आई लव मोहम्मद से आई लव महादेव तक.. कानपुर से शुरू हुआ विवाद कैसे देशभर में फैल गया?

आई लव मोहम्मद वाले मामले में एक सिविल राइट संगठन के मुताबिक अब तक देश भर में 21 केस दर्ज किए गए हैं और 1324 मुस्लिमों को आरोपी बनाया गया है। इनमें से 38 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार भी किया है। यह जानकारी एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स ने बुधवार को जारी की है।

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक पूरा मामला 4 सितंबर को कानपुर के रावतपुर इलाके से शुरू हुआ। यहां ईद ए मिलादुउन नबी का जुलूस निकल रहा था। उसी दौरान एक ग्रुप ने रास्ते में आई लव मोहम्मद लिखा बैनर लगा दिया। इस पर स्थानीय हिंदू संगठनों ने आपत्ति जताई। उनका कहना था कि यह बैनर लगाकर एक नई परंपरा शुरू की जा रही है।

पुलिस तुरंत मौके पर पहुंच गई। डीसीपी कानपुर नगर दिनेश त्रिपाठी के मुताबिक सरकार के नियम यह कहते हैं कि किसी भी धार्मिक जुलूस में नई परंपरा नहीं जोड़ी जा सकती। कुछ लोगों ने पुराने पंडाल को हटाकर वहां नया टेंट और बैनर लगा दिया था। पुलिस ने तुरंत कारवाई करते हुए पंडाल और बोर्ड को फिर से उनकी पुरानी तय जगह पर लगवा दिया।

उल्लेखनीय है कि आई लव मोहम्मद के लिखने या बैनर लगाने पर कोई एफआईआर नहीं की गई है। बल्कि परंपरागत स्थान से अलग हटकर नए स्थान पर बैनर लगाने तथा जुलूस निकालने के दौरान इस पक्ष के द्वारा दूसरे पक्ष का बैनर फाड़ने पर हुई है।

अनुरोध है कि इस संबंध में कोई भ्रांति ना फैलाई जाए। डीसीपी त्रिपाठी ने यह भी साफ किया कि सिर्फ बैनर लगाने के लिए कोई एफआईआर दर्ज नहीं की गई है। हालांकि घटना के दौरान हिंदू और मुस्लिम दोनों ही समूहों ने एक दूसरे पर पोस्टर फाड़ने का आरोप भी लगाया।

पुलिस के बीच बचाव करने के बावजूद तनाव बना रहा। बकॉल रिपोर्ट 9 सितंबर को कानपुर पुलिस ने 24 लोगों पर केस दर्ज कर दिया। इनमें नौ नामजद थे और 15 अज्ञात। आरोप यह था कि जुलूस में नई परंपरा जोड़ी गई और सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश हुई। इस मामले में एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा आई लव मोहम्मद कहना कोई अपराध नहीं है।

साथ ही उन्होंने पुलिस की कारवाई की आलोचना भी की। इसके बाद यह बहस और तेज हो गई। देखिए यह शुरू हुआ था कानपुर में। वहां के शायद एडीजीपी एडिशनल डीजीपी ने कहा कि कोई नया पोस्टर नहीं लगा सकते। आर्टिकल 25 में फ्रीडम ऑफ रिलीजन है। तो संविधान में फंडामेंटल राइट है। इसको आप कैसे छीन सकेंगे किसी से?

और यह क्या बात है कि नया पोस्टर कैसा लगाए जो यूपी में क्या गलत है एकदम वो। हालांकि कानपुर पुलिस का कहना है कि सिर्फ बैनर लगाने पर कोई एफआईआर दर्ज नहीं की गई है। केस इसलिए हुआ क्योंकि बैनर को दूसरी जगह लगाया गया और दूसरी तरफ के पोस्टर फाड़े गए। अधिकारियों ने लोगों से अपील की है कि अफवाहएं ना फैलाएं। soll.in के मुताबिक इन मामलों में अलग-अलग जगहों से बड़ी संख्या में लोग आरोपी बनाए गए हैं।

बागपत में 150 लोगों को आरोपी बनाया गया और दो को जेल भेजा गया। कैसरगंज में 355 लोगों के खिलाफ केस दर्ज हुआ। शाहजहांपुर में 200 उत्तराखंड के काशीपुर में भी एक मामला दर्ज किया गया और सिर्फ इसी केस में पुलिस ने 401 लोगों को नामजद कर दिया और सात लोगों को गिरफ्तार किया। गुजरात के गोदरा में 88 लोग आरोपित हुए और 17 गिरफ्तार हुए और बड़ौदा में एक व्यक्ति पर केस दर्ज हुआ। मुंबई के बाकला इलाके में भी एक व्यक्ति पर मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तारी की गई।

यह सारी जानकारी एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स ने साझा की है। हालांकि आई लव मोहम्मद के बदले आई लव महादेव और आई लव राम जैसे पोस्ट भी सोशल मीडिया पर नजर आए। इंडिया टुडे के मुताबिक गुजरात में गरबा उत्सव के दौरान दो समुदायों के बीच झड़प हो गई। विवाद तब शुरू हुआ जब एक पक्ष के युवक ने सोशल मीडिया पर आई लव महादेव लिखकर पोस्ट किया और इसे आई लव मोहम्मद विवाद के खिलाफ अभियान की तरह पेश किया। इस पोस्ट को लेकर दोनों पक्षों में तनाव बढ़ा और मामला हिंसा तक पहुंच गया। घटना 24 सितंबर की रात गांधीनगर जिले के देहगाम तहसील के बहियाल गांव में हुई।

शुरू में यह सिर्फ सोशल मीडिया स्टेटस को लेकर कहासनी थी। लेकिन गरबा कार्यक्रम के दौरान माहौल गमाया और देखते ही देखते पथराव और भगदड़ मच गई। द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक दहगाम के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक आयुष जैन ने बताया कि इस झगड़े के सिलसिले में लगभग 60 लोगों को हिरासत में लिया गया है। पथराव में 200 से अधिक लोग शामिल थे जिससे कई गाड़ियां और दुकानों को नुकसान पहुंचा और कुछ दुकानों में आग भी लगाई गई। भयाल गांधीनगर शहर से लगभग 38 कि.मी. दूर है।

जैन ने बताया कि एक युवक ने अपने WhatsApp स्टेटस में चल रहे सोशल मीडिया ट्रेंड आई लव मोहम्मद और आई लव महादेव का जिक्र किया था। इस स्टेटस से एक समुदाय के कुछ लोगों को नाराजगी हुई और फिर उस पर हमला हो गया। बुधवार रात लगभग 11:00 बजे एक भीड़ ने कथित तौर पर उस युवक की दुकान के शटर तोड़ दिए जिसने यह स्टेटस डाला था। पुलिस ने भारी तैनाती की और स्थिति को काबू में कर लिया। ऐसे ही यूपी के झांसी में शहर कोतवाली इलाके की बस्तियों की मस्जिदों के बाहर आई लव मोहम्मद के बड़े-बड़े बैनर लगाए गए। इन बैनरों के जवाब में गरबा उत्सव के दौरान स्क्रीन पर कई बार आई लव महादेव के पोस्टर दिखाई दिए।

वहीं इंडिया टुडे से जुड़े सगाय राज के इनपुट के मुताबिक कर्नाटक के दाविण गिरे शहर के काल मार्क्स नगर में बुधवार रात करीब 10:00 बजे आई लव मोहम्मदिया और अन्य फ्लेक्स बोर्ड लगाने को लेकर बहस हो गई। इसके बाद पत्थरबाजी भी हुई। इस घटना पर एसपी दावनगरी उमा पारसनाथ ने बताया कि कार्ल मार्क्स नगर में आई लव मोहम्मदिया लिखा बैनर लगाया गया था। दूसरे समुदाय ने कहा कि इसे हटाना चाहिए। दोनों तरफ लोग जमा हो गए। लेकिन पुलिस तुरंत पहुंची और सबको शांत करवा दिया। अब स्थिति पूरी तरह से शांत है।

जहां तक पत्थरबाजी की बात है, उसकी जांच करनी होगी। लेकिन 5 मिनट के भीतर ही पुलिस वहां पहुंच गई और स्थिति काबू में कर ली गई। बैनर भी अब हटा दिए गए हैं।

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