पूर्व ओलंपियन मोहम्मद शाहिद के घर पे क्यों चला बुलडोजर?

पूर्व ओलंपियन मोहम्मद शाहिद का घर है जिस पर बुलडोजर चल रहा है क्योंकि इस इलाके में सड़क चौड़ीकरण का काम किया जाना है जिसके चलते कुछ घरों को मुआवजे के साथ तोड़ा जा रहा है। तोड़े जाने वाले घरों में मोहम्मद शाहिद का भी घर था।

वही हॉकी प्लेयर मोहम्मद शाहिद जिनके लिए एक अंग्रेजी फ्रेज बेहद मशहूर है। द होलिएस्ट सिटी ऑफ द हिंदू गव राइज टू द मोहम्मद ऑफ इंडियन हॉकी। हिंदुओं की सबसे पवित्र नगरी ने भारतीय हॉकी के मोहम्मद को जन्म दिया। सबसे पवित्र नगरी यानी वाराणसी और भारतीय हॉकी के मोहम्मद यानी पद्मश्री मोहम्मद शाहिद। उनका घर उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में था। घर में कई लोग रहते थे। सरकार की बुलडोजर कारवाई होने लगी तो लोगों ने रोकने की कोशिश की। आसपास के लोग भी विरोध में प्रशासनिक अधिकारियों से बहस करते दिखे।

मगर तोड़फोड़ का काम फिर भी किया गया। इंडिया टुडे से जुड़े पत्रकार रोशन जायसवाल की रिपोर्ट के मुताबिक वाराणसी में पुलिस लाइन से कचहरी तक कुल 13 मकानों को बुलडोजर लगाकर तोड़ा गया है। यह तोड़फोड़ कचहरी से संधहा सड़क को चौड़ा करने की कवायद में की गई। इन मकानों में पूर्व ओलंपियन और पद्मश्री हॉकी प्लेयर मरहूम मोहम्मद शाहिद का घर भी शामिल था। शाहिद के परिजन ने पुलिस और प्रशासन के सामने इस कारवाही का विरोध किया। कारवाई रोकने की मांग की लेकिन फिर भी बुलडोजर चला दिया गया।

प्रशासन का कहना है कि मकान में रहने वाले नौ सदस्यों में से छह ने मुआवजा ले लिया था। जबकि बाकी लोग वक्त मांग रहे थे। इसी तरह मोहलत मांगने का एक वीडियो सोशल मीडिया पर भी तेजी से शेयर हो रहा है। वीडियो में एक बुजुर्ग व्यक्ति पुलिस वाले से कह रहे हैं मिश्रा जी मैं आपके पैर पकड़ रहा हूं। बस आज की मोहलत दे दीजिए। कल हटा लेंगे। पहले ना गंदा है हमारा तोड़ रहे हैं। हमारा तोड़ रहे हैं। पिताजी पुलिस है। मैं आपसे बात कर रहा हूं। मैं हटा रहा हूं। मैं हटा रहा हूं। मेरी मजबूरी है।

मैं आपको आवाज को हटा दूंगा। केवल मैं हटवा मैं समर्थन में हटो हटो यूपी के प्रमुख विपक्षी दल समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी शेयर किया। उन्होंने अपने ऑफिशियल एक्स हैंडल से यह वीडियो पोस्ट कर कहा जुल्म करने वाले यह ना भूलें नाइंसाफी की भी एक उम्र होती है। ऐसे ही कुछ इल्जाम शाहिद की भाभी नाजनीन के भी हैं।

नाजरीन ने बताया कि वो इस घर को छोड़ना नहीं चाहते इसलिए उन्होंने कोई मुआवजा नहीं लिया है। उनके पास दूसरा कोई मकान भी नहीं। ऐसे में वो सब बेघर हो जाएंगे। भाई अभी हम लोग मुआवजा हम लोग को लिए ही नहीं है। अच्छा जी हम लोग मकान ही नहीं है तो कहां मकान ही नहीं हम लोगों के पास है। अच्छा तो अभी कहां जाएंगे आप देखिए कहां जाते हैं क्या कहें अभी सामान ही मेरा है वहां उसमें है कितने लोगों का परिवार यहां रह रहा था बस हम दो एक में मेरे साथ मेरे डेट है तो शादी नहीं की हम रह रहे थे उनके साथ बस सब लोग बच्चे वगैरह कहां रहते हैं दो बच्चे मेरे यही अभी पढ़ाई कर रहे हैं एक जॉब कर रहा है एक तो प्राइवेट है पढ़ाई कर रहा इस विरोध के बावजूद उस मकान को तोड़ा जा रहा था तब नाजनीन और मोहम्मद शाहिद की भतीजियां इस तरह उदास होकर दूर से यह कारवाई देख रही थी उन्होंने अपनी जो परेशानियां बताई थी उन्हें सुना नहीं गया। एक परेशानी शाहिद के मामा के बेटे मुस्ताक ने भी बताई। बताया कि उनके घर एक शादी होनी है। ऐसे में उन्हें ऐसी स्थिति में ला दिया गया।

मुस्ताक ने आरोप लगाया कि यह सिर्फ प्रशासनिक गुंडई है। यहां लड़की की शादी है 10 तारीख से लेके और करीब वही जो है सत्ता के आसपास जो है लगेगा और उसमें तोड़ के सब बर्बाद कर दे रहे हैं। दूसरी बात इसमें जो भाई रह रहे हैं जिन्होंने स्टे भी लिया है इनके पास पूरे बनारस में या पूरे भारतवर्ष में कहीं भी 1 इंच जमीन भी नहीं है। आप यहां से तोड़ के निकाल दोगे सड़क पर आ जाएंगे। ये कहां जाएंगे? गवर्नमेंट का यह कहना है कि पुनर्वास लैंड एक्वज़िशन के साथ-साथ पुनर्वास भी उसमें लगा हुआ है। तो आप उसको पुनर्वास करते कहीं दो एक कमरे का मकान दे देते वो शिफ्ट हो जाता तब आप कहीं तोड़ते लेकिन ये जबरदस्ती प्रशासनिक गुंडई के बल पे तोड़ रहे हैं। पांडेपुर चौराहा से 300 मीटर आगे तक आजमगढ़ रोड पर 21 मीटर इन्होंने लिया है। और यहां पर यह 25 मीटर ले रहे हैं।

इसलिए ले रहे हैं कि यहां से इस चौराहा से इस चौराहा तक मतलब पुलिस लाइन चौराहा से कचहरी चौराहा तक यहां 75% आबादी मुस्लिमों की है और वहां पर जो है 90 से 95% वोटर बीजेपी के हैं तो आपने वहां तो कर दिया यहां नहीं किया अभी हमने केके सिंह से कहा इधर से तो कह रही शासन से हुआ हमने कहा फिर आप झूठ बोलते हो शासन से नहीं उन्होंने किया क्या नाम है उनको हस्तक्षेप किया जयसवाल जी तो अगर उन्होंने हस्तक्षेप किया तो वही चीज तो बाकी पर लागू होना चाहिए था ना। मुस्ताक ने यह भी आरोप लगाया कि मुस्लिम बाहुल्य इलाके में जानबूझकर सड़क को 21 मीटर की बजाय 25 मीटर चौड़ा किया जा रहा है।

उन्होंने योगी सरकार के राज्य मंत्री रविंद्र जायसवाल पर इल्जाम लगाया कि वहीं इसके लिए जिम्मेदार हैं। रविंद्र जायसवाल वाराणसी जिले के ही हैं। वाराणसी नॉर्थ सीट से वह विधायक हैं। इस बुलडोजर कार्रवाही के दौरान पत्रकार रोशन जायसवाल पहुंचे। वहां मौके पर उन्हें पद्मश्री विजेता और पूर्व ओलंपियन मोहम्मद शाहिद के सगे बड़े भाई राजू मिले। राजू ने भावुक होकर बताया कि जिस शख्स ने पूरे देश का नाम रोशन किया उसके सारे अवार्ड चकनाचूर हो गए। कि क्या अभी इस मकान को लेके स्टेटस है और आप लोग की कल बातचीत भी हुई थी। काफी आपस में हॉट भी हुई थी। बात हुई जी हमने यह किया था मकान तो सभी का टूटना है चौड़ीकरण होना ही है लेकिन हमारे परिवार में शादी है अक्टूबर में एक महीने की छूट दे दी जाए हम लोग तो मकान खाली कर देंगे और थोड़ा खाली हो गया शादी ब्याह का सामान रखा है लेकिन उसके बाद भी प्रशासन नहीं माना स्टे भी लिए हुए थे कि कहीं आके प्रशासन तोड़ देना सामान घर द्वार तोड़ दे तोड़ देगा तो आदमी कहां जाएंगे हमने अधिकारी से भी यह भी बात कहा कि अगर आपके यहां घर में भेजा कि सामान बाहर निकाल लो घर से बाहर बाहर सामान निकाल लो।

तो हमने कहा सामान निकाल के कहां रखिएगा आप? सारा सामान हमारा खराब हो जाएगा। अवार्ड वगैरह वैसे ही चूर हो गया। खत्म हो गया। जिसने पूरे देश का नाम रोशन किया उस परिवार ने उसका अवार्ड सारा खत्म हो गया। टूट गया। चकनाचूर हो गया है। और आप कह रहे हैं कि सामान बाहर रख दो। आप भी पारिवारिक आदमी हैं। अगर पारिवारिक आदमी हैं तो जगह दे दीजिए अपने के यहां। हम सामान वहां ले जाएं। इस मकान में बताया जा रहा है कई हिस्सेदार हैं। करीबन नौ लोग हैं। नौ लोग हिस्सेदार हैं। उन लोगों ने पैसा ले लिया था। बाकी कुछ लोगों ने हां। लेकिन हम दो भाई रहते हैं। इसमें परमानेंट कुछ मकान है। मेरी मां का मकान उसके पहले उनकी मां का मकान था। समझ रहे हैं आप? हम तो आप लोगों ने ना तो मुआवजा लिया?

हां। हम लोगों ने मुआवजा नहीं लिया था। बस इसी बेसिस पे कि शादी ब्याह बीत जाए तो मुआवजा ले लेंगे। मकान तो टूटना है ही है। चोरीकरण तो है लेकिन प्रशासन नहीं माना गिरा दिया मकान। हम तो अभी क्या अभी इसी मलबे में ही आप लोग अंदर जैसे हां अभी है कहां जाएंगे? आरोप गंभीर है इसलिए इसमें प्रशासन का भी पक्ष लेना जरूरी है। मामले पर वाराणसी के एसडीएम सिटी आलोक वर्मा ने अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि सड़क चौड़ीकरण में जिन लोगों को मुआवजा दिया जा चुका है सिर्फ उन्हें ही हटाने की कारवाई की जा रही है। मगर बुलडोजर के इस्तेमाल के चलते थोड़ी बहुत टूटफूट इधर-उधर भी हो सकती है। ये रोड वाइड का काम चल रहा है और रोड वाइडनिंग में जिनकोजिनको हमने पैसे दे दिए हैं उनके उनके मकानों को हटाने की कार्यवाही चल रही है। क्या किसी तरीके का कोई विरोध वगैरह या नाभि से ज्यादा तोड़ने की बात सामने आ रही है। नहीं ऐसा नहीं हो सकता क्योंकि एक तो उसको ऐसे भी ले सकते हैं कि जेसीबी है तो जेसीबी से अगर तोड़ेंगे तो थोड़ा बहुत इधर-उधर हो जाता होगा। मैं उससे इंकार नहीं करता लेकिन किसी का अनर्गल नहीं तोड़ा जा रहा है। पद्मश्री मोहम्मद शाहिद की मकान को तोड़ने की बात की। फिर अभी काम रोक दिया गया है। वजह क्या है? काम नहीं रोका गया है।

उनके मकान में नौ शेयरर थे। छह लोगों ने पैसा ले लिया है। दो और तीन लोगों का स्टे है। तो उनका स्टे वाला पोर्शन छोड़ दिया गया है। बाकी छह लोगों का तोड़ा गया है। और मेरा उनसे कुछ और भी कितने मकान और दुकान थे जिन जिन पर आज कारवाई हुई है? लगभग 13 मकान हैं। 13 और मोहम्मद शाहिद के यहां ऐसा कुछ नहीं है। मैंने उनके परिवार से भी कहा कि शादी है आपके घर में। आप 12 13 दिन का वक्त ले रहे थे। मैंने कहा मैं बिल्कुल देने को तैयार हूं। हमें कुछ चीजें दे दें। जैसे अकाउंट नंबर दे दे, आधार कार्ड दे दें और पैन कार्ड दे दें। हम आपको छोड़ देंगे। कोई इशू नहीं रहेगा। उन्होंने वो भी नहीं लिया तो।

एसडीएम का कहना है कि तीन लोगों के पास स्टे ऑर्डर था इसलिए उनके हिस्से को छोड़ दिया गया है। जबकि परिजन के आरोप और दावे कुछ और तस्वीर बयां करते हैं। भारत के लिए ओलंपिक्स में खेलने वाले और पद्मश्री सम्मान से नवाजे गए पूर्व हॉकी प्लेयर मोहम्मद शाहिद अब इस दुनिया में नहीं है। लेकिन उनका घर टूटने से उनके जानने मानने वालों, उनके करीबियों में दुख साफ नजर आ रहा है। इस पूरी खबर को अब आपने भी जान सुन लिया है।

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