फिर रुलाने लगा प्याज, जानिए कितने रुपये में बिक रहा और अब क्यों आई उछाल?..

दिल्ली और मुंबई में प्याज की कीमतें 80 प्रति किलो तक पहुंच गई हैं जो नवंबर महीने में 5 साल में सबसे ज्यादा है एनई की रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली और मुंबई के थोक बाजारों में प्याज की कीमतें 7 से 80 प्रति किलोग्राम तक बढ़ गई हैं पिछले कुछ दिनों में कई बड़े शहरों में प्याज महंगा हुआ है जिससे ग्राहक परेशान हैं इन शहरों के थोक बाजारों में प्याज की कीमत 0 से 0 प्रति किलोग्राम से बढ़कर 70 से 0 प्रति किलोग्राम हो गई है कुछ शहरों में तो प्याज की कीमतें दोगुनी हो गई हैं पिछले कुछ ही दिनों में करीब ₹ प्रति किलोग्राम तक की बढ़ोतरी प्याज के दामों में हुई है.

आजादपुर मंडी में अलवर राजस्थान के प्याज की अच्छी खासी आवक के बाद थोक के दाम में नरमी देखने को मिली लेकिन इसके बावजूद भी प्याज महंगा बिक रहा है रोहिनी में सप्ताह भर से प्याज 0 से 80 प्रति किलोग्राम बिक रहा है जबकि सोमवार को आजादपुर मंडी के थोक भाव में 10 से ₹1 की गिरावट दर्ज की गई व्यापारियों का कहना है कि आने वाले दिनों में यहां अलवर से प्याज की बंपर आवक का अनुमान है इससे प्याज के दाम नीचे आ सकते हैं आजादपुर मंडी में बीते शनिवार को प्याज 40 से ₹ प्रति किलो बिकी थी और बाजार में प्याज का दाम 60 से 80 प्रति था.

सोमवार को थोक भाव घट कर 30 से 445 प्रति किलो हो गया लेकिन बाजार तक ये राहत नहीं पहुंची है रोहिनी की रजा सब्जी मंडी मार्केट और आसपास के क्षेत्रों में आज भी प्याज ₹ से लेकर 80 किलो ही बिक है अनियन ट्रेडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष श्रीकांत ने बताया है कि 2 दिन पहले अलवर से आजादपुर मंडी में 34000 प्याज के बैग आए एक बैग में 50 किलो वजन होता है यानी 177000 क्विंटल प्याज की आवक हुई है इसी कारण 10 से ₹1 दाम नीचे आ गए उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र में बारिश के कारण प्यास की फसल बर्बाद हो गई और अगली फसल अभी तैयार नहीं हो पाई है.

इसलिए प्याज के दाम लगातार बढ़ते जा रहे हैं प्याज के दाम थामने के लिए केंद्र सरकार ने प्याज की बड़ी खेप बाजार में उतारी थी इस कारण कुछ दिन प्याज के दाम स्थिर हुए थे अब अलवर का प्याज आने से दाम नीचे आ गए हैं आने वाले दिनों में अलवर से प्याज की आवक बढ़ने की उम्मीद है महाराष्ट्र से आवक बंद होने के बाद बाजार में प्याज की कमी को देखते हुए अलवर के किसानों ने समय से पहले अपनी फसल खेत से निकालकर बाजार में उतार दी इस कारण अलवर के प्यास का आकार सामान्य से कम है.

श्रीकांत ने बताया कि आमतौर पर फसल की प्यास तैयार होने में 80 से 90 दिन लगते हैं लेकिन अलवर के किसानों ने 55 से 60 दिन में ही अपनी फसल बाजार में उतार दी यही कारण है कि अलवर का प्याज आकार में छोटा है महाराष्ट्र के प्याज की नई फसल मार्केट में आने से पहले अलवर का किसान शायद अपनी फसल निकालना चाहता है उन्होंने बताया कि अलवर मंडी में लगभग 1 लाख प्याज के बैग पहुंच चुके हैं इस खेप के मंडी में आने के बाद प्याज के दाम नीचे आ सकते हैं.

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