2 दिन पहले ही हो गया था जाकिर हुसैन का निधन मगर इस मजबूरी मे छिपा के रखना पड़ा सबसे..

नहीं रहे लेजेंड तबला वादक उस्ताद जाकिर हुसैन साहब जाकर हुसैन साहब की डेथ की खबर सबसे पहले 15 दिसंबर के रात को आई यह खबर तुरंत मीडिया में फैल गई लेकिन उसके कुछ ही समय बाद जाकिर हुसैन साहब की फैमिली वालों की तरफ से एक स्टेटमेंट आया जिसमें उन्होंने कहा कि जाकिर हुसैन साहब की डेथ नहीं हुई है वह हॉस्पिटल में है आईसीयू में है क्रिटिकल कंडीशन में है उनके लिए दुआ करें उसके बाद 16 दिसंबर की अर्ली मॉर्निंग को जाकिर हुसैन साहब की फैमिली ने ही यह बात कंफर्म की कि जाकिर हुसैन साहब चल बसे हैं.

अपने पीछे वो म्यूजिक की एक लिगसी छोड़कर गए हैं हालांकि अब जाकिर हुसैन साहब की डेथ को लेकर एक शॉकिंग खुलासा किया है गजल मेस्ट्रो तलत अजज ने तलत अजज ने अपने लेटेस्ट इंटरव्यू में खुलासा किया है कि जाकिर हुसैन साहब की डेथ ना 15 दिसंबर की रात को हुई थी ना ही 16 दिसंबर की सुबह हुई थी उनकी डेथ तो 14 दिसंबर को ही हो गई थी और तभी जाकिर हुसैन साहब के भाई को यहां इंडिया में कॉल करके बता दिया गया था कि जाकिर हुसैन नहीं रहे हैं यही कारण है कि उनके भाई यूएस के लिए निकल गए.

और इसीलिए परिवार वाले जाकिर हुसैन साहब की डेथ की खबर मीडिया से छुपा रहे थे क्योंकि वो चाहते थे कि पहले पूरा परिवार इकट्ठा हो जाए और जो ऑफिशियल इंफॉर्मेशन जाकिर हुसैन साहब की डेथ को लेकर जाए वो सबसे पहले परिवार की तरफ से ही जाए किसी सोर्स की तरफ से नहीं यही कारण है कि जब तक पूरा परिवार इकट्ठा नहीं हुआ तब तक इस इंफॉर्मेशन को बाहर नहीं आने दिया इंफॉर्मेशन आई तो भी उसे गलत ठहराया गया और फाइनली परिवार ने ही एक ऑफिशियल स्टेटमेंट दिया जिसमें उन्होंने बताया कि जाकिर हुसैन साहब नहीं रहे बताया जा रहा है कि जाकिर हुसैन साहब का जो फ्यूनरल है.

वो इंडिया में नहीं बल्कि सैन फ्रांसिस्को में ही होगा वो पिछले कुछ समय से वहीं पर थे 15 दिन पहले ही उनकी तबीयत बिगड़ी जिसके बाद उन्हें हॉस्पिटल में एडमिट करवाया गया धीरे-धीरे उनकी कंडीशन बहुत ज्यादा क्रिटिकल हुई और 2 दिन पहले उन्होंने आखिरी सांस ली आपको बता दें कि इंडियन गवर्नमेंट ने जाकिर हुसैन साहब को पद्मश्री पद्मभूषण और पद्म विभूषण से सम्मानित किया हुआ है अगर भारत में उनका फ्यूल होता तो राजकीय सम्मान के साथ उन्हें सुपुर्द किया जाता.

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