महेश आनंद कि 5 पत्नियों और दर्दनाक निधन कि पूरी कहानी।

बॉलीवुड में ऐसी और 90 के दशक में एक मशहूर विलन हुआ करता था लंबा-चौड़ा-कद और एक से बढ़कर एक खतरनाक किरदार नाम था महेश आनंद आपने इस एक्टर को कई फिल्मों में देखा होगा बस उनके किरदार बुरे ही होते थे कभी शहंशाह में गली का गुंडा बनकर नजर आता तो कभी संजय डेट की गुमराह में रिंग का फाइटर फोबत किस्मत एक्टर जिसके सेक्रेटरी उसके साथ कम करते-करते करोड़पति बन गए लेकिन करियर के पिक पर इस अभिनेता को एक एक्सीडेंट में बुरी तरह बर्बाद कर डाला आलम यह था की महेश आनंद ने पांच आध्या की थी लेकिन उनके अंतिम संस्कार में सिर्फ उनकी एक ही पत्नी आई थी।

जी फिल्म इंडस्ट्री को महेश आनंद ने अपनी जिंदगी के 20 साल दिए उसे इंडस्ट्री से अंतिम दर्शन के लिए भी श्लोक भी नहीं आए तो महेश आनंद साउथ इंडियन पिता और महाराष्ट्रीयन मां की संतान थे महेश का जन्म 13 अगस्त 1961 को मुंबई में हुआ था उनकी एक बहन थी जिसका नाम लता था महेश आनंद के पिता की एक मशहूर अभिनेत्री हुआ करती थी बचपन से ही महेश को भी फिल्मों में आने का बड़ा ही शौक था इसी वजह से उन्होंने तैयारी भी शुरू कर दी थी हालांकि जब वह छोटे थे तब इनकी मां का निधन हो गया था महेश जैसे-जैसे बड़े होते गए वैसे-वैसे हैंडसम भी होने लगे वो मार्शल आर्ट सीखने लगे और रोज जिम भी जान लगे थे तो इस वजह से उनका शरीर बन गया।

महेश मुंबई में ही पढ़ा करते थे उसे वक्त दो स्टार उनके फेवरेट हुआ करते थे विनोद खन्ना और अमिताभ बच्चन अमिताभ के लिए तो दीवानगी ऐसी थी की एक बार उनके घर की दीवार तक चढ़ गई थी महेश हैंडसम तो थे ही तो कॉलेज के दोस्त बोला करते थे की मॉडलिंग कर ले तेरा करियर बन जाएगा महेश ने भी मॉडलिंग एजेंसी को अपनी फोटोस भेज दी और नसीब ने उनका साथ दिया और मॉडलिंग एजेंसी से उनको ऑफर आने लगे और इसी तरह मॉडलिंग की दुनिया में महेश आनंद का नाम हो गया महेश को लोगों ने सलाह दी की हीरो बने के लिए डांस बहुत जरूरी होता है तब महेश ने भी जी जान लगाकर खूब डांस सिख लिया था अब यह बॉलीवुड कैसे पहुंचे यह मजेदार की सभी आपको सुनते हैं जैसा की आपको पता है की उनके पिता का गियर जुआ करता था तो महेश उसको भी संभालना करते थे।

अगस्त 1980 की बात है जब एक खूबसूरत लड़की उनके गैरेज में आई और अपनी कर ठीक करने के लिए कहा महेश ने गाड़ी रिपेयर कर दी दोनों में बातचीत हुई और आना-जाना लगा रहा इसी बीच दोनों की दोस्ती हो गई धीरे-धीरे दोस्ती प्यार में बादल गई एक बार उसे लड़की ने कहा की मेरे घर में पार्टी है तो तुम भी आना तब महेश भी हीरो बनकर पहुंच गए पार्टी में वो लड़की महेश को देखते ही खुश हो गई और बोली चलो मैं अपनी बहन से मिलवाती हूं वो अपनी बहन के पास ले गई तो उसे देखते ही महेश के होश उड़ गए वह मशहूर अदाकारा रीना राय थी और वह लड़की महेश को पता ही नहीं था की जी लड़की का उनसे अफेयर था वह अल में रीना राय की बहन है 1981 में बरखा राय प्रोड्यूसर बनी तो महेश को भी अपनी फिल्म सनम तेरी कसम में डांसर बना दिया फिर अपने फिल्म में कमल हसन के साथ लीड रोल दे दिया।

1984 में फिल्म बनाने जा रहे थे ऑडिशन चल रहे थे तो महेश भी वहां पर समझ गए उनके गद्घाटी बिल्कुल वही थी जो डायरेक्टर भी सुभाष को चाहिए थी इसीलिए ऑडिशन में उनका जल्दी ही सिलेक्शन हो गया 20 वर्ष ने बोलती है की मेरी फिल्म के हीरो तुम ही हो फिर अचानक पूछ बेटे की इससे पहले कहानी कम तो नहीं किया महेश आनंद ने कहा किया है सर बस यही पर सब गड़बड़ हो गई 20 वर्ष को अपनी फिल्म के लिए एक नया चेहरा चाहिए था और यह फिल्म उनके हाथ से निकालकर हेमंत बिरजे के पास पहुंच गई अपने इसी फिल्म से हेमंत स्टार बन गए थे फिल्म थे 1985 में आए टार्जन अगर यह रोल महेश आनंद को मिल गया होता तो शायद उनके करियर की कहानी आज कुछ और होती ।

खैर फिल्मी बन्ना लिखा था तो किस्मत वही ले गई 1986 के आसपास विनोद खन्ना की बॉलीवुड में वापसी हो रही थी उनकी एक फिल्म में महेश आनंद को माइकल नाम का किरदार मिल गया साल 1986 में महेश आनंद की एक और फिल्म थे जिसमें महेश आनंद में थे और साथी में यह वही फिल्म थी जिसे एक्टर आदित्य पंचोली ने बॉलीवुड में देबू किया था 1987 में इंसाफ और आते ही डिलीट हो गई बस यही से महेश का करियर भी चल पड़ा अगले साल अमिताभ के साथ सुपरहिट फिल्म शहंशाह मिल गई।

साल 1981 में अमिताभ की एक और फिल्म भाई जिसमें महेश को बड़ा किरदार मिल गया नाम था गंगा जमुना सरस्वती इसके एक सीन में छोटे सरकार सत्ता बने महेश को खूब मशहूर कर दिया था चिंता नाचे वाली जयाप्रदा के साथ जबरदस्ती करते हुए महेश और अचानक हमने ट्रक से दीवार तोड़ते हुए अमिताभ की एंट्री उसे दूर में वह सीन खूब हिट हुआ था और यही से ही सभी नेता ने खलनायक ही मैं पहचान बनाई थी इसके बाद तो सोनी पर सुहाग कब्जा हथियार इलाका मुजरिम तूफान विश्वात्मा और गुमराह जैसी फिल्मों के जारी महेश आनंद का करियर सातवें आसमान पर पहुंच गया था इनमें भी विश्वात्मा और गुमराह तो बड़ी खास थी 90 के दशक में महेश आनंद खूब नाम काम रहे थे।

साल 1989 और 1990 के वक्त उनका करियर पीठ पर था साथी में यह वही वक्त था जब महेश आनंद एक बहुत बड़ी कंट्रोवर्सी में फैंस गए थे दरअसल महेश आनंद रोड पर सो रहे तीन लोगों के ऊपर गाड़ी जी थी और यह हादसा अमिताभ बच्चन के घर के ठीक सामने हुआ था बाद में अमिताभ बच्चन ने ही महेश आनंद की कानों ने दिक्कतों में मदद की थी उसे दौरान इस हादसे की खबर काफी सारे अखबारों में भी छुपी थी खैर महेश आनंद जैसे-तैसे इस कैसे से बाहर निकाल गई उन्होंने फिल्मों में कम करना जारी रखा और वो एक के बाद एक हिट फिल्मों में नजर आते रहे।

1992 में विश्वात्मा में अमरीश पुरी यानी अजगर सेठ के भतीजे राजनाथ का किरदार तो लोगों को आज भी याद है 1993 में गुमराह फिल्म के जी एक फाइट सीन है इनको संजय डेट की बराबरी पर लाकर खड़ा कर दिया था इसका तो अलग ही किस्सा है वह यह था की गुमराह में इनको डांस कोरियोग्राफ के लिए रखा गया था संजय डेट का होंग कोंग वाला रिंग फाइट सीन शूट होना था पर जी फाइटर के साथ शूटिंग करनी थी वो आया ही नहीं डायरेक्टर की नजर महेश आनंद पर पड़ी तो बोले यार तू ही फाइट कर ले महेश भी तैयार हो गए और फिर वो सीन को महेश आनंद के साथ शूट किया गया था उसे सीन में टाइगर बनाम है इसके सामने संजय डेट भी फीके पद गए थे।

यह वही टाइम था जब संजय डेट 1993 के मुंबई बम ब्लास्ट के लिए हिरासत में लिए गए थे और इसी फिल्म के दौरान संजय डेट को मुंबई पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था खैर गुमराह फिल्म के बाद संजय डेट और महेश आनंद अच्छे दोस्त बन गए थे महेश आनंद को संजय डेट की कंपनी काफी पसंद थी और संजय डेट भी महेश आनंद को अपना खास दोस्त माने लगे थे यही करण था की दोनों की काफी साड़ी आदतें और शोक मिलते जलाते थे मसलन दोनों को फिट रहना पसंद था उनके लंबे बालों वाला हेयर स्टाइल भी काफी मिल रहा जलता था दोनों को ही जिम जान का काफी शौक था।

यही करण है की महेश आनंद बॉलीवुड इंडस्ट्री में संजय डेट को अपना जिगरी दोस्त मानते थे इसके अलावा केबिन के कार्ड से भी महेश आनंद की अच्छी दोस्ती थी क्योंकि दोनों इंडस्ट्री में इसी तरह के रोल किया करते थे और साथ ही में बॉडीबिल्डिंग में भी उन दोनों का खूब नाम हुआ करता था गुमराह के बाद उनका खतरनाक गुंडे वाला फिल्मी करियर फूल स्पीड में दौड़ रहा था आलम यह था की साउथ इंडस्ट्री से भी उनको खूब फिल्में मिलने लगी थी तमिल और तेलुगू की फिल्मों में उनके दमदार विलन के किरदार चने लगे थे देर सारे फिल्मों में वह एक साथ कम कर रहे थे सब कुछ बहुत ही अच्छा चल रहा था।

लेकिन अचानक बदकिस्मती ने उनकी जिंदगी में दोबारा दखल दिया साल 1996 की बात है जब अग्निपथ फिल्म के रीमिक्स तमिल में बनाई जा रही थी इस रिमेक फिल्म में महेश आनंद को में विलन का किरदार दे दिया गया था इसे फिल्म की शूटिंग के दौरान हेलीकॉप्टर वाला सीन शूट करते समय महेश आनंद का बहुत बड़ा एक्सीडेंट हो गया और वापस मरते-मरते बच्चे थे उसे समय आज की तरह स्टंट के लिए पर्याप्त सुरक्षा उपकरण तो नहीं होते थे इसी वजह से छोटे काफी गंभीर थी रीड की हड्डी में भी उनको काफी गंभीर चोट आई थी जिसकी वजह से डॉक्टर ने बेड छोड़ने तक के लिए माना कर दिया था।

बस यही से उनके बर्बादी शुरू हो गई साल भर तो वो बेड से हिल भी नहीं पे उसके बाद शरीर इतना कमजोर हो गया था की वह शूटिंग के लायक ही नहीं बच्चा उनका वजन 38 किलो तक कम हो गया था और हड्डियां पुरी तरह खराब हो गई थी 4 साल तक वह लगातार फिल्मों से दूर रहे एक-एक करके उनकी साड़ी फिल्में हाथ से निकलते गई बुरे समय में फिल्म मार्क्स भी अपना एडवांस वापस ले गए एक-एक करके सब ने साथ छोड़ दिया था यहां तक की सौतेला भाई भी इनकी करोड़ की कमाई पर हाथ साफ कर गए थे कर साल में उनको सब भूल चुके थे महेश आनंद इसके बाद दोबारा कम करने के लिए बहुत मेहनत की लेकिन कोई बात नहीं बनी धीरे-धीरे महेश आनंद में आते गए और वह शराब के नाती होते गए एक समय तो ऐसा है या जब इनके पास ऑटो में जान के लिए भी पैसे नहीं थे तब इनकी बहन लता जो एक बड़ी कंपनी की सीईओ की पत्नी थी वो खर्च का पैसा इनको भेजो करती थी और उसे भी महेश आनंद शराब में उदा दिया करते थे एक हादसे ने उनका पूरा करियर और घर भी गुर्जर दिया था।

बात करें महेश आनंद के नीचे जिंदगी की तो महेश आनंद ने कल मिलकर 5 है की थी महेश ने सबसे पहले इस लड़की से शादी की थी जिसने उनको ब्रेक दिया था यानी बरखा रो मगर दोनों का रिश्ता चंद साल पीना चला और उनका तलाक हो गया इसके बाद साल 1987 में मिस इंडिया इंटरनेशनल बनी रे कमरिया से शादी कर ली दोनों का एक लड़का हुआ जिसका नाम त्रिशूल रखा गया एरिका से भी रिश्ता नहीं चला तो दोनों का तलाक हो गया और एरिका विदेश में जाकर नर्स बन गई फिर 1992 में अभिनेत्री मधु मल्होत्रा से शादी की लेकिन एक्सीडेंट के बाद वह भी छोड़ कर चली गई पूरे दोनों में एक बार फिर बरसाने की सोची और अभिनेत्री उसे बचाने से साल शादी की लेकिन बेरोजगार और शराबी आदमी के साथ मुंबई में भला कौन र सकता था 2 साल में शराब के लतिम महेश है उसने भी किनारा कर लिया अब महेश आनंद पुरी तरह से अकेले र गए थे उन्होंने अपने फ्लैट में शुरू कर दिया था बस दिन रात इसी में दुबे रहते हैं जहां भी कम मांगने जाते हैं फिर साल 2015 में बेलारूस की लाना से महेश की मुलाकात हुई दोनों ने शादी कर ली लेकिन विजय की समस्या के चलते लाना सिर्फ कर महीने में एक बार ही उनसे मिल पाती थी महेश कम की तलाश में थे तो 2018 में महेश को पता लगा की पहले ने गोविंदा के साथ फिल्म बनाने जा रहे थे वह पहलाज के पास उनसे मिलने गए महेश आनंद की ऐसी खराब अलग देखकर पहले दिल 25 गया और उन्हें अपनी फिल्म में एक छोटा सा रोल दे दिया।

साल 2019 में रंगीला राजा रिलीज हुई महेश बहुत खुश थे की दोबारा चल पड़ा था एक फेसबुक पोस्ट में महेश आनंद लिखा था मैं खुश हूं की 18 साल बाद आज मेरी कोई फिल्म रिलीज हुई है शीला राजा मैं अंत में सिर्फ 6 मिनट के लिए हूं ऐसा है की आप सभी मेरे वापस स्वागत करेंगे इस फिल्म के बाद वो अपने दोस्त को अपना सेक्रेटरी तक बनाने का सो चुके थे लेकिन होने को कुछ और ही मंजूर था शराब में दुबे दिन रात महेश आनंद की हालात बहुत खराब हो गई थी अचानक उनकी तबीयत बिगड़ना लगी जब चेकअप करवाने पहुंचे तो पता लगा की उन्हें बीमारी चुका है फिर भी उन्होंने ना तो बैंड की और ना ही उन्होंने कोई इलाज करवाया और ऐसे ही बस चला रहा महेश मुंबई के वर्सोवा में एक फ्लैट में अकेले रहते थे और खाने के लिए एक टिफिन वाला आया करता था।

वह 7 फरवरी 2019 का दिन था टिफिन वाला आया और दरवाजा खटखटाया जब किसी ने दरवाजा नहीं खोल तो वह बाहर टिफिन छोड़कर चला गया अगले दिन जब 8 फरवरी को टिफिन वाला दोबारा इस बार भी किसी ने दरवाजा नहीं खोल तो वापस टिफिन वहीं पर रख दिया और वहां से चला गया लेकिन 9 फरवरी को जब टिफिन वाला वापस आया तो दोनों टिफिन भारी पड़े थे इस बार उसको कुछ शक हुआ तो उसने पड़ोसियों को इसकी खबर कर दी पड़ोसियों ने पुलिस को खबर की फिर जब पुलिस को खबर मिली तो पुलिस मौके पर पहुंची और उनके फ्लैट का दरवाजा टोडा गया जब दरवाजा टोडा था उसका अंदर का नजर हैरान करने वाला था कमरे से लगातार बदबू ए रही थी और उनका टीवी चल रहा था और सोफे पर 19 के इस मशहूर विलन की बॉडी सब रही थी दरअसल दो-तीन दिन पहले ही उनकी निधन हो चुकी थी ।

लेकिन किसी को खबर तक नहीं पड़ी आज की तरह यह खबर पूरे बॉलीवुड में फेल गई थी हर कोई महेश आनंद की ऐसी दर्दनाक अंत से दल गया था बाद में बेला रूप से उनकी पत्नी लाना आई और महेश के पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार किया गया और इस तरह महेश आनंद के जीवन की कहानी खत्म हो गई

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