रतन टाटा के पड़ोसी शंकर शर्मा ने सुनाया दिलचस्प किस्सा..

रतन टाटा कोलाबा में उस जगह से थोड़ी दूर रहते थे जहां मैं कई सालों तक रहा मुझे याद है कि ज्यादातर शाम को वे कोलाबा में यूएस क्लब में अपने एसेंशियल्स डॉग्स के साथ वॉक करते मिल जाते थे कभी-कभी वे ओवेल मैदान में भी दिख जाते थे वे बिल्कुल फिट दिखते थे तब मेरी उम्र 25 साल से 35 साल के बीच रही होगी तब मैं कंपनियों और शेरों की दुनिया में दाखिल हो रहा था सेहत बिगड़ने की वजह से धीरू भाई कम दिखते थे.

उधर टाटा ग्रुप की कंपनी संभालने के बाद रतन टाटा ज्यादा फोकस में रहते थे मैंने टाटा समूह को अलग-अलग तरह से देखा है रतन टाटा का कंट्रोल इस समूह पर था उन्होंने अपने हिसाब से इस कारोबारी समूह को स्वरूप देने की कोशिश की उन्होंने आक्रामक रुक दिखाया बड़े फैसले लिए टेटले यूके का अधिग्रहण टाटा को ग्लोबल ब्रांड बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम था साल 2000 में हुए ऐलान ने संभावित चौकाने का काम किया यह कार का उत्पादन शुरू करने का टाटा समूह का ऐलान था.

फर्स्ट ग्लोबल में हमने टाटा समूह के इस फैसले की तारीफ की थी हमारा मानना था कि टा समूह का कमर्शियल व्हीकल्स का बिजनेस बहुत ज्यादा उद्योग से जुड़ा था इंडियन इकॉनमी के चढ़ने और उतरने का असर इस बिजनेस पर पड़ता था कंज्यूमर व्हीकल्स में उतरने से टाटा समूह को इस उतार चढ़ाव से निपटने में मदद मिलने की उम्मीद थी कार बिजनेस ने अपने शुरुआती 20 सालों में उम्मीद के उलट प्रदर्शन किया नो जो इंडियन ऑटो इंडस्ट्री की पहचान बन सकती थी.

उसका आज कोई नाम भी नहीं लेता रतन टाटा ने 20 साल के दौरान दो और बड़े फैसले लिए यह करीब 2007 से 8 के दौरान कुरस और जेएलआर का अधिग्रहण था कोरस का अधिग्रहण भी समझ में नहीं आया खासकर तब जब 2 साथ में स्टील साइकिल के पीक पर होने के दौरान यह अदि ग्रहण हुआ इससे पहले के पांच से छ सालों में कमोडिटी प्राइस में बूम देखा जा चुका था.

कमोडिटीज के बारे में मोटी समझ रखने वाले कोई व्यक्ति भी यह बता देगा कि आपको अधिग्रहण तब करना चाहिए जब कमोडिटीज में बेयर मार्केट हो तब नहीं जबकि मार्केट में बुल रन हो कोरस खरीदने का रतन टाटा का फैसला चौकाने वाला था लेकिन जेएलआर की कहानी अलग है यह सफल अधिग्रहण साबित हुआ लदन टाटा ने कई बड़े फैसले लिए जिनमें कई सफल रहे तो कुछ नाकाम रहे.

टेलीकॉम बिजनेस भी ऐसा ही एक बिजनेस था रिटेल बिजनेस ने अच्छा किया है लेकिन जिंदगी की तरफ बिजनेस और इन्वेस्टिंग में भी कुछ चीजें काम करती हैं तो कुछ नहीं करती हैं रिटायरमेंट के बाद उन्होंने कई स्टार्टअप्स में पूंजी लगाई ट्रेडिशनल कॉरपोरेट बैकग्राउंड से आने के बावजूद उन्होंने इनोवेशन में भरोसा दिखाया यह ठीक वैसा ही है जैसे मोहम्मद रफी जैसे गायक का रैप सॉन्ग गाना मैंने कुछ सालों पहले सायरस से टाटा समूह से चल रहे कानूनी विवाद के बारे में पूछा था.

उन्होंने कहा था कि यह तो होना ही था क्योंकि जिस तरह से चीजों को अंजाम दिया गया था वे सभी कॉरपोरेट लॉ और प्रिंसिपल्स के खिलाफ थी लेकिन मैंने अपने मन में सोचा था कि शायद सायरस को पता नहीं है कि वह क्या कर रहे हैं रतन टाटा एक लायन यानी शेर के जैसे थे.

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