भारत की गुफा में रहने वाली रूसी महिला पर आया चौंकाने वाला फैसला।

कर्नाटक के घने जंगलों के बीच एक वीरान गुफा में अपनी दो बेटियों के साथ रह रही रूसी महिला की कहानी ने सबको चौंका दिया था। अब इस मामले में नई जानकारी सामने आई है। दरअसल यह मामला चर्चा में आने के बाद उन्हें वापस रूस डिपोर्ट करने की तैयारी चल रही थी।

लेकिन अब इसी मामले में कर्नाटक हाईकोर्ट ने बुधवार को एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए रूसी महिला नीना कुटीना और उनके बच्चों को देश निकाले पर रोक लगा दी है। लीना को इसी महीने की शुरुआत में गोकर्ण की एक गुफा से उनके बच्चों के साथ पाया गया था। मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति एस सुनील दत्त यादव की एकल न्यायाधीश पीठ ने की। उन्होंने कहा कि देश निकाले का आदेश 40 साल की महिला के बच्चों और उनके कल्याण को खतरे में डाल सकता है।

कुटीना की तरफ से पेश वकील बीना पिल्ल ने संयुक्त राष्ट्र बाल अधिकार सम्मेलन यूएनसीआरसी के सिद्धांतों का हवाला देते हुए तर्क दिया कि देश निकाले की प्रक्रिया में बच्चों के कल्याण और उनके सर्वोत्तम हितों की अनदेखी होगी और इसी आधार पर राज्य के उच्च न्यायालय ने कहा कि बच्चों के सर्वोत्तम हित में यही है कि देश निकाले के आदेश पर पुनर्विचार किया जाए।

संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन के अनुच्छेद तीन के तहत बच्चों को प्रभावित करने वाले सभी निर्णयों और कार्यों में बच्चों के सर्वोत्तम हितों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जानी चाहिए। बता दें कि अदालत में सरकार की तरफ से बताया गया कि बच्चों के पास ना तो पासपोर्ट है ना ही कोई पहचान पत्र। यानी अगर उन्हें अभी देश से निकाला भी जाता तो वह कहीं और नहीं जा सकते क्योंकि उनके पास यात्रा करने के लिए कोई वैद्य दस्तावेज नहीं है।

बता दें कि नीना का पता पुलिस को 11 जुलाई को चला था जब स्थानीय लोगों ने पुलिस को जानकारी दी थी। जिसके बाद पुलिस ने गुफा में पहुंचकर महिला और उसके दोनों बच्चों को सुरक्षित बाहर निकाला।

प्रारंभिक पूछताछ में यह तथ्य सामने आया कि महिला का वीजा काफी पहले ही अमान्य हो चुका था। फिर भी वह अवैध रूप से भारत में रह रही थी और हाल ही में उसने अपने बच्चों के साथ एक गुफा में रहना शुरू कर दिया था। जब पुलिस की एक रूटीन गश्ती टीम गुफा में पहुंची तो दंग रह गई। यह कोई आम बात नहीं थी।

खासकर उस इलाके में जो हाल ही में भूस्खलन और जहरीले सांपों के लिए जाना जाता है। गुफा के अंदर 40 साल की रूसी महिला नीना कुटीना अपनी दो मासूम बेटियां, छ साल की प्रेमा और 4 साल की अमा के साथ रह रही थी। गुफा के अंदर का नजारा किसी तपस्वी की कुटिया जैसा था। बताया गया है कि नीना ने वहां एक छोटा सा आशियाना बना लिया था। जहां पूजा के लिए एक रुद्र की मूर्ति स्थापित थी और वह अपने ज्यादातर समय ध्यान और साधना में बिताती थी।

ए लॉट ऑफ लाइन कन्फर्मेशन वी हैव बिग एक्सपीरियंस टू स्टे इन नेचुरल इन जंगल एंड वी वाज़ नॉट डाइंग एंड आई वाज़ नॉट ब्रिंग माय चाइल्ड्स माय डॉटर्स टू डाइंग इन जंगल दे वाज़ नॉट फील बेड दे वाज़ वै हैप्पी दे वाज़ स्विम इन । यह आश्चर्यजनक था कि वह इस खतरनाक जंगली इलाके में कैसे जीवित रही। जहां जंगली जानवरों और भूस्खलन का खतरा लगातार बना रहता था।

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