ईमेल भेजकर दी थी प्लेन हादसे की चेतावनी, 11 राज्यों की पुलिस को थी तलाश, गुजरात पुलिस ने पकड़ा|

3 जून 2025 एक मेल आता है। नरेंद्र मोदी स्टेडियम में प्लांट कर दिया गया है। अगर बचा सकते हो तो बचा लो। सुरक्षा एजेंसियों के कान खड़े हो जाते हैं। उसके बाद ऐसी कई धमकियां आई। एक चेतावनी उस मेडिकल कॉलेज को भी उड़ाने की थी जिस पर एयर इंडिया का विमान हादसा हुआ था। पुलिस, एटीएफ, एजेंसियां अलर्ट पर आ जाती है। उस चेतावनी देने वाले की तलाश शुरू होती है। तभी कुछ ही दिनों में अहमदाबाद में हादसा कर जाता है।

एयर इंडिया का एक विमान उसी मेडिकल कॉलेज पर जिसे उड़ाने की चेतावनी एक मेल से मिली थी। इसके बाद फिर एक मेल आताहै। मेल में लिखा था। अब तुम ताकत समझ गए होंगे। कल किए ईमेल के तहत आज एयर इंडिया विमान को जला दिया है। हम जानते हैं पुलिस ने इसे फर्जी चेतावनी समझकर नजरअंदाज किया होगा। शाबाश हमारे पायलट।

आप समझ गए होंगे हम खेल नहीं खेल रहे थे। इस मेल को पढ़ने के बाद सुरक्षा एजेंसियों के हाथपांव फूल गए क्योंकि ये चेतावनी जो भेज रहा था वो सिर्फ गुजरात को चेतावनी नहीं दे रहा था। 12 राज्यों में ऐसी चेतावनी उसने दी थी और 12 राज्यों की पुलिस उसकी तलाश में थी। लेकिन कोई कामयाबी हाथ नहीं लग रही थी।

लेकिन कहते हैं अपराधी कितना भीशातिर क्यों ना हो वह गलती जरूर करता है और वही गलती की इस मासूम सी दिखने वाली लड़की ने। इसका नाम है रेनी जोशीडा। चेन्नई की एक मल्टीीनेशनल कंपनी में काम करती हैं। रोबोटिक इंजीनियर है। टेक्नोलॉजी में माहिर और प्यार में पागल। इतनी कि बदला लेने के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार। यह दिविज प्रभाकर नाम के एक शख्स से मोहब्बत करती थी। बेइंतहा मोहब्बत लेकिन उसका प्यार एक तरफ़ा था। दिविज ने फरवरी 2025 में किसी और लड़की से शादी कर ली। फिर क्या था?

इसके बाद शुरू हुआ रेनी का मिशन रिवेंज। जोशिश ने अपने बॉयफ्रेंड से बदला लेने काडिजिटल प्लान बनाया। देवच के नाम पर फर्जी ईमेल आईडी बनाई और वर्चुअल नंबर, वीपीए और डार्क वेब की मदद से देश भर में भेजे 21 से ज्यादा बम चेतावनी वाले ईमेल।

उत्तर प्रदेश से लेकर केरल, दिल्ली से अहमदाबाद तक कहीं स्कूलों को धमकी, कहीं धार्मिक स्थलों को, कहीं वीआईपी कार्यक्रमों को। जहां तक कि नरेंद्र मोदी स्टेडियम और बीजे मेडिकल कॉलेज तक। मेल आने के बाद विमान हादसा हुआ। तब एजेंसियों का शक और डर दोनों गहरा हो चुका था। गुजरात साइबर क्राइम ब्रांच और स्पेशल सेल की संयुक्त टीम ने महीनों तक उस लड़की को ट्रैक किया।वो बेहद चालाकी से काम कर रही थी।

लेकिन एक छोटी सी डिजिटल चूक कर गई। बस फिर क्या था? चेन्नई पहुंची टीम और दबोच लिया साइबर क्वीन को उसके घर से। पुलिस को मिले फर्जी ईमेल्स, डिजिटल डिवाइसेस और सबूतों का अंबार। गिरफ्तारी के बाद जॉइंट कमिश्नर शरद सिंघल ने खुलासा करते हुए कहा, “यह सिर्फ एक तरफफ़ा प्यार का मामला नहीं था। यह डिजिटल गुनहगारों की एक नई शक्ल थी जिसे हम कतई बर्दाश्त नहीं कर सकते।” आगे उन्होंने कहा, वो दिविज प्रभाकर से प्यार करती थी और उससे शादी करना चाहती थी। लेकिन यह एक तरफा रहा। उसके सपने टूट गएजब प्रभाकर ने फरवरी में दूसरी लड़की से शादी कर ली। जिससे वह घृणा और बदले की भावना से भर गई। एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर, एक सीनियर कंसलटेंट जब अपने गलत इमोशंस को हथियार बना लेती है तो वह देश के लिए खतरा बन जाती है।

अब सवाल यह कि क्या जोशिशंडा जैसी साइबर अपराधियों को उम्र कैद नहीं होनी चाहिए? क्या कानून में बदलाव जरूरी नहीं जो साइबर प्रेमी गुनहगारों पर शिकंजा कस सके?

Leave a Comment