ऋषिकेश के साथ पहाड़ों के बीच सौरभ जोशी और अवंतिका की शादी चल रही थी। चारों तरफ रोशनी, फूलों की खुशबू और परिवार का प्यार फैला हुआ था। फेरे खत्म होने के बाद अचानक सौरभ ने सबके सामने माइक पकड़ा और मुस्कुराते हुए बोला, “अवंतिका, तुमने हमेशा मुझे समझा। सपोर्ट किया।
आज मैं तुम्हें एक ऐसा तोहफा देना चाहता हूं जो जिंदगी भर तुम्हारे साथ रहे।” अवंतिका हैरान थी। तभी दो लोग एक छोटा सा लाल डिब्बा लेकर आए। सौरभ ने डिब्बा खोला। अंदर एक चांदी की चूड़ियों का सेट था। जिस पर उनके नाम सौरभ अवंतिका नन्हे अक्षरों में खोदे हुए थे। सौरभ बोला, “यह हमारी कहानी का पहला चैप्टर है।
मैं चाहता हूं तुम इसे हर खुशी, हर पल में पहनो।” अवंतिका की आंखें नम हो गई। यह सिर्फ चूड़ियां नहीं थी। यह प्यार, सम्मान और साथ निभाने का वादा था। सब ने तालियां बजाई और उसी पल यह उनकी शादी का सबसे यादगार लम्हा बन गया।
