शशि कपूर अरबों की दौलत लेकिन आखिर समय में ऐसे हो गए थे बर्बाद…

कपूर खानदान के सबसे कहते कलाकारों में से एक शशि कपूर साहब की बात करें तो आज यह भले हमारे बीच में नहीं है लेकिन इनके दिए गए यादगार पाल आज भी तरोता जाए शशि कपूर साहब फिल्म इंडस्ट्री के उन दिग्गज कलाकारों में से एक आते हैं जिनकी फिल्मों की खुमारी आज भी तरवाता है शशि कपूर ने अपने शानदार फिल्मी सफर के दौरान करीब 160 से ज्यादा फिल्मों में कम किया है और इन्होंने काफी नाम और शोहरत भी कमाया है लेकिन आप इस बात से भी गुनेज नहीं कर सकते हैं की एक अच्छे अभिनेता होने के साथ-साथ इन्हें काफी दुख भारी जिंदगी भी जनी पड़ी शशि कपूर के नाम को भले ही कपूर खानदान से जोड़ा गया लेकिन कपूर खानदान का इन्हें ज्यादा फायदा नहीं मिल पाया फिल्म में नाम और शोहरत कमाने वाले शशि कपूर की जिंदगी में एक ऐसा भी समय आया जब उनको अपने पत्नी के गने तक बेचे पद गए थे लेकिन उन्होंने कभी भी हिम्मत नहीं हरि शशि कपूर की बात करें तो 18 मार्च 1938 को कोलकाता में इनका जन्म हुआ था.

और इनका असली नाम बालवीर राज कपूर था वो अपने भाइयों में सबसे छोटे थे और इस वजह से उन्हें बहुत ज्यादा प्यार भी मिलता था पिता और भाइयों के रक्षक पर चलते हुए शशि कपूर ने भी बॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्री में अपना और उनके गुड लक्स की उसे जमाने में बहुत ज्यादा तारीफ में हुई उन्होंने अपने करियर के दौरान 160 से ज्यादा फिल्मों में कम किया और उनके कम की हमेशा से सराहन भी हुई वैसे देखा जाए शशि कपूर सुपरस्टार र चुके हैं वो 60 और 70 के दशक में सफलता की गारंटी मैन जाते थे हालांकि एक दो ऐसा भी आया जब उनके पास कम नहीं था उनकी प्रोड्यूस की गई फिल्में बॉक्स उसे पर फ्लॉप हो गई थी कपूर खानदान के सबसे लाडले शशि कपूर रॉयल लाइफ जीने के आदि हो चुकी थी एक दो और ऐसा भी आया है जब उनकी प्रोड्यूस की गई फिल्में लगातार फ्लॉप हो चुकी थी ऐसे में सारे अकाउंट खाली होने की वजह से शशि कपूर को अपना घर चलाना मुश्किल हो गया था.

अमिताभ बच्चन के साथ अजूबा फिल्म फ्लॉप होने के बाद वो कर्ज में डब गए थे क्योंकि इस फिल्म पर जरूर से ज्यादा पैसा ग गया था शशि कपूर के जब सारे अकाउंट्स खाली हो गए तो उन्होंने अपनी भारत कर बीच बेचकर घर के लिए जरूरी चीज जुताई थी उनकी विदेशी मूल की पत्नी जॉइनिंग पर कैंडल ने अपने जेवरात भी शशि कपूर के हवाले कर दिए थे शशि कपूर के बेटे कुणाल कपूर ने इंटरव्यू में इस बात का खुलासा भी किया था इस पर उन्होंने कहा था की उनके पिता ने घर चलने के लिए अपनी भारत कर भेज दी थी मां जेनिफर ने भी अपना समाज बेचना शुरू कर दिया था हालांकि मैं इन हालातो से जल्दी बाहर ए गए बताना चाहेंगे की घरवालों की मर्जी के खिलाफ और शशि कपूर ने जेनिफर को अपना हमसफर बनाया था जेनिफर को कैंसर हो गया था बाद में और एक लंबे समय के बाद साल 1984 में उनका निधन हो गया था.

पत्नी की मौत के बाद से शशि कपूर एकदम से टूट गए थे लेकिन उन्होंने अपने बच्चों के खातिर खुद को संभाल था वैसे देखा जाए किसी कपूर अपनी शानदार एक्टिंग को डांस के अलावा कम के प्रति ईमानदारी वीरमाता और लग्न के लिए भी जान जाते हैं उनकी विनम्रता से जुड़ा एक हिस्सा काफी ज्यादा चर्चाओं भारत रहा है शशि कपूर को उनकी दाएवू फिल्म ब्रह्मपुत्र के लिए एनएएसएलआर वोट के लिए चुनाव गया था पर उन्होंने नेशनल अवार्ड लेने से ₹700 कर दिया था और ये फिल्म 1961 में रिलीज हुई थी जिसमें उनका लेट किरदार था पूरे अगर घटना का जिक्र करें तो शशि कपूर के इस कम के पीछे एक बड़ी खास वजह थी मेरी रिपोर्ट्स के अनुसार बताया जाता है की शशि कपूर ने 2012 में एक इंटरव्यू के दौरान बताया था की वो फिर धर्मपुत्र के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए नॉमिनेट हुए थे पर उन्हें ये अवार्ड लेना सही नहीं लगा दरअसल शशि कपूर को लगता था की फिल्म में उनका कम इस लायक नहीं था.

की उन्हें उसके लिए नेशनल अवार्ड से नवादा जाए बताना चाहेंगे की धर्म पुत्र को यश चोपड़ा ने डायरेक्ट किया था शशि कपूर को सिनेमा में उनके योगदान के लिए भारत सरकार ने 2011 में पदम भूषण से भी नवाज गया था शशि कपूर को 2015 में दादा साहब फालके अवार्ड से भी सम्मानित किया गया और शशि कपूर 2017 में 89 साल की उम्र में उनका इतिहास हो जाता है और उनकी फिल्में और पृथ्वी थिएटर कल के क्षेत्र को आज भी काफी ज्यादा प्रभावित करते हैं और आज भी उनकी शानदार ए जाएगी के लिए उन्हें याद भी किया जाता है.

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