मां के निधन पर छुट्टी मांगी तो UCO बैंक जोनल हेड ने ऐसा जवाब दिया कि सब हैरान रह गए।

हर किसी की मां मरती है। नाटक मत करो। एक एंप्लई ने अपनी मां के निधन पर छुट्टी मांगी तो उसे यह जवाब दिया गया। एंप्लई का दावा है कि यह बयान यूको बैंक के एक अधिकारी ने दिया है। आरोप चेन्नई ज़ोन के ज़ोनल हेड आर एस अजीत पर लगे हैं।

एंप्लई ने अजीत पर और भी कई सारे आरोप लगाए हैं। उसने बताया कि जब ज़ोनल हेड ने इस तरह के अमानवीय बयान दिए तब किसी की बेटी आईसीयू में थी, किसी की मां गुजर चुकी थी तो किसी की पत्नी हॉस्पिटल में भर्ती थी। हर लीव रिक्वेस्ट पर जोनल हेड ने कथित तौर पर इस तरह की बातें कही।

इससे तंग आकर एक बैंककर्मी ने शिकायतों की लिस्ट बनाई और जोनल हेड के खिलाफ शिकायत दर्ज की। इस कंप्लेंट मेल का एक स्क्रीनशॉट भी सामने आया है।

शिकायत का मेल यूको बैंक के टॉप मैनेजमेंट को भेजा गया है। यूको बैंक अधिकारियों पर आरोप है कि वह अपने स्टाफ के साथ प्रोफेशनल के बजाय गुलाम या फिर नौकर जैसा बर्ताव करता है। मेल के सब्जेक्ट पर लिखा गया चेन्नई के ज़ोनल हेड के खिलाफ तत्काल एक्शन लेने का अनुरोध है। आगे लिखा मैं बहुत चिंता के साथ चेन्नई जोन के ज़ोनल हेड आर एस अजीत के अमानवीय गैर पेशेवर और टॉक्सिक व्यवहार को आपके ध्यान में लाना चाहता हूं। उन्होंने डर और उत्पीड़न का माहौल बनाया है। अधिकारियों और ब्रांच हेड्स के साथ ऐसा व्यवहार किया है मानो वो उनके गुलाम या फिर सेवक हो। कई मौकों पर उन्हें तानाशाही व्यवहार, असंवेदनशीलता और अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया है।

हैरानी की बात यह है कि ये वही ज़ोनल हेड है जिन्होंने एक ब्रांच हेड को उनकी मां के निधन के समय भी छुट्टी देने से इंकार कर दिया था। इसके बाद एक-एक करके शिकायतकर्ता ने कई सारे वाक्य गिनाए। लिखा कि एक मामले में जब एक ब्रांच हेड की मां आईसीयू में थी तो ज़ोनल हेड ने उन्हें छुट्टी देने से पहले यह कंफर्म करने को कहा कि वह वापस कब आएंगे। एक अलग मामले में एक ब्रांच हेड की मां का देहांत हो गया था तो जोनल हेड ने कहा कि हर किसी की मां मरती है। नाटक मत करो प्रैक्टिकल रहो तुरंत जॉइ करो वरना मैं लीव विदाउट पे लगा दूंगा। इसके बाद छुट्टी मांगने वाले कर्मचारी के खिलाफ एक आधिकारिक पत्र जारी किया गया था। एक ब्रांच हेड की एक साल की बेटी अस्पताल में भर्ती थी। जोनल हेड ने कहा आप डॉक्टर हैं? अस्पताल में क्यों हैं? तुरंत ऑफिस आ वरना लीव विदाउट पे मार्क कर दूंगा। शिकायत के आखिर में एक और वाक्या शेयर किया गया जब एक अधिकारी की पत्नी हॉस्पिटल में भर्ती थी और गंभीर बीमारी से लड़ रही थी।

तब छुट्टी मांगने पर हेड ने कहा कि तुम यूज़लेस हो और इसके बाद छुट्टी रिजेक्ट कर दी गई थी। सोशल मीडिया पर मेल का स्क्रीनशॉट सामने आया तो लोगों के रिएक्शंस भी आए। वेंकटेश नाम के यूजर ने लिखा जोनल हेड अपने ही अधिकारियों के साथ ऐसा व्यवहार करते हैं।

यह लीडरशिप नहीं बल्कि बर्बर तानाशाही है। इस जहरीली व्यवस्था पर धिक्कार है। आरबीआई और वित्त मंत्रालय कोमा में है और इस तरह की क्रूरता हो रही है। विजय नाम के एक यूजर ने लिखा कि कर्मचारियों को छुट्टी देने से तब भी इंकार किया जाता है जब उनके परिवार के सदस्य आईसीयू में हो या फिर उनकी मौत हो चुकी हो। अभद्र भाषा और व्यक्तिगत अपमान किया जाता है। लीव विदाउट पे की धमकी दी जाती है। यह मानसिक उत्पीड़न और पावर का दुरुपयोग है।

अगर यूको बैंक सच में अपने कर्मचारियों का सम्मान करता है तो उसको उस अधिकारी को तुरंत निलंबित करना चाहिए और एक जांच शुरू करनी चाहिए। सोशल मीडिया पर इस तरह के सैकड़ों पोस्ट हैं जिसमें इस तरह के हेड के खिलाफ एक्शन लेने की मांग हो रही है। इन आरोपों पर यूको बैंक का फिलहाल कोई पक्ष सामने नहीं आया है।

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