माधुरी ने अपने करियर के इनिशियल डेज में गोविंदा के साथ कई फिल्में रिजेक्ट की थी। अकेले प्रहलाद नीलानी की तीन फिल्में जो गोविंदा के साथ उन्होंने माधुरी दीक्षित को ऑफर की थी वो माधुरी ने रिजेक्ट कर दी थी। जबकि माधुरी तब उतनी बड़ी स्टार भी नहीं बनी थी। प्रहलाद नीलानी को माधुरी की जगह नीलम को कास्ट करना पड़ा और वह सभी फिल्में सुपरहिट हुई।
गोविंदा के साथ माधुरी ने फिल्में रिजेक्ट की। इस बात से ना सिर्फ प्रोड्यूसर पहला नीलानी नाराज थे बल्कि गोविंदा खुद भी काफी खफा थे और अपने कई इंटरव्यूज में वो माधुरी का नाम लिए बिना तंज कसा करते थे। लेकिन माधुरी ने भी अपना रीजन बताया है कि आखिर उन्होंने गोविंदा के साथ बैक टू बैक फिल्में रिजेक्ट क्यों की? तब जब वह ऑलरेडी करियर में अच्छा नहीं कर रही थी और वह गोविंदा से रिलेटिवली न्यू सुमित सेगल के साथ फिल्में कर रही थी लेकिन गोविंदा के साथ फिल्में रिजेक्ट कर रही थी।
यह इंटरव्यू माधुरी ने एक मैगजीीन को दिया था जिसमें उनसे पूछा गया था कि आप गोविंदा का दिल दुखाती हैं। इतने सीनियर एक्टर को आप रिजेक्ट कर देती हैं। जबकि रिलेटिवली न्यू सुमित सहगल के साथ आपको फिल्में करनी पड़ रही है। तो इसका जवाब देते हुए माधुरी दीक्षित ने कहा था कि सबसे पहली बात तो मैं गोविंदा की बहुत रिस्पेक्ट करती हूं। मेरी औकात नहीं है कि मैं इतने सीनियर एक्टर की फिल्में रिजेक्ट कर लूं। अगर मैंने गोविंदा के साथ फिल्में रिजेक्ट की है तो वह इसलिए नहीं कि उस फिल्म में गोविंदा है बल्कि मैंने अपने रोल की महत्वता को देखते हुए उन फिल्मों को रिजेक्ट किया है। जिन फिल्मों में मुझे लगा कि मेरा रोल मीट ही नहीं है।
मेरे रोल में कुछ दम नहीं है तो मैंने वह फिल्में रिजेक्ट की है। वरना पर्सनली मुझे गोविंदा से कोई दिक्कत नहीं। माधुरी दीक्षित ने कहा कि मैं फिल्में अपना को एक्टर देखकर नहीं बल्कि अपना रोल देखकर एक्सेप्ट या रिजेक्ट करती हूं। हालांकि यह बात सच है कि लंबे समय तक माधुरी दीक्षित ने गोविंदा के साथ फिल्में नहीं की। बाद में वो गोविंदा के साथ बड़े मियां छोटे मियां फिल्म में नजर आई थी। और जहां तक बात है माधुरी के इस विज़ की कि वह फिल्में को एक्टर नहीं बल्कि अपना रोल देखकर करती है तो यह विज़ उनका बिल्कुल सही साबित हुआ क्योंकि माधुरी ने अपने लिए एक सक्सेसफुल करियर बना लिया। हां, अपने इस नजरिए की वजह से कई लोगों की आंखों में वह गलत साबित हुई।
जैसे कि पहला नीलानी या गोविंदा उनसे नाराज हुए। लेकिन जब आप फिल्में करते हैं तो वो अपने को-स्टार या अपने किसी बड़े प्रोड्यूसर को खुश करने के लिए नहीं बल्कि अपने करियर को और अपनी ऑडियंस को खुश करने के लिए करते हैं। सीधी सी बात है जब कोई हीरो आता है तो उसके फंडे क्लियर होते हैं कि उसको किस तरह से स्क्रीन पर दिखाना है।
कौन सी को एक्ट्रेस होनी चाहिए और किसके साथ उसकी जोड़ी जमेगी। ये सारी बातें प्रोड्यूसर्स सुनते हैं। तो फिर हीरोइंस की बात प्रोड्यूसर्स क्यों नहीं सुनते हैं? माधुरी ने उस टाइम पर अपना विज़न फिल्मों के लिए रखा जिस टाइम पर एक्ट्रेसेस को सिर्फ मूवीज में रोमांटिक रोल्स के लिए, गाने गाने के लिए और हीरो की साइड चेक के रूप में लिया जाता था।