मोदी लव्स ट्रंप, बट आई डोंट नो हाउ यू अंडरस्टैंड लव। आई डोंट वांट टू डिस्ट्रॉय हिज पॉलिटिकल करियर। माने मोदी ट्रंप से प्यार करते हैं। प्यार का गलत मतलब ना निकालें। मैं उनका राजनीतिक करियर खराब नहीं करना चाहता। यह बयान दिया है अमेरिका के राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने। यह बातें उन्होंने वाइट हाउस में 15 अक्टूबर को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कही।
ट्रंप के इस बयान को अंग्रेजी भाषा में बिजार कहेंगे और हिंदी में इसे अजीब कहा जा सकता है। हालांकि यह बातें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए कही हैं। दरअसल एक पत्रकार ने राष्ट्रपति ट्रंप से पीएम मोदी और अमेरिका के नामित राजदूत सर्जियो गौर की हालिया मुलाकात के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा पीएम मोदी महान व्यक्ति हैं। और इसी बातचीत में भावनाओं में बहकर वह कह गए मोदी ट्रंप से प्यार करते हैं।
हालांकि ट्रंप ने तुरंत यह भी स्पष्ट किया कि उनके इस बयान को गलत तरीके से ना लिया जाए। वो पीएम मोदी का राजनीतिक करियर खराब नहीं करना चाहते। ट्रंप ने आगे कहा, “मैंने सालों से भारत को देखा है। यह एक अद्भुत देश है। पहले हर साल भारत में नए नेता आते थे। कुछ तो कुछ ही महीनों में बदल जाते थे। लेकिन मेरे दोस्त यानी पीएम मोदी लंबे समय से सत्ता में हैं।
उन्होंने मुझे भरोसा दिलाया है कि अब भारत रूस से तेल नहीं खरीदेगा। दरअसल 11 अक्टूबर को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री मोदी और अमेरिका के नामित राजदूत सर्जियो गौर की मुलाकात हुई थी। इस दौरान गौर ने पीएम मोदी को वाइट हाउस में राष्ट्रपति ट्रंप के साथ खिंचवाई गई एक साइन की हुई फोटो भेंट की। जिस पर ट्रंप ने लिखा था माननीय प्रधानमंत्री आप महान हैं।
यह मुलाकात ऐसे समय पर हुई जब अमेरिका और भारत के रिश्ते हाल ही में कुछ तनावपूर्ण रहे थे। राष्ट्रपति ट्रंप ने रूस से तेल खरीद जारी रखने के कारण भारत पर 50% टेरिफ लगा दिया था। हाल ही में दोनों देशों के बीच बातचीत के बाद रिश्तों में कुछ सुधार के संकेत मिले हैं। भारत ने अमेरिका के सामने यह तर्क देते हुए टेरिफ को हटाने की मांग की है कि 1.4 अरब की आबादी वाले देश के लिए सस्ती ऊर्जा जरूरी है।
हालांकि इस मुद्दे पर अभी भी गतिरोध बना हुआ है। इस तारीफ के साथ-साथ ट्रंप ने एक दावा भी ठोक दिया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें भरोसा दिलाया है कि भारत अब रूस से तेल आयात नहीं करेगा। इस पर एमईए की तरफ से भी सफाई आ गई है कि भारत बड़ी मात्रा में तेल और गैस का आयात करता है।
ऊर्जा के लगातार बदलने वाले माहौल में भारतीय उपभोक्ताओं के हितों की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है। ऊर्जा की कीमतों को स्थिर बनाए रखना और इसकी सप्लाई सुनिश्चित करना हमारे दो मकसद रहे हैं। भारत पर लगातार बयान दे रहे अमेरिकी राष्ट्रपति भारत से रिश्ते सुधारने के लिए किसी भी हद तक जाते नजर आ रहे हैं। लेकिन इस बीच वह अपने बड़बोलेपन से बाज नहीं आ रहे।
