रानू मोंडोल फिरसे आम जिंदगी जीने को मजबूर, घर आने वालो के साथ करती है कुछ ऐसा..

रानू कभी रेलवे स्टेशन पर मांगती थी भीख अब घर बैठकर मांगती है लोगों से खाना खाना ना देने पर लोगों को मारती है झाड़ू कई बार भूखे पेट सोने को हो जाती है मजबूर पश्चिम बंगाल के राणाघाट रेलवे स्टेशन पर गाना गाकर गुजर बसर करने वाली रानू मंडल केवल अपना एक वीडियो वायरल होने पर ही सोशल मीडिया सेंसेशन बन गई थी रानु मंडल का लता मंगेशकर वाला गाना इंटरनेट पर इतना वायरल हुआ कि रातों-रात सुपरस्टार बन गई और उन्हें बॉलीवुड में एंट्री भी मिल गई हिमेश रेशमिया ने उनकी आवाज से प्रभावित होकर उन्हें अपनी फिल्म में गाने का मौका दे दिया था रानू को मुंबई में काम भी मिलने लगा व स्टेज शो करने लगी थी.

यहां तक कि रानू मंडल रैम पर भी मॉडल बनकर चली थी लेकिन कोरोना ने सब खत्म कर दिया जितनी तेजी से उन्हें नाम और शोहरत मिली उतनी ही जल्दी सब कुछ छिन भी गया कोरोना वायरस अगर नहीं फैलता तो शायद रानू मंडल की हालात कुछ और ही होते हो सकता है कि वह मुंबई में होती और वहां फिल्मों में गा रही होती हेमेश रेशमिया की फिल्म में गाना गाने के बाद रानू मंडल मुंबई में ही रह रही थी रानू को मुंबई में कुछ रियलिटी शो में मौके मिले लेकिन तभी कोरोना वायरस आया और सब कुछ बंद हो गया.

मुंबई जैसे महंगे शहर में रानू का रहना मुश्किल हो गया और वह फिर रानाघाट लौट आई रानू एक बार फिर से अपनी पुरानी जिंदगी जी रही हैं पश्चिम बंगाल में राणा घाट के बेगा पारा में इसी घर में रानु मंडल अकेली रहती हैं बाहर से घर की हालत काफी जरजर है वहीं अंदर से भी हालात खस्ता है उनके घर की बाहरी दीवारों पर काई लग चुकी है और यह कभी भी टूट सकता है आपको बता दें यह घर रानू की मौसी का है मौसी के गुजर जाने के बाद इसी घर में वह रह रही हैं उनके घर में सिर्फ एक कमरा है जिसका इस्तेमाल वह सोने और अपना सामान रखने के लिए करती हैं.

घर के बरामदे में रानू अपने लिए खाना बनाती हैं खाना भी वह कभी-कभार ही बनाती हैं ज्यादातर वक्त वह दूसरों के दिए खाने या फिर नमकीन बिस्किट खाकर गुजारा कर लेती हैं रानुमंडल अपने घर आने वाले लोगों से अजीबोगरीब डिमांड करती हैं ऐसा एक ब्लॉगर ने बताया ब्लॉगर ने अपनी वीडियो में रानु मंडल की हालत का खुलासा किया अपने घर आने वाले लोगों से रानु मंडल खाना और खाने का सामान लाने के लिए कहती है.

इसके अलावा वो उनसे मिठाई बिस्किट और रोजमर्रा की जरूरत की सामान भी मांगती हैं अगर कोई उनके लिए चीजें लाने से मना करता है तो रानु मंडल उस पर झाड़ू लेकर दौड़ती हैं इस कारण रानू से मिलने वालों की संख्या दिन बदन कम होती जा रही है कोई भी कार्यक्रम ना मिलने के कारण रानू को अपना जीवन यापन करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है यह बात जानने के बाद कुछ लोग उन्हें खाना देते हैं कई बार तो पूरा दिन बिना खाने के ही रानू को भूखा रहना पड़ता है.

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