भूल भुलैया 3 की मंजुलिका वाली कहानी है कितनी असली?..

बहुत कुछ हुआ आपके साथ पैर भी टूट गया हां पिच जो साला हाथ लगाए वही लंगड़ा हो जाए यार काम करने की जगह कैसी चाहिए अनीश बजनी को सर एनीथिंग मैंने तो फिल्में अक्सर लिखी है बॉ पे जब मैं असिस्टेंट डायरेक्टर हुआ करता था कितनी फिल्में मैंने लिखी होंगी करीबन 5 एक फिल्म है मैं वो जो बस की टिकट होती थी उसके पीछे कुछ नहीं होता था तो मैं उस परे पूरा सीन लिख सकता हूं बस की टिकट पर चार पेज का सीन उस छोटी सी बस की टिकट प एक एक वर्ड ये ऐसा करूंगा ऐसा करूंगा ऐसा करूंगा ये एंड मुझे लगता है सर कि फिल्म जो बनाते हैं उसका सेकंड नाम ही कॉम्प्रोमाइज है विदाउट कॉम्प्रोमाइज आई डोंट थिंक के फिल्म में कोई बनाते होंगे बनती होगी ये मतलब डायलॉग से नहीं लिखा था बट जिस मासूमियत से संजय भैया ने बोला और जैसे राजपाल सबके रिएक्शन आए तो मैंने बोला यार बहुत अच्छा है.

ये यूज करना ही करना है बहुत कुछ हुआ आपके साथ पैर भी टूट गया हां पिक्चर जो साला हाथ लगाया वही लंगड़ा हो जाए यार हल्का भी लंगड़ी सी हो गई थ गई हां और एक्टर्स में बात चलता था ये लंगड़ी है कि नहीं है कल तो देखा था भाग के समोसा नकल तो नहीं कर रही है ये चीजें हां तो यही सपना आता है बहुत मजा आता है हमारे जितने असिस्टेंट थे आपके पता नहीं अ पहले आपकी एक भूल बलिया में बच्ची थी क्या नाम था उसका असिस्टेंट बनी थी हां जीी इसमें है तनुज तनुज अलका बिलाल पटा रता और बहुत बहुत मतलब मब इसमें जो है काफी लोग हैं और का वो सिगरेट ले आती थी मेरे चुरा सना पापा के पकेट से ले सिगरेट चुरा के तो उसको भी पटा के रखा था.

इस बार भी असिस्टेंट लोगों को पटा के रखता हूं परफॉर्मेंस जब हो रही होती है इनकी आंखों में तो दिख जाता है उसके पहले फिल्टर इससे कर लेता हूं बिलाल क्या सोचता है तनुज तू क्या सोचता है नहीं ये सारे जो लोग हैं मतलब समटाइम फील होता है इवॉल्वड है बहुत अच्छी बात है काम करने की जगह कैसी चाहिए अनीश बजनी को सर एनीथिंग मैंने तो फिल्में अक्सर लिखी है बस स्टॉप पे जब मैं असिस्टेंट डायरेक्टर हुआ करता था.

कितनी फिल्में मैंने लिखी होगी करीबन 50 एक फिल्में बताओ तो मैं वो जो बस की टिकट होती थी उसके पीछे कुछ नहीं होता था तो मैं उस परे पूरा सीन लिख सकता हूं बस की टिकट पर चार पेज का सीन उस छोटी सी बस की टिकट पे एक-एक वर्ड ये ऐसा करूंगा ऐसा करूंगा ऐसा करूंगा ये एंड उसके बाद जब मैं जा के मुझे पेपर ता था तो फिर ब टिकट सामने रखता था और फिर मैं डायलॉग लिखना शुरू करता वा मेरे को वो नहीं चाहिए कि बहुत शांति हो मूड हो कुछ ग्रीनरी हो पहाड़ तो मजा वो है अच्छा मजा है लेकिन उसके अंदर वो लेकिन कुछ भी जगह हो चीज लिखनी है और समझ आ रहा है देनन प्लेस इ नॉ पोर्टेंट एनवायरमेंट इ नॉट पोट आ जाता है आ जाता ब लिखना हैड कितना मतलब चिखना चिल्लाना होता है अभी हम लोग ने पिछली सीन में पिछली पिक्चर में एक सीन किया था तो क्या फिल्म थी अपने भूल बया में वो जो अपने अश्विनी जी जो है.

उसके बदले आ तबू जी खड़ी हुई है और आप लोग ये सोचते हैं कि ये तो भाई भाभी है हमारी है हमारी अब वो भूस से जिस तरह बात कर रहे हैं तो वो पूरा सीन चार पेज का ऐसे हमने देखा मैंने बात किया मैंने बोला सर इसको साइड में करो अच्छा नहीं है चलिए संजय भाई कुछ बनाते हैं ए वो क्या हां वो मतलब दाल रोटी की बातें चल रही है उसमें और क्याक नहीं था पागलपन तो वो तब होता है तो मुझे लगता है वहां पे तो बहुत शोर था बहुत शरापा था लोग चिल्ला रहे थे लेकिन चल रहा था बन रहा था तो वो जो इंप्रोवाइज होता है वो तो कितना भी शोर हो कुछ हो समझ में आता है कि हां ये करना है कितने साल हो गए फिल्म बनाते हुए मैं मैं अपने लिए पूछ रहा हूं मुझे हां मैंने तो कुछ साल गिनता ही नहीं हूं.

मैं मुझे लगता है कि हां बर्सों हो गए मुझे बट मुझे ऐसा लगता है अभी एक दो साल हुए मुझे आए हुए मेरा जोश पहले दिन का जो था वह भी सेम है एंड मतलब मेरी पिक्चर कुछ मैंने लिखी और बनाई जो बनाई है एस डायरेक्टर भी उसको हो गए होंगे 25 साल और जो लिखी है उसको तो और टाइम हो गया तो आई स्टार्टेड आई थिंक इन 1987 88 और फिल्म लाइन में मैं जब राज साहब के साथ था दैट वाज 76 77 अभी भी ग्रो कर रहे हैं आप हां अभी भी सीख रहा हूं और थोड़ा लग रहा है कि हां थोड़ा थोड़ा समझ में आ गया ये बहुत बड़ा गहरा समंदर है जिसे आर्ट कहते हैं और मुझे लगता है आदमी जितना डूबना शुरू करता है और जितना ज्यादा डूबता है उसे तब लगता है कि नहीं यार बहुत अंदर अभी बचा हुआ है.

तो बस मुझे लगता है वो एक भूख रहे कि भा कुछ सीखना है कुछ समझना है एंड वो है अभी भी आज भी पहले दिन की शूटिंग के टाइम प मुझे बहुत टेंशन रहती है बहुत टेंशन रहती है मैं कई मर्तबा अपने ऑफिस के बाहर जब टेरेस प सारी मेरे जो पोस्टर्स लगे हुसे देखता हूं मुझे लगता है यार यह इतनी फिल्में बना ही और कैसे बन गई यार अब मैं क्या करूंगा तो एक इनसिक्योरिटी आप बोलिए या एक वो डर वो अभी वो डर ही तो बनाता है बहुत हां मुझे लगता है कि वो एक रिलैक्स हो जाता आदमी अरे कर लेंगे कर लेंगे मेरे जहन में कभी नहीं आता मुझे लगता है कैसे करेंगे बाबा ये बहुत मुश्किल है हम लोग बड़े छोटे-छोटे फिल्मों के लिए जाते हैं मतलब मैं छोटे फिल्मों का एक्टर हूं जैसे वध वट टाइ आंखों देखी तो डायरेक्टर बोलता है यार बहुत कंप्रोमाइज करना पड़ता है.

बहुत कंप्रोमाइज करना पड़ता है आज आप हिंदी सिनेमा के सबसे बड़ी फिल्म से रिलेटेड कितना आपको भी कंप्रोमाइज करना पड़ता है मुझे लगता है सर कि फिल्म जो बनाते हैं उसका सेकंड नाम ही कॉम्प्रोमाइज है विदाउट कंप्रोमाइज आई डोंट थिंक के फिल्में कोई बनाते होंगे बनती होगी किस तरह के कप छोटी फिल्में जो है उनका अपना लेवल का कंप्रोमाइज होता है हमारे अलग लेवल के कंप्रोमाइज होते हैं बट आपको बताऊ कि जोशन होता है एज अ मेकर वो एक एकदम सेटिस्फाइड कि हां यही सब है ये बहुत कम होता है तकलीफें बहुत होती है एंड उसके वक्त आपको यह सोचना पड़ता है कि भैया यह जो दी बेस्ट रास्ता क्या है वह निकाला जाए और वक्त पर निकाला जाए.

क्योंकि भाई सबटाइटल में तो लिख नहीं सकते कि ये ये वजह थी मतलब मुझे लगता है कि अच्छी फिल्म बनाने के लिए वो जो 300 लोग मेहनत कर रहे हैं वो बहुत इंपॉर्टेंट है और उस फिल्म को जरा और खराब करने के लिए या उस शॉट को खराब करने के लिए एक आदमी बहुत है तो वो एक आदमी जो है अगर एक मछली हां कि भाई कार्तिक का हाथ ऐसे है और खून गिरना है अब वो जो डाल रहा है उसने खून यहां गिरा दिया तो वो शर्ट जो है अब वो दोबारा यूज नहीं हो सकती अब वो देखना पड़ेगा कि वो धुले गी कब या नया शर्ट है या नहीं है तो कभी जो सोचते नहीं है.

हम कि इसमें तकलीफ हो सकती है वो तकलीफें जो है सेट पे हमारा भी एक छोटा सा सीन था उसमें कलर गिरना था कहीं कुछ अरे बाप रे कितनी मुना ब देखने में तो इतना आसान लगता है कि ऊपर से कलर गिरा पेंटिंग पे चार लोग खड़े हैं अभी हमने यह सोचा ही नहीं था कि भाई अगर वो कलर गिरेगा तो कितना कलर लोगों प उछले ग क्योंकि वो कभी उतना साइंस समझने की कोशिश नहीं की थी और जो फ रहे थे उन्होंने भी जो है बोला कि ठीक से लगना चाहिए कलर तो उन्होंने भी डब्बा बहुत ज्यादा भर दिया और वहां से फेक से ु कर फिर वो कैसे कैसे सबके अभी वो जो साड़ी थी वो कहीं से मंगाई थी तृप्ति की वो मतलब साड़ी दोबारा दूसरी मिलनी नहीं थी और वो हो गई थी पूरी खराब आगे पूरा ब्लड और उसके बाद का सीन बचा हुआ है हम सब अब ये कॉम्प्रोमाइज जो है ये हमने सोचा ही नहीं.

कभी कि ऐसा कुछ हो सकता है अब कैसे करें तो कैसे मुश्किल से सब किया है अभी मुझे तनुज और बिलाल बता रहे थे क्या चिरक कुछ कुछ कौन है ये ब चिकी चिकर हां ये कौन है बे चिकर टाइप ना ऐसे ऐसे क्या है ये मतलब डायलॉग से नहीं लिखा था बट जिस मासूम से संजय भैया ने बोला और जैसे राजपाल सबके रिएक्शन आए तो मैंने बोला यार बहुत अच्छा है ये यूज करना ही करना है तो बहुत सीरियस सीन है जहां सब मुझे बोल रहे थे अरे नहीं सर ये डायलॉग जो है रखेंगे ना तो ये बहुत सीरियसनेस चली जाती है मैंने बोला नहीं सीरियसनेस जाए बट ये है मुझे बहुत अच्छा लगता है कि वो बोलते हैं कौन है ये चिर कंडी तो राज पलटन करता है कौन सा कंडी शिखर कंडी तो वो कुछ अजीब वियर्ड है.

तो पसंद कर ये तो हमारा कैमरामैन और नीरज भाई हंस रहे हैं पसंद करेगी ऑडियंस 100% सर 100% सर देखिए मैं इतना बताऊं कि ऐसा बहुत कम हुआ है कि जो चीज मैंने मॉनिटर पर देखी है और मैंने एंजॉय की हो उसको लोगों ने एंजॉय ना किया हो तो वो मुझे मेरा अपना तराजू मापदंड जो भी बोलिए मैं भी ऐसा फील करता हूं कि मैं राइटर हूं डायरेक्टर हूं बाद की बात है मैं ऑडियंस हूं और मैं बहुत ही पक्का वाला ऑडियंस जिसको बोलते हैं मज आना चाहिए वाले कैरेक्टर जो होते हैं तो मैं वैसे फिल्म देखता हूं और वैसे ही मॉनिटर प भी रहता है तो जहां मुझे मजा आता है वो लगता है हां यह वर्क बिल्कुल किया है जहां मुझे इमोशनल फील होता है वहां मैंने देखा है कि बराबर लोग रोते हैं तो ये एक जजमेंट ही होता है.

सर क्या वर्क करेगा ये ऐसे डायरेक्टर है भूल भुलैया टू में मुझे मैसेज आया इनका बहुत सुपर हिट थी लोगों ने बहुत पसंद किया था तो इनका मैसेज आया था नीज बजिया कहां से लाते हैं आप ये कढी और ये पता नहीं क्या क्या क्या क्या ये बहुत बड़ा कंप्लीमेंट मतलब आपकी तरफ स देखिए क्या है मुझे लगता है कि आप जिनको पसंद करते हैं जिनको प्यार करते हैं जो लोग उस लायक है तो मैं तो सर कंजूसी तारीफ में करता नहीं हूं मुझे लगता है कि एंड मुझे बहुत अच्छा लगता है मुझे लगता है कि फिल्म के लिए जो आधा परसेंट भी आदमी कंट्रीब्यूट कर रहा है उससे मुझे कुछ दिली प्यार हो जाता प्यार हो जाता है क्योंकि वो फिल्म के लिए हो रहा है तो मुझे वैसा ही एक्स्ट्रीम व है कि जो आधा परस भी कुछ खराब हो रहा है तो मुझे अंदर से थोड़ा बड़ा गुस्सा आना शुरू होता है कि नहीं यार ये आदमी क्यों भाई एक बार मुझ पे कब गुस्सा आया था नहीं.

मुझे कभी आप याद कीजिए हम कब से काम कर रहे हैं उसमें थे क्या नाम अपना वेम है आपके साथ मैं एंजॉय करता हूं हंसता हूं मजा आता है एंड लगता है चलो यार अभी आज शूटिंग खत्म हो गई अभी कल मजे और करेंगे तो वो आपके साथ आप प्यार करते हैं हमसे बहुत प्यार करता हूं आपसे और मैं आपको ईमानदारी से बताऊं मैं बहुत कम लोग हैं जिनकी मतलब इतनी इज्जत भी करई लव य कल अभी कंटिन्यू चल रहा था तो वो सब बात कर रहे थे एंड बात आई आपकी मैंने शायद पता नहीं 10 मिनट बोलता गया तो वो इंटरव्य बोलता है इनसे आपका मतलब बहुत बायस मेरा बायस नहीं है भाई बाकी सब भी बहुत कमाल है लेकिन यार है इनमें तो मैं जो बोल रहा हूं कुछ गलत तो बोल ही नहीं रहा हूं.

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