अपने नाम के आगे से अपने पिता के सरनेम को हटाने को लेकर प्रतीक बब्बर कुछ दिनों पहले सुर्खियों में आए थे। प्रतीक बब्बर ने अब अपना नाम प्रतीक स्मिता पाटिल कर दिया है और अब अपनी पहचान क्यों प्रतीक बदलना चाहते हैं या क्यों अपने पिता के सरनेम से उन्होंने पीछा छुड़ाया है इसके बारे में प्रतीक ने खुलासा किया है।
प्रतीक बब्बर ने कहा कि बचपन से ही उन्हें मां-बाप का प्यार मिला ही नहीं। मां की तो निधन हो गई थी और पिता ने भी उन्हें समय नहीं दिया। इसीलिए अंदर ही अंदर वह अपने दोनों ही पेरेंट्स से नफरत करने लगे थे। पेरेंट्स के बिना बड़ा होना बहुत अजीब लगता है। लोग आपको अलग तरीके से ट्रीट करते हैं। आपको जबरदस्ती की सिंपैथी दिखाते हैं। यह प्रतीक को बिल्कुल अच्छा नहीं लगता था।
एक तरफ मेरे मां-बाप मेरे पास नहीं और दूसरी तरफ लोग मेरा कंपैरिजन उन्हीं से करते थे। तो मुझे बहुत बुरा लगता था। था लेकिन एक टाइम के बाद इस सिचुएशन से मैंने कॉम्प्रो कर दिया और मैंने इग्नोर करना शुरू कर दिया कि जाने दो उन्हें जो करना है करने दो लेकिन मैं अपनी एक अलग ही पहचान बनाऊंगा।
प्रतीक ने कहा कि आज भी मुझे अपनी पहचान के लिए लड़ना पड़ रहा है। हालांकि प्रतीक ने कहा कि उन्होंने अपने पिता राज बब्बर से बॉन्ड बनाने की कोशिश की। उन्होंने बातचीत करने की कोशिश की लेकिन चीजें वैसी नहीं हुई जैसी होनी चाहिए थी। उनका और पिता का रिश्ता मजबूत नहीं हो पाया। और इसी वजह से प्रतीक ने अपने नाम के आगे से अपने पिता का सरनेम भी हटा दिया क्योंकि वह अपने पिता से कनेक्ट ही नहीं करते हैं। बचपन में जब पिता की जरूरत थी तब पिता का प्यार उन्हें नहीं मिला।
