ऑस्कर विनिंग म्यूजिशियन और सिंगर ए आर रहमान के तलाक की खबर ने उनके फैंस को गहरा झटका दे दिया है उनकी पत्नी ने शादी के 30 साल बाद पति से अलग होने का फैसला किया है उनके वकील ने प्रेस रिलीज जारी करते हुए दोनों के अलग होने का कारण भी बताया इस बीच आपको बताएंगे कि आखिर तलाक के बाद मुस्लिम महिलाएं इद्दत क्यों करती हैं क्या सायरा बानों के लिए भी इद्दत करना जरूरी है आखिर तलाक के बाद कितने दिनों तक इद्दत की जाती है आइए इन सभी सवालों के जवाब हम आपको इस वीडियो में देते हैं.
इससे पहले आपको बता दें कि बहुत कम लोग जानते हैं कि एआर रहमान का असली नाम दिलीप कुमार था लेकिन एक सूफी संत के कहने पर उन्होंने इस्लाम धर्म अपनाया और अपना नाम बदलकर अल्लाह रखा रहमान रख लिया उनका यह सफर ना सिर्फ पर्सनल था बल्कि एक नई पहचान के साथ उन्होंने संगीत की दुनिया में अपना कदम रखा जो आज दुनिया के बेहतरीन म्यूजिशियंस में शुमार हैं आपको बता दें 12 मार्च 1995 को चेन्नई में अया रहमान और सायरा बांधो शादी के बंधन में बने थे रहमान और सायरा को कभी दुनिया की बेस्ट जोड़ी कहा जाता था.
सायरा बानो मुस्लिम परिवार से ताल्लुक रखती हैं और आज भी वह हिजाब को फॉलो करती हैं इसके अलावा कई खबरें यह भी आ चुकी हैं कि ए आर रहमान भी इस्लाम को बेहद कायदे के साथ फॉलो करते हैं ऐसे में सवाल यह उठता है कि आखिर क्या सायरा बानों को भी इद्दत करनी पड़ेगी क्या इस्लाम में इद्दत का क्या कानून है दरअसल इद्दत एक इस्लामी कानून है जिसे दूसरे शब्दों में कहें तो यह एक तरह से वेटिंग पीरियड है इद्दत में एक मुस्लिम महिला को एक तरीके से पर्दे में रहना होता है जिसका पालन महिला को अपने शौहर के इंतकाल या तलाक के बाद करना होता है.
इद्दत के दौरान वो महिला किसी और पुरुष से निकाह नहीं कर सकती है इद्दत का टाइम पीरियड अलग-अलग परिस्थितियों में अलग-अलग होता है ज्यादातर तलाकशुदा महिला की इद्दत की अवधि लगभग 130 दिनों की होती है इस दौरान उस महिला के निकाह करने पर पाबंदी होती है अगर कोई महिला तलाक होने या विधवा होने के बाद प्रेग्नेंट है तो इद्दत तब तक जारी रहती है जब तक वो बच्चे को जन्म ना दे दे इद्दत के दौरान महिलाओं के लिए गैर पुरुषों से पर्दा करना भी जरूरी होता है इस दौरान महिला के सजने सवरने और मेकअप करने पर भी पाबंदी होती है.
इसके अलावा भड़कीले कपड़े पहनने पर भी पाबंदी होती है अगर महिला का कोई सहारा ना हो उसे घर से बाहर निकलने का अधिकार होता है इद्दत के दौरान महिला किसी पुरुष से निकाह नहीं कर सकती क्योंकि इद्दत के दौरान किया गया निकाह इल्लीगल माना जाता है यह प्रतिबंध इद्दत की अवधि बीत जाने के बाद ही खत्म होता है अब इद्दत में महिला के क्या होते हैं वह भी जान लीजिए एक महिला इद्दत के टाइम पीरियड में पति से भरण पोषण पा सकती है.
महिला मुब ज्ज मेहर की हकदार हो जाती है इद्दत की अवधि में महिला किसी दूसरे पुरुष से विवाह नहीं कर सकती इद्दत की अवधि पूरी होने से पहले अगर दंपत्ति में से किसी की भी मौत हो जाती है जो जीवित व्यक्ति संपत्ति में उत्तराधिकार पाने का हकदार होता है अगर तलाक किसी बीमारी की हालत में दिया गया है और पत्नी की दत अवधि पूरी होने से पहले पति की मौत हो जाती है तो पत्नी उसकी संपत्ति में उत्तराधिकार पाने की हकदार होगी इस वीडियो में फिलहाल इतना ही आप क्या कहना चाहेंगे कमेंट सेक्शन में हमें लिखकर जरूर बताएं.