14 नवंबर 2025 रात के करीब 11:00 बजे हैदराबाद का कुकटपल्ली इलाका यहां की ग्रीन हिल्स रोड पर मौजूद एक अपार्टमेंट के एक फ्लैट में पुलिस पहुंची हुई है लेकिन फ्लैट में घुस नहीं पा रही फ्लैट मालिक दरवाजा नहीं खोल रहा पुलिस ने हर कोशिश करके देख ली डराया धमकाया दरवाजा तोड़ने की भी कोशिश की लेकिन सब बेकार आखिरकार फ्लैट के रेजिडेंट ने 2 घंटे बाद दरवाजा खोला पुलिस ने उसे तत्काल हथकड़ियां पहना दी लेकिन इन 2 घंटों में बंदा खेल गया था ।
अपने मोबाइल फोन से कई सारे एप्स डिलीट कर चुका था और अपने लैपटॉप से सैकड़ों फाइल्स उड़ा चुका था। मोबाइल और लैपटॉप छुपा भी दिए थे। लेकिन साइबर क्राइम्स को डेडिकेटेड स्पेशल पुलिस फोर्स ने ना सिर्फ ये चीजें बरामद की बल्कि बाद में डाटा भी रिट्रीव किया। कौन था यह शख्स और ऐसा क्या राज छुपाना चाह रहा था? आइए जानते हैं।
पुलिस ने जिसे गिरफ्तार किया था वो कोई आम शख्स नहीं था। यह आदमी पिछले छ साल से भारतीय सिनेमा को खासकर साउथ इंडियन फिल्म इंडस्ट्री को लूट रहा था। जिसने अकेले दम पर एक ऐसा पाइरेसी नेटवर्क खड़ा किया था जो कैरेबियन आइलैंड से लेकर यूरोप और साउथ ईस्ट एशिया तक फैला हुआ था। जिसके नेटवर्क ने सिनेमा इंडस्ट्री को 35,000 करोड़ का चू चुना लगाया था। नाम था इमादी रवि। उम्र 39 साल। खूब पढ़ा लिखा बंदा लेकिन प्रोफेशन भारत का सबसे बड़ा पाइरेसी किंग फिल्म। रवि ने पिछले छ सालों में आईबोमा और बप्पम टीवी जैसी वेबसाइट्स के जरिए 21,000 से ज्यादा फिल्में पायरेट की। 65 मिरर डोमेनस बनाए। 50 लाख यूज़र्स का पर्सनल डाटा चुराया और भारतीय फिल्म इंडस्ट्री को करीब 35,000 करोड़ का नुकसान पहुंचाया।
इमादि रवी वो शख्स है जिसने टेक्नोलॉजी को हथियार बनाकर पूरी इंडस्ट्री को चुनौती दे दी जो कैरेबियन के एक आइलैंड से बैठकर भारत की फिल्में रिलीज के दिन ही अपने वेबसाइट पर डाल देता था और जिसने पुलिस को खुली चुनौती देते हुए लिखा अगर हिम्मत है तो मुझे पकड़ कर दिखाओ हिमादी रवि का जन्म विशाखापट्टनम आंध्र प्रदेश में हुआ था एक मिडिल क्लास फैमिली में पढ़ाई में वो होशियार था कंप्यूटर साइंस में बीएससी की आंध्र यूनिवर्सिटी से फिर मुंबई चला गया और आईसीएफएआई बिजनेस स्कूल से एमबीए किया। शुरुआत में रवि ने एक टेक कंपनी शुरू की लेजिटमेट बिजनेस लेकिन शायद वो उतना मुनाफा नहीं कमा पा रही थी जितना रवि चाहता था या फिर उसे टेक्नोलॉजी का अलग इस्तेमाल सूझा था। 2019 के आसपास रवि ने अपनी टेक कंपनी बंद कर दी और शुरू किया एक नया वेंचर आईबोम्मा। आई बम्मा का नाम तेलुगु स्टेट्स में खूब जाना पहचाना है।
यह सिर्फ एक पाइरेसी वेबसाइट नहीं थी। यह एक इकोसिस्टम थी। एक पूरा नेटवर्क जो बेहद प्रोफेशनलली चलाया जा रहा था। आईबमा की शुरुआत 2019, 2020 के आसपास हुई और धीरे-धीरे यह तेलुगु फिल्मों की पाइरेसी का सबसे बड़ा हब बन गया। इसकी खासियत क्या थी? आईब्मा पर फिल्में थिएटर में रिलीज होने के कुछ ही घंटों में कभी-कभी तो मिनटों में अपलोड हो जाती थी। एचडी क्वालिटी में क्लियर प्रिंट परफेक्ट ऑडियो कैसे रवि ने एक पूरा नेटवर्क बनाया था।
कैमकर्स का कई शहरों में मॉर्निंग शोज़ में उसके लोग कैमरा लेकर बैठ जाते फिल्म रिकॉर्ड करते 60 से 90 मिनट में एडिट करके एचडी वर्जन तैयार कर लेते और फिर अपलोड रवि ने 65 अलग-अलग मिरर डोमेनस बना रखे थे आई बम्मा को ब्लॉक करो तो बप्पम टीवी उसे ब्लॉक करो तो कोई तीसरा डोमेन एक बंद होता तो दूसरा ऑटोमेटिकली एक्टिवेट हो जाता रवि की टीम सिर्फ भारत में नहीं थी फ्रांस फ्रांस, नीदरलैंड्स, दुबई, म्यांमार, कैरेबियन आइलैंड्स पूरी दुनिया में फैली हुई थी। सर्वर्स ऑफ शोर थे, एनक्रिप्टेड अपलोड्स, सेटेलाइट स्पीड्स हैक करना, डिजिटल ड्राइव्स चुराना हर तरह का जुगाड़ था। इसके अलावा रवि टेलीग्राम से नई रिलीज की फिल्में सोर्स करता था और फिर अपनी वेबसाइट पर अपलोड कर देता।टेलीग्राम चैनल्स के जरिए डिस्ट्रीब्यूशन भी होती। तेलुगु फिल्म चेंबर ऑफ कॉमर्स के मुताबिक आई बुम्मा पर सिर्फ भारत से ही हर महीने 37 लाख विजिटर्स आते थे। वर्ल्ड वाइड नंबर्स तो और भी ज्यादा थे। पुलिस ने बताया कि रवि सालाना ₹1 करोड़ तक कमा लेता था।
पिछले पांच छ सालों में उसने कम से कम ₹30 करोड़ बनाए हैं। कैसे? आईb पर Google एड्स चलते थे। लाखों विजिटर्स हर विजिट पर एड्स और पैसा। यूज़र्स डोनेट भी कर सकते थे क्रिप्टो करेंसी में। एनोनिमस, अनट्रेसेबल। कुछ प्रीमियम कंटेंट के लिए पेड लिंक्स भी थे। इसके अलावा रवि की वेबसाइट पर इललीगल बैटिंग एप्स के एड्स भी चलते थे। इससे भी मोटी कमाई होती थी। पुलिस ने रवि के अकाउंट से ₹3.5 करोड़ ज्त किए हैं और इन्वेस्टिगेशन चल रही है कि उसके और कितने अकाउंट्स हैं। रवि के कारनामों से इंडस्ट्री को जो नुकसान हुआ उसके आंकड़े चौंका देने वाले हैं। 2023 में पूरी इंडियन फिल्म इंडस्ट्री को पाइरेसी से ₹2,400 करोड़ का नुकसान हुआ था। 204 में सिर्फ तेलुगु फिल्म इंडस्ट्री को ₹3700 करोड़ का नुकसान हुआ। एक्सपर्ट्स का अंदाजा है कि 2019 से 2025 के बीच में आईb नेटवर्क ने कुल मिलाकर 24,000 से 35,000 करोड़ तक का नुकसान पहुंचाया है।
ये सिर्फ बॉक्स ऑफिस की बात नहीं है। इन इललीगल एक्टिविटीज की वजह से ओटीटी राइट्स की कीमतें गिरी। सेटेलाइट राइट्स भी सस्ते हुए। प्रोड्यूसर्स को लोंस भी नहीं मिले और पूरा इकोसिस्टम प्रभावित हुआ। कुछ बड़ी फिल्में जो आई बम्मा की वजह से बुरी तरह प्रभावित हुई वो हैं गेम चेंजर ओजी कुबेरा हिट द थर्ड केस कनप्पा मीराई थंडेल किंगडम वगैरह-वगैरह इन फिल्मों की पायरेटेड कॉपीज रिलीज के दिन ही लीक हो गई थी। ओपनिंग वीक में इनको 20 से 30% फुटबॉल का नुकसान झेलना पड़ा। 2024 की शुरुआत में साइबरबाद पुलिस ने एक पांच लोगों के गैंग को गिरफ्तार किया था।
कमिश्नर सीवी आनंद ने वार्निंग दी जो भी वेबसाइट चला रहे हैं वो नहीं बचेंगे चाहे वो कोई भी टेक्नोलॉजी इस्तेमाल करें और फिर आईबोमा ने जवाब दिया वेबसाइट पर एक प्रोवोकेटिव मैसेज लिखकर हमारी वेबसाइट पर फोकस करना बंद करो वरना मुझे तुम पर फोकस करना पड़ेगा यह खुली चुनौती थी पुलिस को पूरी इंडस्ट्री को पुलिस कमिश्नर सजन आर ने बाद में कहा स्टंट ने इन्वेस्टिगेशन को और इंटेंस बना दिया रवि हमारी टारगेट लिस्ट में सबसे ऊपर आ गया। जैसे-जैसे पुलिस की इन्वेस्टिगेशन गहरी होती गई, रवि समझ गया कि अब खतरा बढ़ रहा है। तो उसने कुछ एक्सट्रीम स्टेप्स लिए। उसने अपनी मल्टीपल आइडेंटिटीज बनाई। महाराष्ट्र में फेक पैन कार्ड्स और ड्राइविंग लाइसेंसेस बनवाए। फिर इंडियन सिटीजनशिप ही छोड़ दी। कैरेबियन का एक छोटा सा आइलैंड नेशन है सेंट कीट्स और नेविस। नवी ने वहां की नागरिकता ले ली।
वहां का पासपोर्ट तक बना लिया। अब वो टेक्निकली इंडियन सिटीजन नहीं रहा। उसने अपना एक ठिकाना फ्रांस में भी बना लिया। वहीं से पूरा ऑपरेशन चलाता रहा। रवि की पाइरेसी से भी बड़ा खतरा था डाटा थप्ट का। रवि के पास 50 लाख यूज़र्स का पर्सनल डाटा था। जिन लोगों ने आईयूज किया उनकी डिटेल्स, ईमेल आईडीस, फोन नंबर्स, आईपी एड्रेसेस, ब्राउजिंग पैटर्न्स और यहां तक कि बैंकिंग इनेशन तक सब कुछ रवि को पकड़ना आसान नहीं था। वो फ्रांस में था। कैरेबियन में रहता था। ऑफशोर सर्वर्स यूज़ करता था। उसके सारे कम्युनिकेशंस एनक्रिप्टेड थे। लेकिन पुलिस ने धीरे-धीरे उसका नेटवर्क क्रैक किया। पहले रवि के एजेंट्स को गिरफ्तार किया गया। कई लोग गिरफ्तार हुए। जैसे जनक किरण कुमार नाम का एक एसी टेक्नशियन जिसने 100 से ज्यादा फिल्में थिएटर्स में बैठकर रिकॉर्ड की थी।
सिरिल लिफेंट राज नाम का उसका डोमेन हैंडलर अरसलान अहमद नाम का एक और बंदा जो अपलोड्स और टेलीग्राम डिस्ट्रीब्यूशन मैनेज करता था। इसके अलावा हरीश नाम का एक एजेंट जिसने रवि की आइडेंटिटी रिवील की। एक बार रवि का नाम सामने आने की देर थी। पुलिस ने स्पेशलाइज टूल्स इस्तेमाल किए। इंटरनेशनल सर्वर्स ट्रेस किए, ऑफशोर अकाउंट्स ट्रैक किए। रवि के मूवमेंट पैटर्न को स्टडी किया। इसमें नॉर्थ ईस्ट स्टेट से पकड़े गए रवि के एजेंट्स ने पुलिस की बहुत मदद की। पुलिस को पता चला कि रवि ओकेजनली अपने कुकटपल्ली फ्लैट में आता है। उन्होंने अपना अगला कदम तय कर लिया। वो लुकआउट सर्कुलर इशू करने ही वाली थी। लेकिन तभी इंटेलिजेंस से रिपोर्ट मिली कि रवि फ्रांस से हैदराबाद आने वाला है। 14 नवंबर की रात रवि हैदराबाद पहुंचा। उसे बिल्कुल भी आईडिया नहीं था कि पुलिस उसकी ताक में है। वो बेखतर अपने फ्लैट पर पहुंचा जहां से पुलिस ने उसे उठा लिया। हालांकि गिरफ्तारी से पहले उसने एविडेंस डिस्ट्रॉय करने की भरपूर कोशिश की। 17 नवंबर को हैदराबाद पुलिस कमिश्नर वीसी सज्जनार के ऑफिस में एक स्पेशल मीटिंग हुई। इसमें तेलुगु फिल्म इंडस्ट्री के कुछ बड़े नाम पहुंचे। जैसे चिरंजीवी, नागार्जुन, एसएस राजामौली, प्रोड्यूसर दिलराजू वगैरह-वगैरह सबने आकर पुलिस की भरपूर तारीफ की। हैदराबाद पुलिस ने रवि के खिलाफ सात एफआईआर फाइल की हैं। उस पर कई धाराएं लगा दी गई है कि उसे 7 साल तक की जेल हो सकती है। रवि की गिरफ्तारी के बाद आईबोमा वेबसाइट को परमानेंटली ब्लॉक कर दिया गया है।
65 मिरर डोमेनस भी ब्लॉक कर दिए गए हैं। बप्पम टीवी और सारी एसोसिएटेड साइट्स भी बंद करा दी गई है। पुलिस का अगला स्टेप है पूरे नेटवर्क को डिस्मेंटल करना। हर मेंबर को ट्रैक करना हर ऑफिसर सर्वर को आइडेंटिफाई करना। कमिश्नर ने कहा है कि यह रैकेट अभी खत्म नहीं हुआ है। हम इस नेटवर्क के हर आखिरी मेंबर को हंट करेंगे। इमादी रवि की कहानी एक वार्निंग है। टेक्नोलॉजी के मिसयूज की, लालच की और शॉर्ट टर्म थिंकिंग की। एक एजुकेटेड आदमी बीएससी, एमबीए अच्छी जॉब कर सकता था। लेजिटमेट बिजनेस रन कर सकता था।
लेकिन उसने गैरकानूनी राह चुनी। छ साल तक उसने सोचा कि उसे कोई हाथ नहीं लगा सकता। कैरेबियन में बैठकर यूरोपियन पासपोर्ट लेकर ऑफशोर सर्वर्स यूज करके वो सोचता था कि पुलिस उसे नहीं पकड़ सकती। लेकिन आखिरकार वो कानून के शिकंजे में आ ही गया कि माद रवि अब जेल में है। तीन से सात साल की सजा का सामना कर रहा है। उसका एंपायर ढह गया है। उसके तीन करोड़ फ्रीज हो गए हैं।
लेकिन क्या आईबोमा का एंड पायरेसी का एंड है? शायद नहीं। जैसा कि इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स कहते हैं एक हाइड्राहेडेड प्रॉब्लम है। एक सिर काटो तो दो और निकल आते हैं। ऑलरेडी सोशल मीडिया पर रूमर्स हैं कि आइबोमा जैसी नई साइट्स आने वाली है। नए ऑपरेटर्स, नए डोमेन, सेम ओल्ड गेम लेकिन चाहे कितना भी सोफेस्टिकेटेड हो आखिर में कानून ही जीतता है। पाइरेसी किंग का राज खत्म हो गया है। लेकिन लड़ाई अभी जारी है।
