फरा खान एक नाम जिसे हम शीला की जवानी के पीछे की क्रिएटिव ब्रेन के लिए जानते हैं कभी ओम शांति ओम जैसी ब्लॉकबस्टर की डायरेक्टर के तौर पर और आज एक यूट्यूब सेंसेशन फरा खान सिर्फ एक डायरेक्टर या कोरियोग्राफर नहीं बल्कि एक ऐसी शख्सियत है जिन्होंने अपने टैलेंट मेहनत और बिंदास अंदाज से बॉलीवुड में अपनी अलग जगह बनाई। लेकिन क्या आप जानते हैं इस सुपरहिट डायरेक्टर की जिंदगी की कहानी किसी ब्लॉकबस्टर फिल्म से कम नहीं जिसके पिता की निधन के समय उसकी जेब में सिर्फ ₹30 थे लेकिन उसने खुद 100 करोड़ की फिल्में बनाई।
आखिर उस रात की पार्टी में ऐसा क्या हुआ था कि शाहरुख खान ने सबके सामने फरा खान के पति को थप्पड़ जड़ दिया था। क्यों फरा खान की एक फिल्म फ्लॉप होने पर पूरी इंडस्ट्री ने जश्न मनाया था। और कैसे एक मामूली कुक को स्टार बनाकर उन्होंने अपनी पूरी इमेज बदल दी। चलिए आज इन सभी सवालों के जवाब ढूंढते हैं। फरा खान कुंदर जिन्हें दुनिया भर में फरा खान के नाम से जाना जाता है। बॉलीवुड की एक ऐसी शख्सियत हैं जिन्होंने डांस, डायरेक्शन, एक्टिंग और प्रोडक्शन के फील्ड में अपनी अमिट छाप छोड़ी है।
उनका जन्म 9 जनवरी 1965 को मुंबई में फरा डिब्बा खान के रूप में हुआ था। उनके छोटे भाई साजिद खान एक फिल्म डायरेक्टर हैं। एक फिल्मी परिवार में जन्मी फरा ने अपने पिता के संघर्षों से प्रेरणा ली और आज वह 100 से ज्यादा गानों को कोरियोग्राफ और चार हिट फिल्मों को डायरेक्ट कर कई अवार्ड अपने नाम कर चुकी हैं। उनके पिता कमरान खान एक स्टंट मैन से फिल्म प्रोड्यूसर बने थे। कमरान ने 1970 में फिल्म इल्जाम बनाई जिसमें दारा सिंह मेन रोल में थे। लेकिन यह फिल्म बुरी तरह फ्लॉप हो गई। फरा की मां मेनका ईरानी एक होममेकर थी जो पूर्व बाल कलाकारों हनी ईरानी और डेजी ईरानी की बहन थी। इस तरह फरा फरहान अख्तर और जोया अख्तर की चचेरी बहन हैं जो हनी ईरानी के बच्चे हैं।
परिवार में फिल्मी माहौल हमेशा रहा। फरा एक ऐसी जिंदगी जी रही थी जिसका सपना करोड़ों लोग देखते हैं। लेकिन कहते हैं ना बॉलीवुड में किस्मत का सिक्का कब पलट जाए कोई नहीं जानता। फरा के परिवार के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ। उनके पिता ने अपना सब कुछ दांव पर लगाकर एक बड़े बजट की फिल्म बनाई जिसका नाम था ऐसा भी होता है। उन्हें उम्मीद थी कि ये फिल्म उन्हें इंडस्ट्री के टॉप डायरेक्टर्स की लिस्ट में शामिल कर देगी। लेकिन हुआ ठीक इसका उल्टा। फिल्म शुक्रवार को रिलीज हुई और रविवार आते-आते खान परिवार सड़क पर आ चुका था। 1980 के दशक में जब फरा मात्र 13 साल की थी, तब उनके माता-पिता का तलाक हो गया।
यह उनके लिए एक बड़ा झटका था। फरा ने बाद में एक इंटरव्यू में बताया कि तलाक के बाद मां ने दोनों बच्चों को अकेले पाला। आर्थिक संकट इतना गहरा था कि वे रिश्तेदारों के घर के स्टोर रूम में 6 साल तक रहे। वहां ना सोफा था ना ही सही बिस्तर। सभी जमीन पर सोते थे। फरा ने कहा हमारे घर में कभी फ्रिज नहीं था। मां बाजार से रोटियां लाती और सब्जी उबाल कर खिला देती। इस कहानी का सबसे दर्दनाक मोड़ तब आया जब फरा के पिता की मौत हुई। उस दिन उनकी जेब में सिर्फ ₹30 थे। परिवार के पास इतने पैसे भी नहीं थे कि वह उनका अंतिम संस्कार कर सकें। उन्हें पड़ोसियों से पैसे उधार मांगने पड़े।
यह वो पल था जिसने फरा की जिंदगी को हमेशा के लिए बदल दिया। उन्होंने फैसला किया कि वह कभी आर्थिक तंगी का सामना नहीं करेंगी। बचपन के इन संघर्षों ने उन्हें मजबूत बनाया। फरा ने कहा मैंने सीखा कि जिंदगी में हार मानना नहीं चाहिए। पापा की निधन के बाद मैंने ठान लिया कि मुझे खुद पर निर्भर होना है। स्कूल के दिनों से फराह को डांस का शौक था। लेकिन पिता ने उन्हें डांस प्रतियोगिताओं में भाग लेने से रोका।
1970 में उन्हें फिल्म अंदाज में चाइल्ड आर्टिस्ट का रोल ऑफर हुआ। लेकिन पिता ने मना कर दिया। कॉलेज के बाद उन्होंने असिस्टेंट कोरियोग्राफर के तौर पर काम शुरू किया। फरा का फिल्मी सफर 1980 के दशक में शुरू हुआ। 1981 में उन्होंने फिल्म कहां-कहां से गुजर गया में असिस्टेंट कोरियोग्राफर के तौर पर डेब्यू किया। लेकिन असली ब्रेकआउट 1992 में आया। जब जो जीता वही सिकंदर की शूटिंग के दौरान कोरियोग्राफर सरोज खान कुछ दिक्कतों की वजह से टाइम पर शूटिंग के लिए नहीं पहुंच पाई थी। तब डायरेक्टर मंसूर खान ने फरा को पहला नशा सॉन्ग का डायरेक्शन सौंपा। यह गाना सुपरहिट हुआ और फरा रातोंरात स्टार बन गई। इसके बाद तो फरा ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। 1990 का दर्शक फरा खान के लिए सफलता की सीढ़ियां चढ़ने का दौर था। उन्होंने कभी ना कभी ना मैंने प्यार किया। दिल तो पागल है और दिल वाले दुल्हनिया ले जाएंगे जैसी सुपरहिट फिल्मों में अपनी कोरियोग्राफी का जादू बिखेरा। दिल तो पागल है में उनकी कोरियोग्राफी ने न सिर्फ फिल्म को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया बल्कि भारतीय सिनेमा में डांस को एक नया आयाम दिया।
उनके डांस नंबर्स ने करिश्मा कपूर, माधुरी दीक्षित, शाहरुख खान, और सलमान खान जैसे सितारों की छवि को और भी निखारा। विरासत का ढोल बजने लगा। दिल तो पागल है का ढोलना और बंटी और बबली का कजरारे जैसे गानों के लिए उन्हें कई फिल्मफेयर अवार्ड मिले। कोई मिल गया के गाने इधर चला मैं उधर चला के लिए तो उन्हें नेशनल अवार्ड से भी सम्मानित किया गया।
उनकी कोरियोग्राफी में एक कहानी होती थी। एक विज़न होता था। उन्होंने डांस को सिर्फ एक आइटम नहीं बल्कि फिल्म का एक जरूरी हिस्सा बना दिया। उनका टैलेंट सिर्फ बॉलीवुड तक ही सीमित नहीं रहा। उन्होंने मानसून वेडिंग और बॉम्बे ड्रीम्स जैसे इंटरनेशनल प्रोजेक्ट्स पर भी काम किया। जिसके लिए उन्हें टोनी अवार्ड का नॉमिनेशन भी मिला। उन्होंने शकीरा और कायली मिनोक जैसे ग्लोबल पॉपस्टार्स को भी अपने इशारों पर नचाया।
वो एक बैकग्राउंड डांसर से एक ग्लोबल कोरियोग्राफर बन चुकी थी। जिसने अपनी मेहनत और टैलेंट के दम पर अपनी एक अलग पहचान बनाई थी। कोरियोग्राफी की दुनिया में टॉप पर पहुंचने के बाद फरा का अगला और सबसे बड़ा सपना था फिल्म डायरेक्शन। और इस सपने को पंख दिए उनके सबसे अच्छे दोस्त शाहरुख खान ने। दोनों की दोस्ती कभी हां कभी ना के सेट पर शुरू हुई थी। और वक्त के साथ और भी गहरी होती चली गई।
2004 में शाहरुख खान के प्रोडक्शन हाउस रेड चिल्लीज एंटरटेनमेंट के बैनर तले फरा ने अपनी पहली फिल्म मैं हूं ना डायरेक्ट की। यह फिल्म उस समय के हिसाब से भारत-पाकिस्तान के रिश्ते पर एक बहुत ही फ्रेश और पॉजिटिव नजरिया पेश करती थी। फिल्म में एक्शन था, कॉमेडी थी, रोमांस था और था फरा का सिग्नेचर मसाला अंदाज। फिल्म बॉक्स ऑफिस पर जबरदस्त हिट हुई और फरा खान ने साबित कर दिया कि वह सिर्फ एक बेहतरीन कोरियोग्राफर ही नहीं बल्कि एक कमाल की डायरेक्टर भी है।
इसी फिल्म के सेट से उनके सख्त रवैया के किस्से भी मशहूर हुए। कहा जाता है कि एक सीन के दौरान उन्होंने जायद खान को इतनी जोर से डांटा था कि गुस्से में अपनी चप्पल तक फेंक दी थी। इसके बाद 2007 में आई ओम शांति ओम। इस फिल्म ने तो बॉक्स ऑफिस पर आग ही लगा दी। इसने ना सिर्फ दीपिका पादुकोण जैसी सुपरस्टार को लॉन्च किया बल्कि उस समय की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली हिंदी फिल्म भी बन गई।
फिल्म का गाना दीवानगी दीवानगी जिसमें 31 बॉलीवुड स्टार्स एक साथ नजर आए। एक ऐसा कारनामा था जो सिर्फ फरा ही कर सकती थी। दो सुपरहिट फिल्मों के बाद फरा खान बॉलीवुड की टॉप डायरेक्टर्स की लिस्ट में शामिल हो चुकी थी। लेकिन फिर आई 2010 में 30 मार खान। यह पहली बार था जब फरा ने शाहरुख खान के बिना किसी और एक्टर के साथ फिल्म बनाई थी।
फिल्म का ट्रेलर और गाने खासकर शीला की जवानी काफी पॉपुलर हुए। लेकिन फिल्म बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरह फ्लॉप हो गई। क्रिटिक्स ने भी फिल्म को सिरे से नकार दिया। लेकिन फिल्म के फ्लॉप होने से ज्यादा चौंकाने वाला था इंडस्ट्री का रिएक्शन। फरा ने खुद एक इंटरव्यू में इस कड़वे सच का खुलासा किया। उन्होंने कहा जब 30 मार्च खान रिलीज हुई तो इंडस्ट्री में जश्न का माहौल था। जिन लोगों के साथ मैंने काम किया था वह कह रहे थे अब आईना लाइन पे। यह बयान बॉलीवुड की उस हकीकत को उजागर करता है जहां लोग आपकी सफलता से जलते हैं और आपकी असफलता पर खुश होते हैं। यह दिखाता है कि फरा का बिंदास और बेबाक अंदाज शायद इंडस्ट्री को तभी तक पसंद था, जब तक वह शाहरुख खान के प्रोटेक्टिव सर्किल में थी। जैसे ही उन्होंने उस दायरे से बाहर कदम रखा, लोगों ने उन्हें नीचे गिराने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
इस बड़े झटके के बाद फरा ने 2014 में एक बार फिर शाहरुख खान के साथ हैप्पी न्यू ईयर से जोरदार वापसी की। फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए, और फराह खान 100 करोड़ क्लब में शामिल होने वाली पहली महिला डायरेक्टर बनी।
यह उनकी काबिलियत का सबूत था और उन लोगों के मुंह पर तमाचा था जिन्होंने उन्हें राइट ऑफ कर दिया था। लेकिन इस बड़ी सफलता के बाद उनके डायरेक्शन करियर पर एक लंबा ब्रेक लग गया। 2014 के बाद से उन्होंने कोई फिल्म डायरेक्ट नहीं की है। आज भी उनके फैंस उनकी अगली फिल्म का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। प्रोफेशनल लाइफ की उथल-पुथल के बीच फरा की पर्सनल लाइफ भी हमेशा चर्चा में रही। 2004 में मैं हूं ना की शूटिंग के दौरान उन्हें फिल्म के एडिटर शिरीश कुंदर से प्यार हो गया। शरीश उम्र में फरा से काफी छोटे थे और उस दौर में एक कामयाब महिला का अपने से छोटे और कम सफल पुरुष से शादी करना एक बड़ी बात मानी जाती थी।
लेकिन फरा ने हमेशा अपनी जिंदगी अपनी शर्तों पर जी है। उन्होंने दुनिया की परवाह किए बिना शरीश से शादी की और साबित कर दिया कि प्यार में उम्र और स्टेटस कोई मायने नहीं रखता। फरा ने 40 साल की उम्र में शादी की और इसके बाद उन्होंने मां बनने का फैसला किया। 2 साल तक नेचुरली कंसीव करने की कोशिश करने के बाद 42 साल की उम्र में उन्होंने आईवीएफ का सहारा लिया। 2008 में 43 साल की उम्र में वो तीन बच्चों की मां बनी। लेकिन यह सफर भी आसान नहीं था।
फरा ने एक इंटरव्यू में खुलासा किया कि जब डॉक्टर को पता चला कि वह ट्रिपलेट्स की मां बनने वाली है तो डॉक्टर ने उन्हें एक बच्चे को अबोर्ट करने की सलाह दी थी। डॉक्टर का कहना था कि उनकी उम्र में तीन बच्चों को एक साथ कैरी करना बहुत जोखिम भरा हो सकता है। लेकिन फरा ने यह सलाह मानने से इंकार कर दिया और तीनों बच्चों को जन्म देने का फैसला किया। 2014 में हैप्पी न्यू ईयर के बाद डायरेक्शन से एक लंबे ब्रेक के बाद ऐसा लग रहा था कि फरा खान का करियर खत्म हो गया है।
लेकिन 2024 में उन्होंने अपने यू ट्यूब चैनल के साथ एक ऐसी शानदार वापसी की जिसकी किसी ने उम्मीद नहीं की थी। यह उनके करियर का एक मास्टर स्ट्रोक साबित हुआ। फरा ने एक कुकिंग ब्लॉग शुरू किया जिसमें वह बॉलीवुड सेलिब्रिटीज के घर जाकर उनके साथ खाना बनाती और गपशप करती थी। लेकिन इस शो का असली चेहरा फरा या कोई बॉलीवुड सेलिब्रिटी नहीं बल्कि उनके कुक दिलीप बने। इस यू ट्यूब चैनल ने फरा खान की इमेज के लिए एक जबरदस्त रिब्रांडिंग का काम किया। इसने उनकी अकड़ गाली देने वाली और दबंग डायरेक्टर की इमेज को एक दयालु जमीन से जुड़ी और स्टार मेकर में बदल दिया।
इसने उनके खिलाफ सालों से बनी नेगेटिविटी को काफी हद तक कम कर दिया है और उन्हें एक नई पीढ़ी की ऑडियंस से जोड़ा है। फरा खान का नाम जितना उनकी हिट फिल्मों और जबरदस्त कोरियोग्राफी के लिए जाना जाता है उतना ही उनकी कंट्रोवर्सीज के लिए भी। उनका अनफिल्टर्ड और मूफट अंदाज अक्सर उन्हें मुश्किल में डाल देता है। फरा जो एक फेमस कोरियोग्राफर से डायरेक्टर बनी और शाहरुख बॉलीवुड के किंग खान ने मिलकर कई सुपरहिट फिल्में दी। लेकिन 2012 में एक घटना ने उनकी इस मजबूत दोस्ती को हिला दिया। यह विवाद फरा के पति शिरीश कुंदर और शाहरुख़ के बीच हुई तीखी बहस से शुरू हुआ। जो जल्द ही फरा और शाहरुख के रिश्ते पर भारी पड़ गया। विवाद की जड़े 2011 में रावन फिल्म से जुड़ी हैं। यह शाहरुख खान का एक ड्रीम प्रोजेक्ट था।
जिसे अनुभव सिन्हा ने डायरेक्ट किया था। फिल्म का बजट 150 करोड़ से ज्यादा था। लेकिन बॉक्स ऑफिस पर यह फ्लॉप साबित हुई। शिरीश कुंदर ने इस फिल्म की कड़ी आलोचना की। उन्होंने Twitter पर लिखा मैंने अभी 150 करोड़ का पटाखा फुस होते हुए सुना। यह ट्वीट शाहरुख के दिल को चुभ गया क्योंकि रावण उनके लिए पर्सनल प्रोजेक्ट था। शाहरुख ने इसे नजरअंदाज करने की कोशिश की, लेकिन मन में कड़वाहट रह गई। यह ट्वीट विवाद का पहला बीज था, लेकिन असली तूफान तो 2012 में आया। 15 फरवरी 2012 को संजय दत्त ने मुंबई के एक होटल में पार्टी रखी थी। यह पार्टी अग्निपथ फिल्म की सक्सेस को सेलिब्रेट करने के लिए थी। शाहरुख, फरा, शिरीश कुंदर और कई बड़े सितारे वहां मौजूद थे। रिपोर्ट्स के मुताबिक श्रीश ने पार्टी में शराब पी ली थी और शाहरुख के सामने फिर से रावण पर तंज कसे। शाहरुख जो आमतौर पर शांत रहते हैं। इस बार कंट्रोल खो बैठे। रिपोर्ट्स के अनुसार शाहरुख ने शरीश को थप्पड़ मारा और उनके तीन बॉडीगार्ड्स ने शिरीश को पीटा। इस घटना ने पूरी इंडस्ट्री को हिला कर रख दिया।
इसके बाद फरा और शाहरुख की गहरी दोस्ती में दरार आ गई। फरा ने एक इंटरव्यू में अपने पति का पक्ष लिया और कहा कि फिजिकल अब्यूज किसी भी समस्या का हल नहीं है। वहीं शरीश ने भी शाहरुख को लड़ने की चुनौती दे डाली। यह घटना इस बात का सबूत थी कि बॉलीवुड में दोस्ती और दुश्मनी को बदलने में एक पल भी नहीं लगता। फरा खान की जिंदगी एक ऐसी कहानी है जो सिखाती है कि मेहनत, जुनून और हिम्मत से कोई भी सपना पूरा किया जा सकता है। गरीबी से निकलकर बॉलीवुड की टॉप डायरेक्टर बनना, अपने शर्तों पर जिंदगी जीना और हर बार कमबैक करना।
फरा ने हर बार साबित किया कि वह एक सच्ची विनर हैं। आज फरा ना सिर्फ एक डायरेक्टर और कोरियोग्राफर हैं बल्कि एक ऐसी शख्सियत है जो लाखों लोगों को इंस्पायर करती है। उनका यूट्यूब चैनल, उनकी फिल्में और उनका बिंदास अंदाज। यह सब बताता है कि फरा खान का जादू अभी खत्म नहीं हुआ है।