महंगाई की मार का असर फेस्टिव सीजन के बाद भी चालू रहा जहां लोगों को उम्मीद थी कि फेस्टिव सीजन के खत्म होने के बाद उन्हें महंगाई से राहत मिलेगी पर हुआ इसका उल्टा बाजार में हरी सब्जियां टमाटर के दाम में भली हल्की नरमी आई है पर अभी भी इनके दाम उच्चतम स्तर पर बने हुए हैं वहीं प्याज की कीमतों में फिर आई है इसके अलावा लहसुन के दाम में भी शानदार तेजी देखने को मिल रही है.
प्याज पड़ा वही 20 पसे किलो हुआ बहुत महंगा मत पूछ सारा सब्जी महंगा है आदमी क्या खाएगा क्या कमाए बहुत परेशानी क्या सर 20 30 किलो हार्डली मिलता था जो अभी के डेट में सर 70 और 60 से कम नहीं रहा कहीं मार्केट में गरीब आदमी खाएगा क्या और नहाए क्या परेशानी तो परेशानी बताने वाली चीज है देखने वाली चीज पूरा मार्केट में पता कर लीजिए रेट यहां का रेट नहीं है पूरा वर्ल्ड का रेट है वर्ल्ड में क्या बताऊ मैं आरा का रहने वाला हूं.
फुलवारी शरी मेरा घर है पटना का रेट य है अभी प्याज आलू सबका रेट यही है आलू प्याज तो इतना मार दिया है कि लगता है कभी जिंदगी में ऐसा सरकार बना ही नहीं था हालही में कल की रिपोर्ट अनुसार पिछले महीने अक्टूबर में सब्जियों के दाम में हुई बढ़ोतरी के कारण वेज थाली और नॉनवेज थाली दोनों महंगी रही रेटिंग एजेंसी क्रिसल की रिपोर्ट के मुताबिक वेज थाली 1 साल की समान अवधि से 20 फीदी बढ़कर ₹ 3.30 पसे प्रति प्लेट हो गई है.
नॉनवेज थाली में भी 5.11 फी महंगी होकर ₹1 60 पैसे प्रति प्लेट हो गई है ऐसे में 12 नवंबर और 14 नवंबर को आने वाले महंगाई के आंकड़े से पहले लोगों ने अनुमान लगाया है कि अक्टूबर में महंगाई ने पक्का कोई रिकॉर्ड तोड़ा होगा अब देश के कई बाजारों में लहसुन ₹5000000 से ₹1 बिक रहा था माना जा रहा है कि लहसुन की कीमतों में और इजाफा हो सकता है इस वजह से कई लोग लहसुन खरीदने से कतरा रहे हैं.
और यही कारण है कि अनाज मंडियों में भी इसकी विक्री काफी कम हो रही है राजस्थान के मंडियों में लहसुन की सीधी खरीद पर 91101 प्रति क्विंटल की बोली लगी थी यह अभी तक सबसे महंगी बोली थी ऐसे में किसानों ने आशंका जताई है कि आने वाले दिनों में लहसुन के दाम और बढ़ सकते हैं.
हर साल सर्दियों में लहसुन की मांग बढ़ जाती है इसके अलावा लहसुन की बुआई हो जाने के बाद बाजार में पुराने लहसुन की सप्लाई कम हो जाती है जब भी किसी चीज की डिमांड ज्यादा होती है और सप्लाई कम होता है तो उसके दाम में इजाफा होता है ऐसे में माना जा रहा है कि जब तक बाजार में नए लहसुन नहीं आ जाएंगे तब तक लहसुन की कीमतों में गिरावट नहीं होगी.