स्लीपर बस से सावधान, 21 लोगो के निधन का जिम्मेदार कौन?

राजस्थान से बस में आग और 21 जिंदगियां खत्म हो गई हैं। ये कल हमने आपको खबर दिखाई थी। उस वक्त 19 लोगों की जान गई । बस जलकर खाख हो गई और इस बस के जलने में 21 जाने चली गई। । से जलकर राख हो गई। उसके बाद कन मंगाई गई है। जिसने इसे हटाया है। इसमें 50 से ज्यादा मुसाफिर सवार थे। 21 की जान गई और इसमें जो देह बस से निकले वो ऐसी हालत में थे जिन्हें देखना मुश्किल था। बहुत से देह बस से चिपक गए थे। लेकिन एक और दर्दनाक बात एक जवान सेना का जवान भी इस बस में परिवार के साथ सवार था। पूरा परिवार इस बस में था और सभी की जान गई ।पतिपत्नी और दोनों बच्चों का निधन हो गई।

सेना के जवान महेंद्र मेघवाल पत्नी दो बेटियों और एक बेटे के साथ दिवाली की छुट्टियां मनाने जा रहे थे। लेकिन नियति को यह मंजूर ना था। बस में आग लगी और उनका पूरा परिवार खत्म हो गया। एसी बस बीच सड़क आग का गोला बन गई। जिसमें महेंद्र और उनके परिवार के अलावा 16 और लोग खाख हो गए। कई बसों में यह होता है कि ग्लास तोड़ने के लिए यंत्र लगा होता है लेकिन वो भी नहीं होता है। प्लस हद से ज्यादा सवारी भर के ये चलते हैं। उस पे कोई रेगुलेटरी नहीं है। कोई इस पे कोई नियम कायदे नहीं है।

दरअसल यह एसी स्लीपर बस में मंगलवार दोपहर 3:30 पर आग लग गई। बस जैसलमेर से जोधपुर जा रही थी। उसमें 57 लोग सवार थे। हादसा जैसलमेर से करीब 15 किमी दूर वॉर मेमोरियल के पास हुआ। हादसे के वक्त 19 लोगों की निधन बस के अंदर ही हो गई थी। बस में कई लाश एक दूसरे के ऊपर चिपकी हुई मिली। चश्मदीदों के मुताबिक आग लगने से बस का गेट लॉक हो गया था। आर्मी ने जेसीबी लगाकर बस का गेट तोड़ा है और लोगों को रेस्क्यू किया है। झुलसे यात्रियों में 8 साल के मासूम से लेकर 79 साल के बुजुर्ग तक फंस गए थे। स्लीपर बस को मॉडिफाई करके एसी बस में कन्वर्ट किया गया।

बस नई थी लेकिन इसमें ना इमरजेंसी गेट था और ना ही विंडो हैमर। इसी महीने 1 तारीख को ही सोचिए बस का रजिस्ट्रेशन हुआ। बस को 9 अक्टूबर को ऑल इंडिया का परमिट भी मिल गया। मंगलवार को इसका महज चौथा ट्रिप था। लेकिन यह खाक हो गई चौथे ट्रिप में। आग लगने का कारण एसी में शॉर्ट सर्किट बताया जा रहा है। जैसे ही शॉर्ट सर्किट हुआ, पीछे लगे एसी की यूनिट में आग लग गई।

चश्मदीदों के मुताबिक बस पूरी भरी हुई थी। लोग गैलरी में भी बैठे थे। बीच के रास्ते में भी लोग बैठे थे। जैसलमेर में स्लीपर बस अग्निकांड में मृतकों की संख्या हो गई 21। मरने वालों की पहचान के लिए परिजनों के अब डीएनए लिए जाएंगे। डीएनए से शवों की पहचान होगी। ऐसे शत विषत स्थिति में 15 लोग गंभीर हैं। पांच लोगों को जोधपुर में वेंटिलेटर पर रखा गया है।

इस बीच राजस्थान सरकार ने बस हादसे में एक्शन लिया है। चित्तौड़गढ़ के कार्यवाहक डीटीओ को सस्पेंड कर दिया गया है। सहायक प्रशासनिक अधिकारी को भी सस्पेंड कर दिया है। बस की बॉडी को चित्तौड़गढ़ में परिवहन विभाग ने अप्रूव किया था। बस मालिक और ड्राइवर के खिलाफ जैसलमेर में केस दर्ज किया गया है। यह है इस वक्त स्थिति। बताया यह भी जा रहा है कि बस में पटाखे भी रखे हुए थे। सुनिए जरा क्या कुछ कह रहे हैं परिवार के लोग बच्ची तो गए साल पांच पढ़ छोड़ दी वो बच्चा जो जूनस है ना वो पढ़ता था चौथी इरफान छोटा था हां इरफान छोटा था पांच साल का ज्यादा हमें देखो बच जाओगे नहीं बचे की था फिर हमारे को पता चला फिर हमको रात के वहां गए जोधपुर रात को वही डेथ हो गई हुसैन की बहुत गरीब परिवार है ।

और सरकार ने जो मोदी जी ने ₹ लाख के ये तो ऊंट के मुंह में जी रहा है। जब सरकार चाहे तो इनको ₹1 करोड़ का मुआवजा मिलना चाहिए। हर हर जो भी इसमें डेथ हुई है उनको आंखें इस सिर से ऊंचो एक हाथ एक जल गया। खुद आप गाड़ी आप चढ़े आप ही खुद तो इसलिए कोई मरने कोई चांस है ही नहीं। एक बच जा। अब सोचिए जरा क्या जान इतनी सस्ती है जो लोग सफर कर रहे थे इस बस में उनकी क्या गलती थी। लेकिन सिर्फ ये एक हादसा नहीं जैसलमेर की एक तस्वीर देखी। आज जयपुर में भी एक बस में आग लग गई। देखिए राजधानी जयपुर की तस्वीर सामने आई। बस में मुसाफिर थे। जा रहे थे। आग लगी। फौरन बस से उतरे।

आखिर बस क्यों इतनी खतरनाक होती जा रही है? यह मैं आपको बताता हूं। देखिए बस आमतौर पर भारतीय स्लीपर बसों में 30 से 60 सीट होती हैं। सभी बर्थ की लंबाई करीब 6 फीट और चौड़ाई 2.6 फीट होती है। लेकिन बसों में आने जाने के लिए बेहद पतली गैलरी होती है। जहां एक वक्त में सिर्फ एक शख्स ठीक तरह से एक भी नहीं चल सकता। हादसा हुआ तो एक साथ कई लोगों को निकलना उनके लिए नामुमकिन हो जाता है। आमतौर पर स्लीपर बसों की ऊंचाई 8 से 9 फीट तक होती है और हादसे की सूरत में अगर बस अचानक एक तरफ झुक जाती है तो यात्रियों के लिए इमरजेंसी विंडो या गेट तक पहुंचना भी मुश्किल हो जाता है। एसी स्लीपर बसों को ऑपरेट खुद ही ऑपरेटर क्या करते हैं? ऐसी बसों को मॉडिफाई करा लेते हैं। यानी इनको और बेहतर बनाने की कोशिश करते हैं। इसमें सुरक्षा मानसों का अक्सर ध्यान नहीं रखा जाता है।

ज्यादातर स्लीपर बसें 1000 कि.मी. तक का सफर रात में तय करती हैं। इसलिए ड्राइवर के थकने और झपकी आ जाने की संभावना पूरी-पूरी होती है। सुनिए जरा क्या कुछ कह रहे हैं इस पर सियासतदार। अत्यंत ही दुर्भाग्यपूर्ण और हृदय विदारक घटना कल जैसलमेर जोधपुर के बीच में घटित हुई। निश्चित रूप से दुर्भाग्यपूर्ण है। जांच का विषय भी है। एक बार जांच की रिपोर्ट आ जाने के बाद में ही इस विषय पर आगे टिप्पणी करना समीचीन होगा। जितने घायल हैं उनको ज्यादा से ज्यादा कितना बचाया जा सके। बाकी दीपावली के इस अवसर पर बहुत ही दिल को दहलाने वाली ये घटना हुई है। सभी इसके लिए संवेदना भी प्रकट करते हैं। बड़ा गहरा सदमा लगा पूरे प्रदेश को। दुखद घटना है। जांच का विषय भी है। बस में आग लगी क्यों? ये जांच का विषय भी हो सकता है।

कई बार नई बस खरीदते हैं। ये मैंने कोई 10 दिन पहले बस खरीदी थी। सुना है मैंने। तो पता नहीं कोई टेक्निकली गलत तो नहीं है। ऐसे वक्त में कोई लापरवाही नहीं करनी चाहिए। पहली हमारी प्राथमिकता है कि जिनकी जान बच गई है, झुलस गए हैं उनको अच्छा उपचार मिले। जो भी जांच में आएगा प्रथम दृष्ट्या यह लगा कि भाई बॉडी उसकी जो बस की बॉडी है उसमें निकास द्वार पीछे था एक था। ये सारी टेक्निकली चीजें हैं। इनको और आइए खबरों में आगे बढ़ते हैं। आज की एक और खबर है। त्यौहार का मौसम आ रहा है। उत्तर प्रदेश सरकार सक्रिय भी है और तोहफे भी दे रही है। गिफ्ट के साथ योगी की गाइडलाइंस भी आ गई हैं। योगी आदित्यनाथ आज लखनऊ में थे। महिलाओं को दिवाली गिफ्ट भी दिया है। इससे पहले भी तोहफा दे चुके हैं यूपी के लोगों को और साथ ही साथ दिशा निर्देश भी दिया। आइए आपको बताऊं योगी ने क्या गाइडलाइंस जारी की है और गिफ्ट क्या दिया है।

त्यौहार पर सीएम योगी गिफ्ट दे रहे हैं और कड़े निर्देश भी दे रहे हैं। पहले करीब 15 लाख सरकारी कर्मचारियों को बोनस दिया। फिर 1 करोड़ 86 लाख परिवारों को मुफ्त सिलेंडर की सौगात दी। पीएम उज्जवला योजना के तहत गरीब वंचित महिलाओं को गिफ्ट है यह। योगी ने कहा जिस रसोई गैस के लिए आपको पैसे देने होते हैं यूपी सरकार अब साल में ऐसे दो सिलेंडर आपको मुफ्त देगी। गिफ्ट के बाद योगी ने त्यौहार पर गाइडलाइन जारी की। कोई भी त्यौहार में रंग में भंग डालने का प्रयास करेगा तो जेल की सलाखें उसका इंतजार कर रही हैं। चाहे वह कोई भी हो जेल में ठूसने में देरी नहीं होगी।

अब दंगाइयों के आगे झुकने वाली सरकार नहीं है। इसलिए हर त्यौहार खुशी के साथ मनाया जा रहा है। फिर से अपील की है कि त्यौहार शांति और सौहार्द से मनाएं। यह वो सरकार है जो जिस भाषा में समझता है उसे उसी भाषा में समझाना जानती है। पहले की सरकारों में महिलाएं बेटियां सुरक्षित नहीं थी। अब बेटियों की सुरक्षा की जिम्मेदारी सरकार की है। अब यूपी में अगर किसी ने बेटी के साथ छेड़छाड़ की तो अगले चौराहे पर यमराज के दर्शन उसके हो जाएंगे। अगर यमराज से टिकट कटवाना है तो बेटी से छेड़छाड़ करना। योगी ने ये आज कहा सुनिए जरा क्या कह रहे हैं। उत्साह उमंग के त्यहार में असी किसी ने रंग में भंग डालने का काम किया।

किसी ने व्यवधान डालने का काम किया तो जेल की सलाखें उसका इंतजार कर रही होंगी। वो कोई भी होगा उसको अंदर ठूंसने में बहुत देर नहीं लगेगी। प्रसन्नता है कि गत 8 वर्ष के अंदर जो भी पर्व और त्यौहार उत्तर प्रदेश में आयोजित हुए शांतिपूर्ण तरीके से उत्साहपूर्ण तरीके से उमंग पूर्ण तरीके से आयोजित होते हैं। अब ये वो सरकार नहीं है जो दंगाइयों के सामने घुटना टेकती हो। यह सरकार तो जो जिस भाषा में समझेगा उस भाषा में समझाना भी जानती है। सबको प्राप्त हो रही है और सरकार की तो पहले से ही घोषणा है कि अगर बेटे की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ किया तो तय मानिए कि अगले चौराहे पर यमराज टिकट काटने के लिए खड़ा होगा। छोड़ेगा नहीं। अगर किसी को यमराज से टिकट कटवाना हो तो वह किसी राह चलती हुई बेटी के साथ छेड़खान करके दिखा

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