पढ़ाई आजकल हर क्षेत्र में कितनी जरूरी है यह बात तो हम जानते है
इसमें भी खास तौर पर नेता का पढ़ा लिखा होना बहुत जरूरी होता है
लेकिन आज नकली चीजों के दौर में कई बार नेता फर्जी डिग्री दिखाकर न केवल चुनाव जीतते है
बल्कि वोटर को बेवकूफ बना कर उनकी भावनाओं मजाक भी उड़ाते नजर आते है
अरविंद केजरीवाल ने जब देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डिग्री को फर्जी बताया था तब काफी चर्चा हुयी थी
साथ ही उस दौरान स्मृति ईरानी की एजुकेशनल डिग्री फेक होने की बात सामने आई थी
नरेंद्र मोदीजी ने दिल्ली यूनिवर्सिटी से साल 1978 में बी.ए और 1983 में गुजरात यूनिवर्सिटी से ऐम. ए की डिग्री ली थी
केजरीवाल और उनके लोग देश के प्रधानमंत्री की इस डिग्री को फ़र्ज़ी बता रहे है
भारत के चुनाव आयोग के नियम के अनुसार, अगर आप संपत्ति और डिग्री के बारे में गलत जानकारी देते हैं तो सदस्यता रद्द हो जाएगी
प्रधानमंत्री मोदी के डिग्री की जांच हो जाए और फर्जी निकलती है तो मोदी जी की सदस्यता रद्द हो जाएगी
वो ना सांसद बचेंगे और ना ही चुनाव लड़ने के लायक बचेंगे अगर डिग्री फर्जी निकलती है तो