रगबी और टेनिस जैसे तेजतर्रार खेलों को कवर करने वाली एक पत्रकार जिनका दिल अचानक ही समंदर की गहराइयों में छिपे रहस्यमय जीवों के लिए धड़कने लगा। सुनने में थोड़ा फिल्मी लगता है लेकिन यह कहानी सच्ची है। पत्रकार क्लोई जिन्होंने स्पोर्ट्स रिपोर्टिंग के ग्लैमर को छोड़कर वाइल्ड लाइफ की अनजानी राहों को चुना।
अब क्लोई जानवरों पर लिखती है और उन रहस्यमई दुनिया की खोज में निकल पड़ती है जहां आम इंसान की पहुंच नहीं है। जैसे कि यह और फिश। समंदर का वो भूकंप वाला सांप जिसके दिखने पर कई देशों में अनहोनी की आशंका जताई जाती है। यह कोई आम मछली नहीं। चांदी की तरह चमकता 30 फीट तक लंबा शरीर। सिर पर लाल रंग का एक मुकुट और घर है समुंदर की उन गहराइयों में जहां सूरज की रोशनी भी नहीं पहुंचती।
लेकिन इसकी पहचान इसकी खूबसूरती से नहीं बल्कि इससे जुड़े डर और अंधविश्वास से है। दुनिया की कई संस्कृतियों में इसे देखना अशुभ माना जाता है। खासकर जापान में जहां इसे समुद्री देवता का दूत कहते हैं। एक ऐसा मैसेंजर जो किसी बड़े संकट का संकेत लेकर सतह पर आता है और यह सिर्फ कहानियां नहीं है इतिहास गवाह है। साल 2011 जापान में भूकंप और सुनामी आने से ठीक पहले तटों पर यही और फिश देखी गई थी।
यही कहानी मेक्सिको में भी दोहराई गई जब बड़े भूकंपों से पहले यह रहस्यमई जीव नजर आया और अब बीते महीने यह मछली तमिलनाडु और ऑस्ट्रेलिया के तस्मानिया के तटों पर भी दिखी तो सोशल मीडिया पर डर की एक नई लहर दौड़ गई। लोग इसे हाल में हुई बड़ी घटनाओं से जोड़कर किसी बड़ी अनहोनी की आशंका जता रहे हैं। जब विज्ञान से यह सवाल पूछा जाता है तो जवाब कुछ और ही मिलता है। वैज्ञानिक इन मान्यताओं को सिरे से खारिज करते हैं। उनका कहना है कि गहरे समुद्र में होने वाली हलचल या भूकंपीय तरंगों की वजह से शायद यह मछली सतह पर आ जाती हो।
लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि यह किसी आपदा की भविष्यवाणी करती है। साल 2019 में हुई एक स्टडी में भी इस दावे को पूरी तरह गलत पाया गया। तो अब सवाल उठता है कि क्या यह सिर्फ एक खौफनाक इत्तेफाक है या इन गहराइयों में वाकई कोई ऐसा रहस्य छिपा है जिसे विज्ञान अभी तक समझ नहीं पाया है? एक तरफ है सदियों पुरानी मान्यताएं और डरावने संयोग। लेकिन दूसरी तरफ है विज्ञान और तर्क। सवाल अब भी वही है की इस मछली का रहस्य क्या यह सिर्फ एक मिथक है या आने वाले खतरे की बड़ी चेतावनी?