मनोज कुमार के अंतिम संस्कार में फूटा अरबाज खान का गुस्सा ,वायरल हुआ वीडियो |

बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता मनोज कुमार के निधन से पूरे इंडस्ट्री में शोक की लहर दौड़ उठी है 5 अप्रैल को उनका अंतिम संस्कार हुआ जहां बॉलीवुड की तमाम बड़ी हस्तियां उन्हें श्रद्धांजलि देने पहुंची इस दौरान सलमान खान के भाई अरबाज़ खान और उनके पिता सलीम खान भी पहुंचे इसी का एक वीडियो अब सोशल मीडिया पर खूब चर्चा में है जहां अरबाज़ खान किसी पत्रकार पर गुस्सा करते हुए दिखे दरअसल हुआ यूं कि जब वे अपने पिता के साथ बैठे थे तभी किसी पत्रकार ने उनकी तरफ माइक किया तो वे नाराज हो गए और उनका हाथ पकड़ कर पीछे कर दिया।

वहीं अब सोशल मीडिया पर उनका यह वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है कुछ लोग उनका सपोर्ट कर रहे हैं तो कई ऐसे भी यूज़र्स हैं जो उन्हें जमकर खरी-खोटी सुना रहे हैं जी हां तो चलिए हम भी आपको दिखाते हैं उनका यह वायरल वीडियो बस बस बस बस वहीं अरबाज खान के अलावा ये सारे सितारे भी उनके अंतिम संस्कार में पहुंचे थे।

शहीद बिगिनिंग में शहीद हुई थी आज तक उसकी छाप छूट बहुत लोगों ने वही बनाने की कोशिश की लेकिन वो उस इंतहा तक नहीं पहुंच सके वो पिक्चर रियल लोकेशन में शूटिंग की गई थी।

जेल के अंदर 75% और उसके बाद सब पिक्चरों में काम किया सब पीछे उपकार पूर्व पश्चिम क्रांति ये बाकी सब फिल्मों में आज देश पूरा देश सदमे में है क्योंकि इतने पेट्रोटिक मूवीज इतने देशभक्ति की मूवीस ये इनकी तरफ से की गई थी और सब में सीख थी युवाओं के लिए देश के हर नौजवानों के लिए सीख थी और अब ऐसे में जाते-जाते क्या आपको लगता है आने वाले समय में ऐसा कोई कलाकार आ सकता है जिनमें इनकी छवि हो या इनके जैसा कोई कलाकार बड़ा कलाकार क्या है कि उन दिनों में फिल्में जो बनती थी ना जैसे डायरेक्टर डायरेक्टर मनोज कुमार थे या राज कपूर साहब थे वो वो पैशन के साथ पैशनेट जो था ना उनका पैशन था उनका और दूसरी चीजों में पैसे ज्यादा खर्च ना खर्च लेकिन जहां तक उनका सवाल है पिक्चर बनाने का वो कभी कॉम्प्रोमाइज नहीं करते थे।

करोड़ों रुपए खर्च भी हो जाए लेकिन श उनको जो चाहिए वही होना चाहिए चाहिए बहुत सी मिसाले हैं एक शूटिंग के दौरान में क्रांति के दौरान में उसने अपने प्रोडक्शन वाले को बोला कि 500 आदमी लेके आना उन दिनों में वो उसने कहा 5000 आदमी के लेके आना अरे अरे अरे अरे अरे कौन से स्कूल में पढ़ के आए साले पता नहीं गाड़ी आ रही है बिना पीछे तो ऐसे में क्या कुछ संदेश देंगे भाई जब कुछ नहीं होता है ना तभी स्टार बनते हैं जब सब कुछ होता है तो स्टार बनने में मुश्किल है लेकिन मनोज जी एक ऐसे सितारे थे जो इंसान उसकी इंसानियत सबसे बड़ा अहमियत रखते थे उसमें और यह जो चीज है यही स्टार बनाती है और जो मिसाल छोड़ के गए हैं मैं चाहता हूं कि हर नई पीढ़ी इस मिसाल को अपने दिल और मन में रखें क्योंकि ये एक सीख है अगर आप यह समझ पाते हो तो शायद आप उस मुकाम तक पहुंच सकते हो और ये कोई आलतू-फालतू वाली चीज नहीं है ये बहुत समझदारी की चीज है और इसको सालों साल लगता है समझने में सादगी में ही स्टारडम है।

भाई बस यही कह सकता हूं कला का आकार समझने के लिए तो खैर 100 जन्म चाहिए लेकिन ये अपने ऐसे भारत विश्व कला रत्न हैं जिनकी अंत्यष्टि में आज हमें भी सौभाग्य मिला है फट्टे से लेके हमारे बचपन में फट्टे फट्टा टाकी से लेके बीसीआर से लेके हर पांच फिल्में आती थी उसमें एक रोटी कपड़ा और मकान आती थी एक क्रांति आती थी एक उपकार आती थी तो ये ये भारत के विश्व कला रत्न है यह भारत रत्न है और ये हम तो इनकी तीसरी पीढ़ी में आते हैं हम तो इनकी तीसरी पीढ़ी में आते हैं लेकिन इनको नमन करते हुए बस यही बोल सकता हूं कि हमारे बॉलीवुड के भारत भारत चलचित्र निगम के यह हमारे रत्न है हमेशा रत्न रहेंगे बस इनको भावपूर्ण श्रद्धांजलि।

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