उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद वायरल हुई शर्मनाक वीडियो, महिला के साथ भद्दी हरकत करते देखा गया आदमी।

उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद से एक बेहद शर्मनाक वीडियो सामने आया है। सोशल मीडिया पर वायरल हुए इस वीडियो में एक बुर्का पहनी महिला को एक युवक जबरन बाहों में पकड़ कर उसके साथ अश्लील हरकत करता हुआ देखा जा सकता है।

सार्वजनिक स्थान पर दिन दहाड़े यह आदमी पीछे से महिला को जबरदस्ती पकड़ कर उसके दबाते हुए देखा जा सकता है। इस तरह की हरकत केवल एक महिला की अस्मिता पर हमला नहीं बल्कि एक सभ्य समाज के ताने-बाने पर भी सीधा प्रहार है।

आपको बता दें कि पुलिस ने तेजी से कारवाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। उसकी पहचान आदिल सैफी के रूप में हुई है और बताया जा रहा है कि वह एक निजी अस्पताल में नर्सिंग स्टाफ के तौर पर काम करता है। जब पुलिस ने उसे पकड़ने की कोशिश की तो वह भागने की कोशिश कर रहा था। जिस पर पुलिस ने कारवाई करते हुए उसकी टांग में मारी और फिर उसे गिरफ्तार कर लिया गया। इस घटना के बाद एक और वीडियो वायरल हुआ जिसमें आदिल अस्पताल के बिस्तर पर लेटा हुआ है और पुलिस की मौजूदगी में कान पकड़ कर माफी मांगता नजर आ रहा है।

यह घटना हर नजरिए से गलत और शर्मनाक है। और सबसे बड़ी बात यह है कि कोई आदमी एक महिला के साथ खुलेआम ऐसी हरकत करने की हिम्मत कैसे कर सकता है और अगर ऐसा करने वाला खुद अस्पताल में काम करता हो जहां उसे लोगों की सेवा और देखभाल करनी चाहिए तो यह और भी ज्यादा डरावना हो जाता है।

आदिल सैफी ने ना सिर्फ कानून तोड़ा है बल्कि अपने काम के साथ भी धोखा किया है। आदिल सैफी ने जिस तरह से एक महिला के साथ जबरदस्ती की और उसकी गरिमा को ठेस पहुंचाई वो भारतीय न्याय संहिता यानी बीएएनएस की धारा 74 के तहत एक गंभीर अपराध है।

कानून के मुताबिक अगर कोई व्यक्ति किसी महिला पर हमला करता है या जबरदस्ती उसे छूता है यह जानते हुए कि इससे उसकी गरिमा को ठेस पहुंचेगी तो उसे कम से कम एक साल की सजा दी जा सकती है और 5 साल तक यह सजा बरकरार रखी जा सकती है। साथ ही उस पर जुर्माना भी लगाया जा सकता है।

यह एक गंभीर अपराध माना जाता है। इसलिए इसमें पुलिस बिना वारंट के गिरफ्तारी भी कर सकती है। इस घटना का वीडियो और फिर उसका माफी मांगने वाला वीडियो दोनों इंटरनेट पर तेजी से वायरल हो गए हैं। एक तरफ यह दिखाता है कि हमारे समाज में कितनी बेशर्मी और गिरावट आ चुकी है। वहीं दूसरी तरफ पुलिस की तुरंत कार्रवाई इस तरह के मामलों में सिस्टम की सख्ती और सजगता दोनों ही दिखाते हैं।

लेकिन सिर्फ आरोपी को पकड़ना और उसकी माफी से बात खत्म नहीं हो सकती। ऐसे मामलों में सख्त सजा बेहद जरूरी है ताकि अगली बार कोई ऐसी हरकत करने से पहले 100 बार सोचे और यह भी जरूरी है कि अपराधी का धर्म या जाति देखे बिना उसे उसी तरह सजा मिले जैसे किसी भी अपराधी को मिलनी चाहिए। आदिल सैफी की गिरफ्तारी सिर्फ एक कदम है लेकिन असली काम तब होगा जब हम ऐसे लोगों की सोच बदल पाएंगे या उन्हें रोक पाएंगे।

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