जब हेमा मालिनी कंगाल हो चुकी थी तब मैंने लाखो रूपए फीस के छोड़े और वो मेरे स्टाफ के 5 हज़ार भी खा गई।

1992 में फिल्म आई थी दिल आशना है। हेमा मालिनी ने इस फिल्म को प्रोड्यूस किया था और इस फिल्म के डायरेक्टर भी हेमा मालिनी ही थी। इस फिल्म में हेमा मालिनी ने कास्ट किया था सुपरस्टार शाहरुख खान को। तब शाहरुख खान सुपरस्टार नहीं थे। इंडस्ट्री में वह नए-नए आए थे और फिल्म में शाहरुख खान के हीरोइन के रूप में थी दिव्या भारती। वो भी इंडस्ट्री में नई थी लेकिन वो स्टार बनती जा रही थी। दिल आशना है फिल्म जब रिलीज़ हुई तो यह फिल्म ज्यादा खास बिजनेस नहीं कर पाई क्योंकि फिल्म में लोगों को ड्रामा और मसाला नहीं मिला।

लेकिन आपको बता दूं कि फिल्म का असली मसाला था फिल्म की मेकिंग के दौरान। फिल्म की मेकिंग के दौरान इतना कुछ हुआ कि एक टाइम ऐसा आया जब हेमा मालिनी और दिव्या भारती मीडिया में आकर एक दूसरे के ऊपर गंभीर आरोप लगाने लगी थी। तो आज बॉलीवुड्स बिगेस्ट फाइट में मैं आपको यही स्टोरी सुनाने वाली हूं। जिस वक्त दिल आशना है फिल्म की मेकिंग चल रही थी तब तक दिव्या भारती और शाहरुख खान की जोड़ी स्टार जोड़ी कहलाती थी क्योंकि उनकी दीवाना फिल्म उसी साल रिलीज हुई थी और इस जोड़ी को लोगों ने बहुत पसंद किया था। यह फिल्म भी सुपरहिट थी।

ऐसे में हेमा मालिनी दीवाना फिल्म जो सुपरहिट हुई थी उसके स्टारडम को भुनाना चाहती थी। यही वजह है कि वह अपनी फिल्म को जल्द से जल्द पूरा करके उसी साल में रिलीज़ करना चाहती थी। लेकिन हेमा मालिनी तब मुसीबत में फंस गई जब दिल आशना है ऑलमोस्ट कंप्लीट हो चुकी थी और रिलीज होनी बाकी थी। लेकिन कंप्लीशन से रिलीज के बीच की जो चीजें थी जैसे कि फिल्म की डबिंग, फिल्म के प्रमोशंस और भी जो टेक्निकिटीज थी उनके लिए और पैसों की जरूरत थी और हेमा मालिनी के पास पैसा खत्म हो चुका था।

अगर पैसा अरेंज नहीं होता तो फिल्म डिले हो जाती और रिलीज लेट करते तो तब तक लोग दीवाना को भूल जाते। यही वजह थी कि हेमा मालिनी को सख्त पैसों की जरूरत थी। वो किसी भी हाल में इस फिल्म को पूरा करना चाहती थी। जब पैसों का अरेंजमेंट नहीं हो पाया तब हेमा मालिनी ने अपनी टीम से ही बात की। टीम यानी कि फिल्म की स्टार कास्ट से। बेसिकली दोनों लीड स्टार कास्ट शाहरुख और दिव्या भारती से अलग-अलग बात की और अपनी फीस में कुछ पैसा कम लेने की रिक्वेस्ट की। हेमा मालिनी ने दिव्या भारती के साथ बात की और कहा कि फीस में मैं थोड़ा आपको कम दे दूं तो चलेगा। अभी हमारा टारगेट है कि हमें फिल्म को रिलीज करना है और फिल्म रिलीज होते ही सुपरहिट होती है तो अगर एक्स्ट्रा पैसा आता है तो तब मैं आपकी फीस चुका दूंगी।

दिव्या भारती एक प्रोफेशनल एक्टर थी। कई फिल्मों में एक साथ काम कर रही थी और उन्हें पता था कि अक्सर फिल्में पैसों की वजह से अटक जाया करती है और जब रिलीज के बाद फिल्म सुपरहिट हो जाती है तो पैसों का क्या है? पैसा तो आ ही जाएगा। यही वजह है कि दिव्या भारती ने भी हेमा मालिनी का सपोर्ट किया और उन्होंने हेमा मालिनी को कहा कि ठीक है आप मुझे फीस कम दे देना। कहते हैं कि तब दिव्या भारती ने अपनी फीस से ₹1.5 लाख कम किया था जो उस टाइम में बहुत बड़ी बात थी और इस तरह से स्टार कास्ट की मदद से यह फिल्म कंप्लीट हुई। यह फिल्म रिलीज हुई। लेकिन प्रॉब्लम शुरू हुई फिल्म की रिलीज़ के बाद क्योंकि रिलीज़ होते ही यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरह पिट गई। तो जो पैसे दिव्या भारती ने छोड़े थे फीस के रूप में वो तो उन्हें नहीं मिले लेकिन और भी कुछ पेमेंट्स थी दिव्या भारती की जो ड्यू थी जो उनके स्टाफ मेंबर्स को उन्हें देनी थी। हेमा मालिनी की टीम की तरफ से दिव्या भारती को कोई रिस्पांस नहीं मिल रहा था। और तो और दिव्या भारती की टीम जब पैसे मांगने जाती तो उन्हें कोई जवाब नहीं मिलता।

शायद हेमा मालिनी की जो फाइनेंसियल टीम थी वह दिव्या भारती का पैसा चुकाना ही नहीं चाहती थी। यही वजह है कि टीम की तरफ से मीडिया में दिव्या भारती के खिलाफ नेगेटिविटी की गई और कहा गया कि फिल्म मेकिंग के दौरान दिव्या भारती ने बहुत ही अनप्रोफेशनल बिहेवियर किया। बहुत ज्यादा नखरे दिखाए। कभी कॉस्ट्यूम को लेकर तो कभी किसी और चीज को लेकर। दिव्या भारती की वजह से हमें इस फिल्म में काफी सफर करना पड़ा। यह बातें जब दिव्या भारती को पता चली और जब एक इंटरव्यू में उनसे पूछा गया कि आपकी वजह से हेमा मालिनी को बहुत मुश्किल हुई तब दिव्या भारती का दिल टूट गया और उस दिन उन्होंने अपने दिल की पूरी बात उस इंटरव्यू में कही थी। कह सकते हैं कि उनके मौत से कुछ ही समय पहले का यह इंटरव्यू है। मार्च 1993 में दिव्या भारती ने हेमा मालिनी के साथ हुई अपनी अनबन पर बात करते हुए कहा, “मेरे बारे में इस तरह की बातें क्यों कही गई, यह तो मुझे नहीं पता। लेकिन एज अ सीनियर हेमा मालिनी जी को मैंने बहुत रिस्पेक्ट दी। उन्होंने जैसा कहा कि मुझे अपनी फीस कम करनी होगी तो मैंने अपनी फीस का हिस्सा भी छोड़ा और तो और फिल्म पूरी करने में भी मदद की।

लेकिन हेमा मालिनी की टीम ने मेरे स्टाफ मेंबर्स के साथ अच्छा नहीं किया। मेरे मेकअप मैन, मेरे हेयर ड्रेसर उनका ही पैसा नहीं दिया और कितना पैसा था? ₹5,000। ₹5,000 जैसा छोटा अमाउंट भी यह नहीं दे पाए। मेरे स्टाफ मेंबर्स हेमा मालिनी के फाइनेंस मैनेजर के पास गए। निंपू नाम का यह बंदा था। तो रिसेप्शन पर स्टाफ मेंबर को कहा गया कि वह तो ऑफिस में है ही नहीं। और कुछ समय बाद मेरे स्टाफ मेंबर जब ऑफिस से निकल रहे थे तब उन्होंने डिंप को ऑफिस से निकलते हुए देखा। कार में बैठकर वह कहीं जा रहा था। ₹5000 जैसी चीज के लिए भी इन लोगों ने झूठ बोला। उस दिन के बाद मेरे स्टाफ मेंबर्स ने भी कहा, जाने दो यह लोग झूठे हैं। इन्हें पैसा नहीं देना है। तो हमने इस चीज को छोड़ा लेकिन हेमा मालिनी के साथ काम करना मेरे लिए भी कुछ आसान नहीं था। दूसरी चीजों में भी मुझे काफी दिक्कतें आई। मुझे प्रॉपर विग्स नहीं दी गई। मेरे कपड़े बहुत अजीब थे। हेमा मालिनी कॉस्ट्यूम डिपार्टमेंट में पूरी तरह घुस जाती थी और जबरदस्ती मुझे डीप नेक पहनाए गए। चाहे मैं उसमें कंफर्टेबल हूं या नहीं हूं।

हेमा मालिनी को इन सब चीजों में नहीं आना था। या तो डिजाइनर होता और एक्टर जिसे यह कपड़े पहनने हैं उन दोनों के बीच में डिस्कशन होता। लेकिन हेमा मालिनी हर बार बीच में आकर नेक को और डीप करने को कहती थी। हेमा मालिनी के क्रू मेंबर्स ने मेरे स्टाफ के साथ बहुत बुरा बर्ताव किया। उन्हें नीचा दिखाया। उनके साथ रुडली बिहेव किया। और जहां तक बात है मेरी प्रोफेशनलिटी की तो यह चीज इसी से पता चल जाती है कि इतनी बड़ी स्टार कास्ट वाली फिल्म थी और उसे हमने एक साल में कंप्लीट किया। अगर मैं प्रोफेशनल नहीं होती तो यह फिल्म एक साल में कंप्लीट नहीं होती। कुछ इस तरह से दिव्या भारती ने तब अपनी बात कही थी।

अपना गुस्सा निकाली हेमा मालिनी की टीम की तरफ से जो आरोप दिव्या भारती पर लगाए गए थे और उनकी इमेज जो खराब करने की कोशिश की गई थी उस पर उन्होंने पूरी की पूरी क्लेरिटी दी थी इसी इंटरव्यू में। मार्च 1993 में एक मैगजीन को दिव्या भारती ने यह इंटरव्यू दिया था और 5 अप्रैल को दिव्या भारती के डेथ की खबर आई थी। कह सकते हैं कि उनका आखिरी इंटरव्यू।

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