शारदा सिन्हा के पति ब्रज किशोर कौन है अभी जीवित है या नहीं..

शारदा सिन्हा अपने लोकगीत के लिए केवल बिहार में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में मशहूर थी उनके लोकगीत दिल को छू लेने वाले थे लेकिन अब शारदा सना हम सबके बीच नहीं रही पिछले कुछ दिनों से अस्पताल में भर्ती रहने के बाद उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था लेकिन दिल्ली एम्स में इलाज के दौरान उन्होंने 5 नवंबर को अंतिम सांस ली लोकगीत गायिका कई सालों से मल्टीपल पायलो से पीड़ित थी.

बताया जाता है कि ये बीमारी कैंसर के रूप में होती है जो रीढ की हड्डी को प्रभावित करती है वहीं हाल ही में गायिका के पति ब्रज किशोर सिन्हा का भी निधन हुआ है जिसके बारे में शारदा सिन्हा ने खुद अपने फ पोस्ट पर पोस्ट कर बताया था उनके जाने के बाद शारदा काफी टूट गई थी हालांकि खुद को हिम्मत देते हुए उन्होंने संगीत का सफर जारी रखा अब गायिका अपने पीछे बेटी वंदना और बेटे अंशुमन सिन्हा को छोड़ गई.

इसके अला अंशुमान की एक बेटी भी है हाल ही में शारदा ने जब पति ब्रज किशोर सिन्हा की आखिरी तस्वीर सांझा की थी तो उसमें पति के गोद में उनकी पोती ही थी इमोशनल पोस्ट लिखते हुए गायिका ने कहा जब सब घर में सो रहे होते थे आज के दिन सिन्हा साहब चुपके से उठकर फूल वाले के पास जाते दो गुलाब और कुछ चटपटा नाश्ता हाथ में लिए एक नटखट सी हंसी अपने आंखों में दबाए घर आते बिना आवाज किए मेरे सिरहा ने पर रखी कुर्सी पर बैठकर इंतजार करते थी.

कि कब मैं उठूं और वह मुझे वो दो गुलाब देकर कहे जन्मदिन हो आज तुम्हें मुबारक तुम्हें गुलिस्ता की कलियां मिले बाहर ना आए तुम्हारे चमन से तुम्हें जिंदगी की खुशियां मिले फिर मैं अर्ध निद्रा में आंख मलते हुए उठती उन्हें हाथ जोड़ प्रणाम करती और इससे पहले कि मैं अपनी शब्दावली का चयन कर उन्हें धन्यवाद करती वो अधीर हो पूछ बैठते अरे भाई आज तो कुछ खास होना चाहिए खाने में फिर वो चटपटा नाश्ता मेरे ठीक सिरहाने रखकर कहते.

हां जी यह सबके लिए मैं उनके स्वास्थ्य का ध्यान रखने के हिसाब से उन्हें मना करती मत खाइए यह सब तबीयत खराब हो जाएगी अरे छोड़ो जी मस्ती में रहा करो कहकर वह चल देते मैं बच्चों से कहती उनको मत देना इसे नाश्ते में से वह पक्का पहले ही खा चुके होंगे चश्मे के ऊपर से वह मुझे घूरते और कहते नहीं नहीं मैं उन्हें और जोर से घूरती तो चुपचाप कह देते.

थोड़ा खाया था मैंने फिर मैंने बच्चों से उनकी दवा दिलवाकर उन्हें आराम करने को कहती बिना सिन्हा साहब के यह दिन शूल स गड़ता है मुझे आज मैं क्या पूरी दुनिया ही उन्हें फूलों से सजा रही है आपको बता दें कि शारदा सिन्हा बिहार के बेगूसराई की रहने वाली थी बेगूसराय शारदा सेन्हा का ससुराल था उनके पति बृज किशोर सिन्हा भी विभाग में ही काम करते हालांकि शारदा का जन्म बिहार के सो सुपौल में हुआ था लोक गायिका के साथ-साथ समस्तीपुर कॉलेज में प्रोफेसर भी थी दोनों पति-पत्नी रिटायर होने के बाद दिल्ली से सटे इंदिरापुरम में अपने बेटे के साथ सालों से रह रहे थे.

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