जेलर के किरदार की तरह असरानी की प्रेमकहानी भी इतिहास में दर्ज रहेगी।

जिंदगी कभी हंसाती है तो कभी रुलाती है। बॉलीवुड के वो महान कलाकार जिनकी आवाज और अंदाज ने हमें दशकों तक गुदगुदाया। आज वह हमें छोड़कर चले गए। दिग्गज अभिनेता गोवर्धन असरानी जी अब हमारे बीच नहीं रहे। दिवाली के दिन जब चारों ओर खुशियों की रोशनी थी तभी एक खबर ने पूरे देश को गमगीन कर दिया। हमारे प्यारे जेलर साहब गोवर्धन असरानी अब सिर्फ यादों में जिंदा रहेंगे। अशरानी जी की कॉमिक टाइमिंग, उनके अंदाज बयां, उनकी बहुमुखी प्रतिभा यह सब भारतीय सिनेमा की अमूल्य धरोहर है।

शोले के जेलर हो, चुपके-चुपके के प्यारेलाल हो या बाबरची के सीताराम हर किरदार अमर है। उनके अभिनय ने करोड़ों लोगों के जीवन में आनंद और हंसी का संचार किया था। आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर तमाम राजनेताओं और सिनेमा जगत के सितारों ने उन्हें नम आंखों से श्रद्धांजलि दी। लेकिन इस दुख की घड़ी में एक शख्स है जो इस अपूर्णय क्षति को सबसे करीब से महसूस कर रहा है। वो है असरानी जी की पत्नी उनकी जीवन संगिनी मंजू असरानी। गोवर्धन असरानी और मंजू असरानी की प्रेम कहानी किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं थी।

70 और 80 के दशक की मशहूर अदाकारा मंजू बंसल जब उनसे फिल्म आज की ताजा खबर में और नमक हराम के सेट पर मिली तो सिनेमा के प्रति उनका साझा जुनून जल्द ही एक गहरे रिश्ते में बदल गया। पहली मुलाकात फिर दोस्ती और फिर ता उम्र साथ निभाने का वादा। मंजू ने खुद भी कई फिल्मों में काम किया। तपस्या चोर सिपाही। लेकिन जब बात करियर और परिवार की आई तो मंजू ने परिवार को चुना। करियर को नहीं। सालों पहले उन्होंने शोबीज की दुनिया को अलविदा कह दिया। उन्हें फेम अवार्ड, लाइमलाइट किसी की परवाह नहीं थी। उन्हें पसंद था लो प्रोफाइल रहना। पति असरानी भी हमेशा मीडिया की चकाउच उनसे दूर ही रहे।

दोनों ने हमेशा अपने पर्सनल स्पेस को एंजॉय किया, संजो कर रखा। पत्नी मंजू जी ने पर्दे के पीछे रहकर असरानी जी के करियर को सराहा, सहारा भी दिया। उन्हें सपोर्ट किया। उनकी जिंदगी की कहानी इस बात का प्रमाण है कि सच्चा प्यार और साथ निभाने की भावना क्या होती है। असरानी जी ने मंजू को एक जीवन साथी के रूप में नहीं बल्कि एक दोस्त, एक हमराज और एक सबसे बड़े समर्थक के रूप में पाया हमेशा। पिछले कुछ दिनों से असरानी जी की तबीयत ठीक नहीं थी। उन्हें सांस लेने में तकलीफ हो रही थी।

तमाम कोशिशों के बावजूद आज वह हमें छोड़कर चले गए। सोचिए उस पत्नी के दिल पर क्या गुजर रही होगी जिसने अपनी दुनिया अपना सहारा अपना सब कुछ खो दिया। मंजू जी जिन्होंने सालों तक कैमरे और लाइमलाइट से दूर रही वो दूरी बनाए रखी।

आज इस दुख की घड़ी में वह पूरी तरह अकेली थी। एक युग का अंत हो गया। लेकिन असरानी जी और मंजू जी की यह खामोश गहरी प्रेम कहानी हमें हमेशा याद दिलाती रहेगी कि शोहरत से कहीं बढ़कर होता है किसी का साथ। अलविदा असरानी जी आपकी विरासत और आपकी प्रेम कहानी हमेशा अमर रहेगी।

एक वीडियो असरानी जी की पत्नी का भी सामने आया जिसमें वो चल नहीं पा रही फिर भी वो हॉस्पिटल गई थी अपने पति को आखिरी बार देखने और वहां से जब वो बाहर निकल रही थी तो सीढ़ियां उतरना भी उनके लिए बहुत मुश्किल हो रहा था। दोस्तों ऐसी प्रेम कहानियां वाकई खबरों में आनी चाहिए।

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