शारदा सिन्हा पति की आखरी भावनात्मक पोस्ट, और ये थी आखरी इच्छा..

बिहार की सुप्रसिद्ध लोक गायिका शारदा सिन्हा का धन हो गया पद्मश्री और पद्म भूषण से सम्मानित शारदा सिन्हा अब हमारे बीच नहीं रही लेकिन उनकी यादें हमेशा साथ रहेंगी छट महापर्व के गीतों को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने वाली शारदा सिन्हा को पूरा देश छठ के ही दिन अंतिम विदाई दे रहा है हम सबके बीच अब शारदा सिन्हा के गाय गीत ही सिर्फ रह गए हैं भारत की ही नहीं विदेशों में भी उनके गाय गीत आने वाले कई सालों तक ऐसे ही गूंजते रहेंगे.

जहां छठ महापर्व के पहले दिन नहाए खाए के साथ ही बिहार की स्वर कोकिला शारदा सिन्हा को लोगों ने विदाई दी तो इससे करोड़ों छट प्रेमियों को गहरा सदमा भी लगा लेकिन उससे भी कहीं ज्यादा उनके आखिरी शब्द याद आएंगे जिसे सुनकर हर सुहागन की आंखों से आंसू छलक जाएंगे.

गायिका ने जाते-जाते भी छटी मैया को याद किया और अपने बेटे को अंतिम शब्द बोल दिया उन्होंने अपने बेटे से कहा कि मेरी अंतिम इच्छा यही है कि जहां तुम्हारे पिता का अंतिम संस्कार हुआ वहीं मेरा भी कर देना मेरी इच्छा सुहागन बनकर ही इस दुनिया से जाने की थी लेकिन वो हो ना सका इसलिए मेरा भी अंतिम संस्कार वहीं करना जहां अपने पिता का किया था.

बता दें कि शारदा सिन्हा के पति का भी दो महीने पहले ब्रेन हेमरेज की वजह से निधन हुआ शारदा सना खुद कैंसर से पिछले पाछ सालों से पीड़ित है लेकिन कैंसर की बीमारी में भी पति का साथ नहीं छोड़ा जब पति का दो महीने पहले निधन हुआ तो वह अंदर से ही टूट गई इस पर उनके बेटे का कहना है कि शायद मां को अंदर से जीने की ललक ही खत्म हो गई.

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