जिसे देखते हुए दिलीप कुमार ने उन्हें 25 फिल्मों को ड्रॉप करने को कहा और गोविंदा मान भी गए हमने 75 फिल्म साइन कर थी 75 हा 21 साल का था मैं 21 साल की उम्र में 75 फिल्में 75 फिल्में मुझे मिली जिसमें से आदरणीय दिलीप साहब की ऐसी मुझ पर कृपा रही हा और उनकी दया दृष्टि रही के वो आए कहे गोविंद इसम से 25 फिल्में छोड़ दे मतलब सेट प बीमार पड़ने लग गया था अच्छा मत वक्त के साथ-साथ गोविंदा एक बहुत ही बड़े एक्टर बनते जा रहे थे.
और एक के बाद एक ब्लॉकबस्टर फिल्में जैसे खुदगर्ज शोला और शबनम आंखें दरिया दिल हत्या जैसी फिल्में की और यह सारी एक मैसिव हिट साबित हुई जिसके बाद उन्होंने डेविड धवन और कादिर खान के साथ काम किया जिससे उन्हें कॉमेडी किंग का टाइटल मिला फिल्म जैसे राजा बाबू कुली नंबर वन साजन चले ससुराल हीरो नंबर वन जैसी फिल्में आज भी मोस्ट फेमस क्लासिक मूवीज हैं और आज भी लोग इन मूवीज को देखना पसंद करते हैं गोविंद और कादिर खान की जोड़ी इतनी हिट थी कि उन्होंने एक साथ 40 से ज्यादा फिल्में कर रखी हैं लेकिन धीरे-धीरे गोविंदा का रिश्ता कादर खान और डेविड धवन के साथ बिगड़ता जा रहा था गोविंदा लगातार बैक टू बैक हिट देते जा रहे थे.
लेकिन 20 का अर्ली एज आते ही गोविंदा की फिल्में फ्लॉप होना शुरू हो चुकी थी जैसे महाराजा राजा जी शिकारी और जोरू का गुलाम और बहुत ही कम फिल्में हिट हो रही थी जैसे हसीना मान जाएगी जोड़ी नंबर वन दीवाना मस्ताना और दूल्हे राजा फिर आया 2003 का वह समय जब गोविंदा के एक डिसीजन ने उनकी पूरी जिंदगी बदल दी बैक टू बैक फ्लॉप देने के बाद साल 2003 में गोविंदा ने बॉलीवुड से ब्रेक लेने का फैसला लिया और साल 2004 में उन्होंने पॉलिटिक्स में कदम रखा जिसके बाद इंडियन नेशनल कांग्रेस जॉइन करने के बाद वह इलेक्शन भी लड़े और इलेक्शन जीतकर एमपी भी बने इसी बीच उनकी मूवी सुख सैंडविच और खुल्लम खुल्ला प्यार करे आई जो कि बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप रही जिसे देखकर ऐसा लग रहा था.
कि गोविंदा का स्टारडम अब खत्म होता जा रहा है पर फिर 2006 में गोविंदा ने कमबैक किया फिल्म भागम भाग के साथ जो कि बॉक्स ऑफिस पर सुपरहिट साबित हुई थी जिसमें गोविंदा के रोल को लोगों ने काफी पसंद किया कहा जाता है कि इस फिल्म में पहले गोविंदा की जगह सुनील शेट्टी थे लेकिन गोविंदा ने सुनील शेट्टी से उनके घर जाकर रिक्वेस्ट की जिसे देखकर सुनील शेट्टी ने अपना गोविंदा को दे दिया उसके बाद भी गोविंदा की मूवी आई जैसे मनी है तो हनी है चल चला चल लेकिन यह भी बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप रही फिर डेविड धवन और सलमान खान के साथ उनकी फिल्म पार्टनर आई जो कि सुपर हिट रही पर पार्टनर गोविंदा की आखिरी फिल्म थी इसके बाद गोविंदा की एक भी मूवी नहीं चली.
लेकिन आखिर 20 आते ही गोविंदा को ऐसा क्या हो गया था जिसकी वजह से एक साल में 14 हिट देने वाले गोविंदा एक अच्छी फिल्म के लिए तरसने लगे चलिए जानते हैं गोविंदा के डाउनफॉल की सबसे बड़ी वजह उनके बिहेवियर को बताया जाता है लोगों का ऐसा कहना था कि वह सेट पर अक्सर लेट आते थे एक इंटरव्यू में रवीना टंडन ने खुद कहा था कि वह सेट पर 9:00 बजे आ जाती थी रेडी होने के बाद भी व कुछ घंटे आराम कर लेती थी क्योंकि उन्हें पता था कि गोविंदा अक्सर सेट पर दो-तीन बजे ही आते हैं.
लेकिन एक बार तो सेट पर लेट पहुंचने की वजह से अमरीश पुरी ने उन्हें थप्पड़ तक मार दिया था लेकिन इसके बाद भी गोविंदा नहीं बदले और साथ ही उन्होंने अमिताभ बच्चन और रजनीकांत जैसे एक्टर को भी जो टाइम पर आने के लिए जाने जाते थे उनको भी वेट करवाया जिसके कारण मूवी डिले हो रही थी और प्रोडक्शन का खर्चा भी बढ़ रहा था जिस वजह से कोई भी गोविंदा के साथ काम करना नहीं चाह रहा था और कई बार तो वह डायरेक्टर एक्टर और प्रोड्यूसर से भिड़ जाते थे क्योंकि वह फिल्म को अपने अकॉर्डिंग बदलवाने की जिद करते रहते थे जिसमें एक इंसीडेंट है एक और एक 11 मूवी का जिसमें गोविंदा एक सीन को बदलवाने के लिए डेविड धवन से लड़ने लगते हैं.
और डेविड धवन ने जिसे बदलने से मना कर दिया क्योंकि उन्हें उस सीन में कोई गड़बड़ी नहीं दिखी और इसमें उनका साथ दिया संजय दत्त ने और इस बात पर गोविंदा इतना गुस्सा हो गए कि उन्होंने संजय दत्त से बात करना भी बंद कर दिया इन सब सिचुएशन को देखते हुए डेविड धवन ने गोविंदा को फिल्म देना बंद कर दिया और पूरे बॉलीवुड में गोविंदा को लेट से आने वाला और छोटी-छोटी बातों पर लड़ने वाले के नाम से जाना जाने लगा जिस वक्त मेरे सेक्रेटरी उनके साथ समक्ष थे उस वक्त में पॉलिटिक्स से निकला था तो थोड़ा मैं चेंज हो गया था तो मैं कहा ये जो कह रहा होगा तुम उस वक्त फोन ऑन रखना मैं सुनना चाहूंगा ये कहता क्या है तो डेविड का फोन जिस वक्त कह रहे थे.
उनका फोन ऑन था तो फोन पे मैंने सुन लिया वो कह रहे हैं कि चीची बहुत सवाल पूछने लग गया है और इतने सवाल पूछने लग गया है कि मेरा नहीं दिल है कि मैं उसके साथ काम करूं उसे क जो छोटा मोटा रोल कहीं मिल जाए तो कर ले अब यह बात उसकी जो मुझे इतनी दिल प लग गई कि मैंने सोचा कि मैं अभी आ गया इसके साथ इस बत से गोविंदा को इतना बुरा लगा कि उन्होंने डेविड धवन के साथ अपने सारे रिश्ते तोड़ दिए गोविंदा के साथ एक इशू यह भी था कि वह हमेशा लीडिंग रोल करना चाहते थे क्योंकि उनका मानना था कि वह एक सुपरस्टार हैं.
और साइड रोल प्ले करना उनके लिए बहुत ही खराब होगा उन्होंने देवदास में जैकी श्रॉफ वाला रोल रिजेक्ट कर दिया क्योंकि उनका मानना था कि वह सुपरस्टार हैं इसलिए वह साइड रोल नहीं करेंगे गदर को उन्होंने यह कहकर रिजेक्ट कर दिया क्योंकि उसमें ज्यादा वायलेंस है और यह सारी मूवी बॉक्स ऑफिस पर हिट रही और उनकी एक और बड़ी मिस्टेक थी सलमान खान के साथ पंगा लेना दरअसल सलमान खान दबंग फिल्म से गोविंदा की बेटी को लॉन्च करने वाले थे लेकिन जब ऐसा नहीं हुआ तो दोनों के रिश्तों में खटास आ गई जिसका असर गोविंदा के करियर पर भी पड़ा और इसके बाद गोविंदा की कोई भी मूवी नहीं चली.
20 आते-आते लोगों का इंटरेस्ट बदलने लगा था अब वह गोविंदा को एक नए तरीके से देखना चाहते थे लेकिन गोविंदा ने ट्रें को फॉलो नहीं किया जो कि एक रीजन था उनके डाउनफॉल का लेकिन इन सब का एलिगेशन गोविंदा खुद बॉलीवुड पर लगाते हैं उनका मानना है कि बॉलीवुड ने उनसे सारे रोल छीने हैं और कई बार तो उनकी मूवी भी रिलीज नहीं होने दी गई के मुझे मंच ही नहीं दिया जा रहा है मेरी फिल्में जो है वह थिएटर तक पहुंच ही नहीं पा रही है.