उत्तर प्रदेश में कावड़ को लेकर घमासान है तो महाराष्ट्र में मराठी और गैर मराठी को लेकर विवाद गरमाया हुआ है। एमएनएफ के कार्यकर्ताओं ने मिठाई की एक दुकान को इसलिए उस दुकानदार को इसलिए थप्पड़ मार दिया। उस मालिक को इसलिए थप्पड़ मारा कि उसने मराठी में बात नहीं की। अब एक गैर मराठी युवक को मराठी शख्स से उलझना भारी पड़ गया। उद्धव ठाकरे के नेता की पंचायत में उसे कान पकड़ कर माफी मांगनी पड़ी।
अपने दुकान में थोड़ा सा लड़ाई हो गया इनके साथ में तो मैंने इनको थोड़ा सा मारा तो आइंदा से मैंने ऐसे गलती नहीं करूंगा। सॉरी मुझे माफ कर दो। कान पकड़ कर माफी मांगी। सॉरी कहा। आगे से ऐसी गलती नहीं दोहराने का वादा किया। यहां तक कि पैरों पर गिरकर गिड़गिड़ाया।
इसके बावजूद इस युवक को माफी की बजाय मिला जोरदार थप्पड़। थप्पड़ वाली यह पंचायत लगी शिवसेना उद्धवगढ़ के पूर्व सांसद राजन विचारे के दरबार में। जहां इस युवक को कान पकड़ कर माफी मंगवाई गई। पांव पकड़ने के लिए मजबूर किया गया। मेरा नाम शू पुजारी है। मैंने कल थोड़ा अपने दुकान पे थोड़ा सा लड़ाई हो गया इनके साथ में तो मैंने इनको थोड़ा सा मारा तो आइंदा से मैंने ऐसे गलती नहीं करूंगा। सॉरी मुझे माफ कर दो। अब ये सब ड्रामा क्यों हुआ और माफी मांगने वाले युवक की गलती क्या थी? उद्धव गुट के पूर्व सांसद ने यह पंचायत क्यों लगाई?
इसकी वजह भी जान लीजिए। महाराष्ट्र में मराठी और हिंदी को लेकर पिछले कई दिनों से घमासान मचा है। इसी घमासान के बीच ठाणे रेलवे स्टेशन के पास लड़ाई हो गई। यहां तीन-चार युवकों ने एक मराठी युवक की लड़ाई की । युवक को जमीन पर गिराकर लड़ाई की। फिर उन्हें स्टेशन से बाहर खदेड़ दिया। यह खबर तुरंत फैल गई कि हमला मराठी युवक पर हुआ है।
इसके बाद तो बवाल मच गया। बड़ी संख्या में मराठी उसके समर्थन में जमा हो गए और लड़ाई करने वाले युवकों पर कड़ी कारवाई की मांग को लेकर हंगामा करने लगे। अभी जो जानकारी सामने आई है उसके मुताबिक मराठी युवक मोबाइल रिचार्ज कराने स्टेशन के पास स्थित मोबाइल दुकान पर गया था। वहां काफी देर इंतजार करने के बाद दुकानदार ने कहा कि रिचार्ज मौजूद नहीं है।
इस पर युवक ने सवाल किया। इसी के बाद बवाल शुरू हुआ। मामला इतना आगे बढ़ा कि दुकान में काम करने वाले युवकों ने शख्स की पिटाई कर दी। जिसमें युवक घायल हो गया और उसे नजदीकी सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया। जब इस घटना का वीडियो वायरल हुआ तो शिवसेना उद्धव ठाकरे के पूर्व सांसद राजन विचारे को अपनी राजनीति चमकाने का मौका मिल गया। उन्होंने आरोपी दुकानदार को थाने में अपने ऑफिस बुलाया और शिवसैनिकों की मौजूदगी में उसे सार्वजनिक रूप से कान पकड़ कर माफी मांगने को कहा।
मुंबई में अभी केवल यही थप्पड़ मामला सुर्खियों में नहीं है। एक और थप्पड़ मामले का बवाल मचा हुआ है। यह थप्पड़ कांड राज ठाकरे की पार्टी एमएनएस से जुड़ा है। एमएनएस के कार्यकर्ताओं ने 29 जून को मीरा भयंदर में एक दुकानदार की इसलिए पिटाई कर दी थी कि वह मराठी नहीं बोल रहा था। अब इस लड़ाई के खिलाफ बवाल मच गया है। लोग सड़कों पर उतर आए हैं। नारेबाजी चल रही है। मीरा रोड पर काला रिबन बांधकर लोग सड़कों पर जमा हो गए और प्रदर्शन किया। कौन से राज्य में? महाराष्ट्र में ना महाराष्ट्र में कौन कौन सी भाषा बोली जाती है? प्रदर्शनकारी दुकानदारों का कहना है कि वह मराठी भाषा का सम्मान करते हैं। लेकिन भाषा के नाम पर मारपीट उन्हें मंजूर नहीं है। क्या वजह ब्लैक का रीज़न ये है कि हमारे भाई बाबू भाई के मिठाई की दुकान पे अत्याचार हो गया है उनके ऊपर अटैक कर दिया है बगैर फालतू महाराष्ट्र भाषा को लेके क्या नाम सर आपका? हां जी ये विरोध प्रदर्शन का क्या क्या पीछे क्या वजह है? विरोध प्रदर्शन का यह मतलब है कि हमारे जो जोधपुर स्वीट के बाबूजी है उनके ऊपर जो हाथापाई हुई है वो उसका निषेध करते हैं हम महाराष्ट्र भाषा का हम सम्मान करते हैं हमारी महाराष्ट्र हमारी कर्मभूमि है ये हम सम्मान करते हैं।
लेकिन ये हाथ उठाने का व्यापारी के ऊपर ये कौन सा जो ये न्याय है बोलो पुलिस से कुछ बात हुई कुछ सुरक्षा देगी पुलिस की नहीं देगी देखो ऐसा है पुलिस सुरक्षा देंगे पुलिस ऐसा नहीं महाराष्ट्र सरकार पे हमको पूरा भरोसा है कि हमको न्याय मिलेगा। ऐसी बात नहीं है। लेकिन जो हुआ आगे किसी व्यापारी के साथ नहीं होना चाहिए। इसके लिए पूरा व्यापारी हमारे निषेध करते हैं। इस वक्त आप देखिए कि लोग यहां पर इकट्ठा हैं और काला रिबन भी बांध के आए हैं अपने बाजुओं पे और विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं कि जिस तरीके से व्यापारी वर्ग के साथ इस तरीके से मारपीट हुई है वो आगे ना हो। पुलिस से सुरक्षा की मांग कर रहे हैं और भाषा के नाम पर राजनीति करते हुए कम से कम व्यापारियों को टारगेट ना किया जाए। इस वजह से इस विरोध प्रदर्शन का आयोजन मीरा रोड में किया गया है।
एमएलएस थप्पड़ कांड के खिलाफ मीरा रोड इलाके में व्यापारियों में काफी उबाल है। व्यापारियों ने आज यहां बंद बुलाया है। मारवाड़ी समुदाय और व्यासायिक संगठनों ने सुबह 11:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक बंद बुलाया है। आज झंडे लेकर प्रदर्शनकारी मीरा रोड में मिठाई की दुकान पर भी पहुंचा। जहां मराठी ना बोलने पर दुकानदार की पिटाई हुई थी। के बाहर उनके इस दुकान के मालिक के साथ मारपीट हुई थी। वहां पर व्यापारी वर्ग पहुंचा है। हाथ में बैनर है, तख्ती है। उस पर लिखा गया है कि भारत में सभी भाषाओं का सम्मान जो है वो किया गया है। यहां पे आप लोग प्रदर्शन कर रहे हैं। विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। किसको क्या मैसेज देने की कोशिश कर रहे हैं? देखिए मनसे के कार्यकर्ताओं ने जो जोधपुर सिटी के मालिक पर हमला किया उसके निषेध में आज यहां पर लोग आक्रोशित हैं और सभी की ये मीराब भाई के सभी व्यापारी एसोसिएशन सामाजिक संस्था के एसोसिएशन हर समाज के लोगों का आज वो रस्ते पे उतरे हैं। उनकी एक ही मांग है कि जिन लोगों ने यह कृत किया है उन पर कठोर कारवाई होनी चाहिए और मैं भारतीय जनता पार्टी का प्रवक्ता हूं। मैं महाराष्ट्र स्टील उद्योग व्यापारी एसोसिएशन का अध्यक्ष हूं। इस नाते हमारी भी यही मांग है कि जिन लोगों ने गलत कृत किया है वो जेल के सलाखों के पीछे होने चाहिए ताकि दोबारा मीराबंदर शहर में ही नहीं पूरे महाराष्ट्र में इस प्रकार के किसी भी भाषी किसी भी लोगों के साथ चाहे वो गरीब हो मजदूर हो उत्तर भारतीय हो दक्षिण भारतीय हो राजस्थानी हो गुजराती हो किसी के साथ इसका दुर्व्यवहार नहीं होना चाहिए।
दरअसल मुंबई में पिछले कुछ समय से मराठी और गैर मराठी विवाद गमाया हुआ है। इस मुद्दे पर ठाकरे ब्रदर्स एक साथ आ चुके हैं। दोनों के विरोध के कारण महाराष्ट्र सरकार को हिंदी को पहली क्लास से अनिवार्य बनाने का अपना फैसला वापस लेना पड़ा है। इसके बाद 5 जुलाई को राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे की एक साथ रैली होने वाली है। अब बीजेपी कह रही है कि महाराष्ट्र में मराठी का अपमान बर्दाश्त नहीं होगा। लेकिन दूसरी भाषाओं का भी सम्मान करना होगा। सरकार किसी को भी कानून हाथ में लेने नहीं देगी और यदि यद्यपि कोई लेता है तो उस पर कड़ी से कड़ी कारवाई होगी। वो कौन से दल का है छोटा बड़ा नेता अभिनेता कोई भी हो किसी को भी छोड़ा नहीं जाएगा। मराठी का सम्मान मुंबई महाराष्ट्र में है। रहेगा जब तक चंद्रमा और सूरज है तब तक पहली भाषा मराठी होगी पर अन्य सभी भाषाओं का सम्मान होगा। मुंबई में कुछ समय बाद बीएएमसी के चुनाव होने वाले हैं। उसके पहले सभी दल अपने-अपने हिसाब से मराठी वोटों को भुनाने में जुट गए हैं। फिलहाल पुलिस ने मराठी नहीं बोलने पर पिटाई करने वाले एमएनएस कार्यकर्ताओं के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। कुछ रिपोर्टर्स उन्होंने यह वीडियो हमें भेजा था। तो जो कंप्लेंट है उसको कांटेक्ट करके उसकी कंप्लेंट ली गई है। मामला पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया है।
सात लोगों के नाम जो है सामने आए हैं और उनके ऊपर कानूनी कारवाई हम कर रहे हैं। आज प्रदर्शन हुआ था सर उसमें लोग बड़े गुस्से में थे कि अज्ञात लोगों के खिलाफ आपने मामला दर्ज किया जबकि तस्वीर में वीडियो में लोग दिख रहे थे जिन लोगों ने यह हरकत की थी। बिल्कुल जो कंप्लेनेंट रहता है उसको उसके नाम मालूम चाहिए। लेकिन उनको नाम नहीं मालूम तो अज्ञाती लिख थे। फिर वीडियो देख के उनके नाम जो है निष्पन्न किए गए हैं। पता चल गया है सर कौन-कौन लोगों ने यह हरकत की है। हां बिल्कुल सबके नाम सामने आए हैं। उनके ऊपर हम एक्शन भी ले रहे हैं कड़े से कड़ी। गिरफ्तारी हुई है कोई? अ इसमें अभी तक गिरफ्तारी नहीं हुई है। लेकिन नोटिस दिया गया है। बीएएनएस सेक्शन बीएएसएस 35 के तहत कारवाई की गई है