यह वो मंजर है जिसे कोई मां-बाप कभी देखना नहीं चाहता। राजस्थान के झालावाड़ जिले के पीपलौदी गांव में आज जो हुआ उसने हर किसी की रूह तक को झकझोर दिया। एक साथ जब छह बच्चों की जान गई तो पूरा गांव रो पड़ा। रोते विलखते परिजन मां-बाप की गोद में बच्चों के कपड़े। एक ही अर्थी पर भाई-बहन कान्हा और मीना। शवों को अंतिम संस्कार स्थल तक ले जाती हैं गाड़ियां। देते पिता, आंखों में आंसू और कांपते हाथ। गांव में सन्नाटा, बंद दरवाजे, बुझे चूल्हे।
सुबह के 5:00 बजे थे। गांव में सन्नाटा था लेकिन दिलों में तूफान। जैसे ही बॉडी गांव पहुंचे मातम चीखों में बदल गया। एक-एक कर जब बच्चों की पार्थिव शरीर लाए गए तो गांव का हर शख्स रो पड़ा। कान्हा और मीना सगे भाई-बहन एक ही अर्थी पर एक ही चिता पर दोनों विदा हुए। पिता ने कांपते हाथों से दी।
शायद जिंदगी की सबसे बड़ी सजा थी यह पल। एक घर का इकलौता चिराग बुझ गया। एक मां की गोद सूनी हो गई। एक बाप की पीठ टूट गई। पीपलौदी आज सवाल पूछ रहा है इन बच्चों की मौत का जिम्मेदार कौन? पीपलदी गांव में सुबह से अब तक सिर्फ रुदन की आवाजें सुनाई दे रही हैं। कोई मां अपने बच्चे के जूते से लिपट कर रो रही है तो कोई बाप श्मशान में बैठा स्तब्ध। गांव में हर आंख नम है। हर दिल टूटा है। ग्रामीणों ने बताया कि गांव के किसी भी घर में कल से चूल्हा नहीं जला।
पूरे गांव में तनावपूर्ण मातम और सन्नाटा बसरा है। गांव के लोगों में हादसे के बाद बहुत गुस्सा है। हादसे में कहीं एक परिवार का इकलौता चिराग बुझा है तो एक परिवार की दोनों संताने मौत के मुंह में समा गई। जिन बच्चों की मौत हुई है उनमें से अधिकांश की उम्र 7 से 10 साल के बीच है और उनकी पारिवारिक स्थितियां बेहद खराब।
अधिकांश बच्चों के जो माता-पिता हैं, वह मेहनत मजदूरी करके अपना परिवार चलाते हैं और मेहनत मजदूरी करके अपने बच्चों को पढ़ा रहे थे। पीपलदी आज सिर्फ एक गांव नहीं एक सवाल बन गया है। क्या हमारे बच्चों की जिंदगी इतनी सस्ती हैचाहते थे आप अभी कारवाई नहीं कहां हो? अभी कारवाई नहीं हुई कुछ भी। क्या चाहते हैं आप ग्रामीण वासी क्या? ग्रामीण यही चाहते हैं जो मांग करी है वो पूरी होना चाहिए। परिवार में से एक नौकरी लगना चाहिए।
यह मांग है क्या नाम है बच्ची का? पायल नाम है। पायल नाम है इसका। कैसे हुआ था यह हादसा कल? हादसा कल हुआ है ये जो सात नहीं 7:40 को सर ये जो बिल्डिंग स्कूल है आंखें टूट गई है नीचे गिर गई है नीचे। कितने बच्चे गए थे? बच्चा इसमें से 32 तो पहले प्रशासन को बताया नहीं था। बता दिया सर खूब स्कूल का बारे में खूब बेसोस हमारा जो कोई कारवाई नहीं सुने कोई भी और वहां स्कूल में जा और धक्कामुक्की करके बाहर निकाले।