भारत अमेरिका को लेकर बड़ी खबर है। जहां पर अब इस विवाद में रूस की भी एंट्री हो गई है। बड़ी खबर भारत और अमेरिका के बीच जो ट्रेड थी जिसमें रूस की वजह से अमेरिका जो है वो भारत को दे रहा था। इसमें अब रूस की भी एंट्री हुई है। डेड हैंड के नाम से रूस ने अमेरिका को अब चेतावनी दी है। ट्रंप ने भारत को दी थी। भारत के साथ रूस पर भी डॉन्ड ट्रंप ने अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने वार किया था। जिसके बाद अब पुतिन के मददेव हैं।
उन्होंने अब इस पर करारा जवाब दिया है। ना सिर्फ जवाब दिया है बल्कि डेड हैंड की भी चेतावनी दी है। डेड हैंड क्या होता है? और आखिर इस चेतावनी के क्या मतलब है जिसके बाद डॉन्ड ट्रंप ने तुरंत परमाणु पनडुब्बी भेजने का ऐलान कर दिया है। तो बड़ी खबर है और यह चेतावनी जो रूस की ओर से आई है वो तब आई है जब डेड इकॉनमी जैसी बात डॉन्ड ट्रंप की ओर से की गई थी। उन्होंने भारत और रूस की इकॉनमी को डेड इकॉनमी कहा था और इसी डेड इकॉनमी को इंप्रोवाइज करते हुए रूस ने हैंड की चेतावनी दी है।
रूस ने पूरी चेतावनी में क्या कुछ कहा है वो जानने से पहले आपको यह बता दें कि अमेरिका की ओर से डॉन्ड ट्रंप ने क्या कहा था। उन्होंने कहा था कि मुझे परवाह नहीं कि भारत रूस के साथ क्या करता है। वह अपनी मृत अर्थव्यवस्थाओं को यानी कि डेड इकॉनमी को एक साथ बर्बाद कर सकते हैं। मुझे इसका कोई फर्क नहीं पड़ता है। तो ये डॉल्ड ट्रंप का बयान था। उन्होंने आगे यह भी कहा कि हमने भारत के साथ बहुत कम व्यापार किया है। उनके जो टेरिफ हैं वो दुनिया में सबसे ऊंचे हैं। तो यह बात डॉन्ड ट्रंप की ओर से कही गई थी।
लेकिन विवाद में रूस की एंट्री इसलिए भी हुई क्योंकि जब वह भारत पर वार किया तो इस दौरान उन्होंने मददेव पर भी व्यक्तिगत हमला करने की कोशिश की। दिमत्री मध्यदेव हैं कौन? आप यह भी जानिए। दरअसल देवित्री मेदेव जो हैं वह पुतिन के खास तो माने ही जाते हैं। इसके अलावा वह पूर्व राष्ट्रपति भी हैं और साथ ही रूस के उप सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष हैं। तो सिक्योरिटी मामले में भी उनकी अपनी एक दखल है और इसके अलावा उनका जो वेटेज है वो रशिया में अच्छा खासा है और उन्हीं पर ट्रंप ने निजी हमला करते हुए कहा था कि वो एक नाकाम पूर्व राष्ट्रपति हैं।
साथ ही यह भी कहा था कि जो मैददेव हैं वो एक खतरनाक क्षेत्र में एंटर कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा था कि रूस और अमेरिका का लगभग कोई भी व्यापार नहीं है। इसे ऐसे ही रहने दिया जाए। मददेव जो है वह रूस का नाकाम पूर्व राष्ट्रपति है और वह सोचता है कि वह अभी भी राष्ट्रपति है। उनको कहें कि वह अपने शब्दों पर ध्यान दें।
वो बहुत खतरनाक क्षेत्र में प्रवेश कर रहा है। तो यह डोन्ड ट्रंप से की ओर से मददेव के लिए कहा गया था और मध्यदेव पर यह हमला इसलिए बोला गया था क्योंकि मददेव ने ही ट्रंप पर पलटवार किया था। मध्यदेव ने वार करते हुए कहा था कि ट्रंप का गुस्सा और घबराहट जो है वो इस बात का सबूत है कि रूस सही रास्ते पर है और रूस अपने इसी रास्ते पर आगे बढ़ेगा। तो यह बयान मध्यदेव की ओर से दिया गया था और इसी दौरान जब डोनाल्ड ट्रंप की ओर से डेड इकॉनमी का जिक्र किया गया तो मध्यदेव ने इसका भी तगड़ा पलटवार किया।
डेड इकॉनमी में भारत और रूस दोनों के लिए डोनाल्ड ट्रंप ने एक टफ स्टेटमेंट का इस्तेमाल किया था। क्योंकि लगातार उनका प्रयास है कि किस तरीके से भारत पर दबाव बनाकर रूस से उसको अलग किया जाए। जो जो ट्रेड हो रहा है रशिया के साथ में उससे कैसे रोका जाए ताकि यूक्रेन पर असर डाला जा सके। और इसी कड़ी में जब डेड इकॉनमी शब्द का इस्तेमाल ट्रंप की ओर से किया गया तो यहां पर जवाब देते हुए रूस की ओर से कहा गया कि जहां तक अर्थव्यवस्था यानी कि डेड इकॉनमी और खतरनाक क्षेत्र की बात है ट्रंप को अपनी पसंदीदा ज़ॉम्बी फिल्में फिर से देखनी चाहिए और याद करना चाहिए कि तथाकथित डेड हैंड जो वास्तव में मौजूद नहीं है कितना खतरनाक हो सकता है। तो यह बात जो है वो रूस की ओर से अमेरिका के लिए कही गई थी।
हालांकि जिन लोगों को नहीं पता उनको याद दिला दें कि डेड हैंड जो है वो जो कोल्ड हो रही थी उस दौरान सोवियत संघ के पास एक ऐसी रणनीति थी कथित रणनीति थी जिसका जो मकसद था वो ये था कि परमाणु युद्ध जो है वो अंतिम जवाबी वार जो है वो हो यानी कि अगर सब कुछ खत्म भी हो जाए तो वो परमाणु टेक्नोलॉजी जो कि डेड हैंड के नाम से जानी गई। यह तो इस तरह की बात जो है वो निकल कर आई और यह चीज थी सोवियत संघ की रणनीति थी तब जब कोल्ड हो रहा था और दिलचस्प बात यह है कि मददेव ने जब डेड हैंड करके अमेरिका पर वार बोला तो यह भी साफ कर दिया कि इस तरह की कोई तकनीक जो है इस वक्त मौजूद नहीं है और ये एक प्रतीकात्मक चेतावनी है और यह सफाई भी इस धमकी के बीच इसलिए भी देनी पड़ी ताकि दुनिया को यह ना लगे कि परमाणु खतरा जो है वो एक बार फिर से डेड हैंड के नाम पर जिंदा हो रहा है। तो ये भी एक पूरी पिक्चर जो है हमें समझनी चाहिए। तो इस पूरे फसाद के बीच जब भारत रूस के साथ डटकर खड़ा है तो रूस भी खामोश नहीं है। रूस ने भी अब इस पर जवाब दिया है।
हालांकि भारत पहले ही साफ कर चुका है कि रशिया इंडिया का ऑल वेदर फ्रेंड है और भारत जो है वो रूस के साथ में व्यापार जारी रखेगा। हालांकि डोन्ड ट्रंप ने इस बीच जो है दावा किया है कि भारत ने रूस के साथ तेल खरीदना बंद कर दिया है।
इस बीच इंतजार भारत की ओर से भी करना चाहिए। लेकिन ये जो पूरा पूरा रूस और अमेरिका के बीच डेड हैंड और डेड इकॉनमी रूस अमेरिका और भारत के बीच ये जो चेतावनियों का दौर चला इसका असर यह रहा कि जो परमाणु पनडुब्बियां हैं उन्हें अमेरिका ने रूस की तरफ मूव कर दिया है।
इसकी जानकारी भी डोन्ड ट्रंप ने दी है और उन्होंने साफ तौर पर यह भी कहा है कि जिस तरह की रूस के पूर्व राष्ट्रपति की ओर से इस तरह का कमेंट आया है उसे देखते हुए हमने दो न्यूक्लियर सबमरीन को पोजीशन कर दिया है सही ठिकानों पर। पर ऐसा इसलिए किया है कि इन केस कि मूर्खों के जो बयान आ रहे हैं, बयान आ रहे हैं, अगर यह कहीं ना कहीं इससे ज्यादा साबित होते हैं, तो उन्हें तैयार रहना चाहिए। तो ये डॉन्ड ट्रंप की तैयारी है।
फिलहाल तो जो लेटेस्ट अपडेट है इस पूरे फसाद में वो यही है कि डॉन्ड ट्रंप अब अपनी l पनडुब्बियों के साथ तैयार हैं। जबकि रशिया ने साफ कर दिया है कि जो बयान वो दे रहे हैं उसकी कीमत उनको डेड हैंड के नाम पर चुकानी पड़ेगी। इधर भारत की ओर से भी इस पर रिएक्शन जो है प्रधानमंत्री मोदी का आया है।