जब भी फिल्म के लिए जाता हूँ तो चेयर साथ लेकर जाता हूँ ताकि शर्मिंदगी ना हो…

राहुल बोस फिल्म इंडस्ट्री के फाइन एक्टर्स में से जाने जाते हैं उन्होंने जितनी भी फिल्में की है चाहे वह कमर्शियली सक्सेसफुल हुई हो या नहीं हुई हो राहुल बोस के एक्टिंग की बहुत तारीफ हुई लेकिन राहुल बोस ने अपने रिसेंट इंटरव्यू में बताया कि इंडस्ट्री में इनिशियली उन्हें बिल्कुल भी रिस्पेक्ट नहीं मिली थी और तो और उनकी पहली ही फिल्म पर उनके साथ ऐसा बर्ताव किया गया कि आज तक वो बात उन्हें याद है राहुल बोस ने अपने लेटेस्ट इंटरव्यू में बताया कि जिस वक्त वह अपनी पहली फिल्म कर रहे थे उस वक्त सेट पर उन्हें कुर्सी तक ऑफर नहीं की जाती थी.

शूटिंग के सेट पर राहुल बोस जब जाते थे और फ्री टाइम होता था तो बैठने के लिए जब चेयर नहीं होती थी तो वह डिवाइडर पर बैठ जाते थे सड़क पर बैठ जाते थे जमीन पर बैठ जाते थे ऐसा नहीं है कि सेट पर किसी के लिए भी कुर्सी नहीं थी राहुल बोस ने बताया कि वहां पर प्रोड्यूसर प्रोड्यूसर के चाचा मामा सबके लिए कुर्सियां थी लेकिन राहुल बोस को कुर्सी तक नहीं दी जाती थी राहुल बोस ने बताया कि यह इंसिडेंट उनके दिल में दिमाग में इतना घर कर गया कि उसके बाद वह कहीं भी गए तो अपनी कुर्सी साथ लेकर गए क्योंकि वह नहीं चाहते थे.

कि और किसी फिल्म के सेट पर उन्हें ऐसा एक्सपीरियंस हो कि जब उन्हें कुर्सी नहीं दी जाए उन्होंने कहा कि उन्होंने एक शॉप से ₹1000000 की कुर्सी खरीदी और वह अपनी कुर्सी साथ लेकर जाया करते थे ना सिर्फ ये बल्कि राहुल बस ने यह भी कहा कि अब जब भी कोई उनसे से मिलने आता है तो वह सबसे पहले उसे कुर्सी ऑफर करते हैं और बिठाते हैं राहुल बोस कहते हैं कि वह चाहते तो वह भी ये कर सकते थे कि किसी और को कुर्सी ना ऑफर करें जैसे उन्हें ऑफर नहीं की गई.

लेकिन राहुल बोस यह सारी चीजें बदलना चाहते हैं यही कारण है कि उस इंसिडेंट से उन्होंने अपने अंदर यह चेंज लाया कि कभी भी किसी को खड़ा नहीं रखेंगे व चेयर देंगे राहुल बोस का यह कुर्सी वाला किस्सा काफी वायरल हो रहा है और लोगों को यह पता चला है कि कैसे इंडस्ट्री इनि केली हर किसी आर्टिस्ट को टेस्ट करती है और फिर उसे वैल्यू करती है.

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