ईरान और इजराइल के बीच छिड़ा तूफान अब सिर्फ दो मुल्कों की लड़ाई नहीं रही अब यह एक वैश्विक चिंता बन चुकी है और भारत भी इसकी जद में है अगर यह युद्ध लंबा चला तो भारत में तेल और गैस की सप्लाई पर गहरा असर पड़ सकता है और इसकी सबसे बड़ी वजह है स्ट्रेट ऑफ हॉर्मोस यह कोई आम समुद्री रास्ता नहीं बल्कि वो तेल की धड़कन है जिससे दुनिया भर को हर दिन करीब 2 करोड़ बैरल कच्चा तेल मिलता है।
भारत सऊदी अरब इराक और कुवैत से तेल यहीं से लाता है और अब ईरान कह रहा है कि अगर हालात और बिगड़े तो इस रास्ते को बंद कर देगा अगर ऐसा हुआ तो भारत की 40% क्रूड ऑयल और 54% एलएनजी सप्लाई खतरे में आ जाएगी यानी पेट्रोल डीजल के दाम आसमान छू सकते हैं और इकोनॉमी हिल सकती है भारत ने दक्षिण अफ्रीका जैसे ऑप्शंस की ओर देखना शुरू कर दिया है।
लेकिन सवाल यह है क्या इससे हालात काबू में आ सकेंगे हॉर्मोस जलडमरू मध्य एक सककरा समुद्री रास्ता है जहां से दुनिया के 30% से ज्यादा तेल और गैस गुजरते हैं और इसमें मौजूद आठ द्वीपों में से सात ईरान के कंट्रोल में है यानी यहां कुछ भी होना पूरी दुनिया को हिला सकता है अगर ईरान यहां हमले करता है।
इवन छोटे पैमाने पर तो पूरी सप्लाई लाइन ठप हो सकती है और यही वो जगह है जहां से ईरान दुनिया को अपनी शर्तों पर नचाने की ताकत रखता है भारत फिलहाल अलर्ट मोड में है तेल मंत्रालय हालात पर नजर बनाए हुए हैं।
हमारे पास 74 दिन की तेल खपत का स्टॉक है जिसमें 9.5 दिन का रणनीतिक भंडार भी शामिल है लेकिन फिर भी अगर आपूर्ति रुकती है तो स्टॉक भी साथ नहीं निभा पाएगा जंग के इस तूफान में अगर स्ट्रेट ऑफ हॉर्मोस बंद हुआ तो ना सिर्फ भारत बल्कि पूरी दुनिया हिल जाएगी।
अमेरिकी डॉलर कमजोर पड़ेगा यूरोप मंदी में जाएगा और सबसे ज्यादा असर गरीबी देशों पर पड़ेगा तो अगली बार जब पेट्रोल के भाव बढ़े तो याद रखिएगा वजह सिर्फ युद्ध नहीं बल्कि वो समुद्री दरार है जिसे होमूस जल डमरू मध्य कहते हैं।