द ताज स्टोरी पर बवाल, ताज महल को बताया, प्रेम नहीं लड़ाई का प्रतीक।

ताजमहल का डीएनए टेस्ट करा लो पता चल जाएगा वो हिंदू है या मुसलमान। सुनने में अटपटा सा लगता है मगर परेश रावल ने यह बात कही है और जिस वजनदारी से कही है उसके चलते वह सुर्खियों में है। दरअसल यह बात उन्होंने अपनी अपकमिंग फिल्म द ताज स्टोरी के ट्रेलर में कही जो गुरुवार को रिलीज़ किया गया। फिल्म में उन्होंने ताजमहल के टूरिस्ट गाइड का किरदार निभाया है।

नाम है विष्णुदास। 3 मिनट के इस ट्रेलर के मुताबिक यह गाइड ताजमहल पर केस कर देता है। उसका दावा है कि ताजमहल असल में एक मंदिर है। वह ताजमहल पर केस ठोक देता है। मामला कोर्ट पहुंचता है और जिरह में वो ऐसा बहुत कुछ कहता है जिससे लोग उखड़ सकते हैं या यूं कहें कि उखड़ रहे हैं। ट्रेलर में परेश रावल की कही ये पांच बातें सुर्खियों में है। पहली बात ताजमहल मोहब्बत की नहीं यह क्रूरता और की कहानी है।

दूसरी बात दुनिया में कोई ऐसा मकबरा कभी देखा है जिसके ऊपर गुंबद हो। गुंबद पर कलश हो। ताजमहल का डीएनए टेस्ट करवाया जाए। तीसरी बात कहीं शाहजहां कंफ्यूज तो नहीं थे कि मैं मकबरा बनाऊं कि मंदिर बनाऊं। चौथी बात एक संवाद में विपक्षी वकील पूछता है शाहजहां मंदिर क्यों बनवाएंगे? विष्णुदास कहता है हां उनका काम तो तुड़वाने का था। पांचवी और आखिर बात क्या था ताजमहल के तहखाने में बने 25 कमरों में जो रातोंरात दीवारों में चुनवा दिए गए।

न्यूज़ 18 को दिए इंटरव्यू में परेश रावल ने इस फिल्म और इसमें उनके किरदार के बारे में बात की। कहा मेरा किरदार विष्णुदास साहसी और दृढ़ निश्चय है। ताजमहल के सच से पर्दा हटाने की उसकी यात्रा के जरिए यह फिल्म जमानों से चली आ रही मान्यताओं को ललकारती है। इतिहास को क्रिटिकल दृष्टिकोण देखने पर जोर देती है। मुझे गर्व है एक ऐसी कहानी का हिस्सा बनने पर जो मुश्किल सवाल पूछती है जो बड़ी सच्चाई और ईमानदारी से हमारे अतीत पर रोशनी डालती है।

इसी इंटरव्यू में फिल्म के डायरेक्टर तुषार अमरीश गोयल ने कहा कि यह महज एक फिल्म नहीं बल्कि वह अधूरा छूटा हुआ संवाद है जो सालों पहले पूरा हो जाना चाहिए था। उन्होंने कहा ट्रेलर तो बस एक झलक है।

मैं उत्साहित हूं यह सोचकर कि फिल्म में लोग इतिहास की पूरी यात्रा देखेंगे। हम याद दिला दें कि द ताज स्टोरी का पहला पोस्टर भी विवादों में आ गया था। उसमें परेश रावल ताजमहल का गुंबद हटाकर उसमें से शिवजी की मूर्ति को देखते नजर आ रहे थे। इस पोस्टर पर लिखा था क्या वाकई में ताजमहल शाहजहां ने बनवाया था? जैसे ही बवाल हुआ मेकर्स और परेश रावल ने यह पोस्ट डिलीट कर दी और आनन-फानन में एक स्टेटमेंट जारी किया। इसमें बताया गया कि यह फिल्म का पोस्टर किसी भी धार्मिक मुद्दे को संबंधित नहीं करता है। यह पूरी तरह से ऐतिहासिक तथ्यों पर केंद्रित है। मुगल शासक शाहजहां द्वारा बनाया गया ताजमहल पहले भी विवादों में रह चुका है। इसके बारे में कई थ्योरीज़ प्रचलित हुई।

इनमें सबसे ज्यादा हवा उस थ्योरी को मिली जिसमें कहा गया कि ताजमहल शिव मंदिर के ऊपर बनाया गया है। हालांकि किसी भी प्रख्यात इतिहासकार ने इस दावे का समर्थन नहीं किया है ना ही यह बात अब तक सिद्ध हो सकी है।

बहरहाल तुषार अमरीश गोयल के डायरेक्शन में बनी यह फिल्म द ताज स्टोरी 31 अक्टूबर को सिनेमाघरों में रिलीज़ की जाएगी। इसमें जाकिर हुसैन, अमृता खानविलकर, स्नेहा वाघ और नमित दास ने भी अहम किरदार निभाए हैं। l

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