UPSC क्लीयर कर बनना चाहती थीं IAS अफसर, कैसे राशी बनीं एक्ट्रेस?..

साउथ से लेकर बॉलीवुड फिल्मों में अपना डंका बजाने वाली एक्ट्रेस राशी खन्ना इन दिनों अपनी आगामी फिल्म द साबरमती रिपोर्टके प्रमोशन में जुटी हैं। राशी ने कई हिट फिल्मों में काम किया है और उनकी अच्छी फैन फॉलोइंग भी है। मगर क्या आप जानते है कि राशी कभी एक्ट्रेस नहीं बनना चाहती थीं.

इस बारे में एक्ट्रेस ने खुद रिवील किया है कि वो कही हीरोइन बनना नहीं चाहती थीं। बता दें कि दिल्ली की रहने वाली राशी खन्ना ने दिल्ली विश्वविद्यालय से अंग्रेजी में ग्रेजुएशन की पढ़ाई की है। इंटरव्यू में राशी ने खुद बताया कि वो एक आईएएस ऑफिसर बनना चाहती थीं। राशी ने कहा कि वो UPSC पास करके एक IAS अफसर बनना चाहती थीं, लेकिन राशी की किस्मत उन्हें फिल्मों में ले गई। राशी खन्ना ने साल 2013 में उन्होंने जॉन अब्राहम के साथ फिल्म ‘मद्रास कैफे’ से अपना एक्टिंग डेब्यू किया था.

राशी के बारे में कम लोग जानते होंगे राशी साउथ में मैसिव सुप वन ऑफ द मोस्ट पॉपुलर एक्ट्रेसेस तेलुगु में तो शायद राशि खन्ना से बड़ा नाम है ही नहीं हालांकि दिल्ली में पड़ी है जरा सोचिए दिल्ली में पढ़ाई की दिल्ली में पली पड़ी और कहां साउथ में जाके झंडे गाड़े कैसे हुआ ये देखिए मुझे तो आईएस ऑफिसर बनना था लेकिन लेकिन आई थिंक गॉड हैड डिफरेंट प्लांस क्योंकि मैंने कभी सोचा नहीं था कि एक्टिंग करनी है मेरे बैकग्राउंड में कोई एक्टर नहीं था मैं बहुत शाय हूं मैं कम बोलती हूं लाइफ में इन जनरल तो एक्टिंग बस हो गई मतलब मिल गई मिल गई फिल्में और फिल्में करती गई कौन लाया आपको एक्टिंग में देखिए मैं कॉलेज में थी तो वहां पे अ मॉडलिंग शुरू करी उसके लिए भी मैं शोर नहीं थी.

बिकॉज़ मैं बहुत शाय थी तो मैंने कहा ठीक है सिर अब वीकेंड्स पे काम करूंगी क्योंकि मुझे पढ़ाई करनी है वीकेंड्स पे काम किया फिर मेरी एक दोस्त थी उनको एक्टर बनना था तो उन्होंने कहा चल बम्बे चलते हैं दो महीने की तेरी छुट्टियां है कॉलेज अभी खत्म हुआ है तो हम आ गए बम्बे मैं पहले ऑडिशन से भाग गई डर के क्योंकि बहुत लोग थे मैं बहुत शायद थी मैंने कहा मुझसे नहीं हो कौन सी फिल्म का था वो नहीं नहीं फिल्म नहीं थी ऐड थी ओके उसके बाद फिर मुझे एक फिर मैंने एक ऐड करी जो डायरेक्टली आई और उसके बाद कॉल आया मुझे मद्रास कैफे के लिए ऑडिशन करने के लिए मैंने ऑडिशन किया मुझे फिल्म मिल गई तो वहां से फिर फिल्म मि जी उसके बाद मुझे फिल्में मिलती गई.

तो मैं एक्टर बन गई और साउथ जाना कैसे हुआ वही मद्रास कैफे से मुझे देखा गया और मुझे एक साउथ फिल्म ऑफर हुई पहली तेलुगु फिल्म जो उहलु सला जो मैंने की थी वो बहुत बड़ी हिट हो गई दोबारा बोलिए नाम मिस हो गया लो गुस्स गुस्स लाडे ओके जी तो पांच छह लैंग्वेजेस बोलती है ये दिल्ली वाली हो कैसे सीखा ये पांच छह लैंग्वेजेस वहां जाके सीखा या पहले से आता देखिए मैं बहुत पैशनेट हूं मैं जो भी काम करती हूं तो जब मैं तेलुगु स्पीकिंग स्टेट में भी काम कर रही थी या तेलुगु इंडस्ट्री में भी काम कर रही थी तो मुझे सिर्फ ये था कि द लीस्ट थिंग आई कैन डू इज गिव रिस्पेक्ट टू दैट ऑडियंस गिव रिस्पेक्ट टू दैट कल्चर और वो आप तभी कर सकते हैं.

जब आप उनकी भाषा सीखें तो मैंने उनकी भाषा सीखी और तमिल के लिए तो मैंने ट्यूटर लगाया बकार था कि मुझे सीखनी है ये भाषा नहीं तो मैं किनी कितनी लैंग्वेजेस सीख ली देखिए तमिल तेलुगु सीखी मलयालम में भी मैंने काम किया पर उसमें मैं फ्लूएंट नहीं हूं मैं हिंदी जानती हूं पंजाबी घर पर बोलते हैं मुल्तानी भी थोड़ी बहुत घर पर बोलते हैं तो मैं समझती हूं ओके सो हिंदी इंग्लिश को छोड़ के किसी और लैंग्वेज में आप मुझे बताइए कि आपकी फिल्म 15 तारीख को क्यों देखनी चाहिए अरे ये तो मेरा मतलब टेस्ट ले रहे हो आप वच एवर लैंग्वेज यू वांट हिंदी इंग्लिश ना फिल्म 15 ना फिल्म 15 नवंबर की रिलीज हो प्लीज मरो फैमिली तो कलसी थिएटर लो च लज ये तेलगु थी आई थंक आप ज्यादा कंफर्टेबल तेलुगु में जी मैं तेलुगु में थोड़ी ज्यादा कंफर्टेबल हूं बट मुझे तमिल भी आती है मैंने सुना है आपने कुछ गाने भी गाए और प्रोफेशनली गाए जी तेलुगु में गाए हैं मलयालम में गाया है एक गाना गाना पसंद है.

मुझे मैं ऐसे कोई महान सिंगर नहीं हूं पर मुझे गाना अच्छा लगता बात है ऑफकोर्स देखिए मैं शाहरुख सर का गाना गाउंगी लराट वन ऑफ माय फेवरेट सन् एक दिन आप यूं हमको मिल जाएंगे फूल ही फूल राहों में खिल जाएंगे मैंने सोचा ना था क्या बात है थैंक यू ब्यूटीफुल आवाज भी खूबसूरत आई थिंक इंडियंस ो बहुत सारे इंडियन बहुत अच्छा गाना गाते हैं आई जेनुइनली फील मेरे पापा तो सारे गा पापा देखते रहते हैं टीवी पे ये गाते थे सेट पे ये नहीं अच्छा सेट पे ऐसा माहौल ही नहीं होगा ना ऐ नहीं बट मस्ट हैव बीन सीरियस नॉट ऑल द टाइम ब वी हैड अ लॉट ऑफ फन वाइल शूटिंग द फिल्म मतलब सीरियस सींस होते थे बहुत इमोशनल सींस भी है.

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