इस समय की सबसे बड़ी खबर सामने आ रही है जिसमें यह बताया जा रहा है कि मुकेश खन्ना ने धर्मेंद्र के सेहत में बिगड़ते हुए हालात को लेकर एक ऐसा बयान दे दिया है जिस बयान की चर्चाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। जैसे कि आप सभी जानते हैं कि 89 साल के धर्मेंद्र अब हमारे बीच में नहीं रहे और करोड़ों लोगों की दिलों की धड़कन और करोड़ों प्रशंसकों के चहेते धर्मेंद्र के निधन ने पूरे फिल्म जगत को गहरे शोक में डुबो दिया था।
89 साल की उम्र में 24 नवंबर को उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कह दिया। कि कुछ समय से उनकी तबीयत ठीक नहीं चल रही थी और 10 नवंबर को उन्हें अस्पताल में भर्ती भी कराया गया था। हालांकि ब्रिज कैंडिय हॉस्पिटल से डिस्चार्ज होने के बाद भी उनका इलाज घर पर ही जारी था और परिवार डॉक्टर उनके चाहने वाले सब यही उम्मीद लगाए बैठे थे कि वह पहले की तरह फिर से स्वस्थ होकर लौट आएंगे। लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। हालांकि धर्मेंद्र को सेहत को लेकर एक बार उनके पुराने दोस्त मुकेश खन्ना ने धर्मेंद्र से हुई अपनी आखिरी मुलाकात को याद करते हुए भावुक कर देने वाली बातें शेयर की है।
मुकेश खन्ना बताते हैं कि अस्पताल से घर लाए जाने के बाद धर्मेंद्र के लिए घर के अंदर ही जैसा पूरा सेटअप बनाया गया था। , सपोर्ट सभी सुविधाएं परिवार की ओर से कोई कमी नहीं छोड़ी गई थी। फिर भी उनके मन में एक ही डर था कि शायद उनसे ठीक से बात नहीं कर पाएंगे। लेकिन उन्होंने सोचा कि आखिरी बार मिलना जरूरी है। मुकेश कहते हैं कि मैं 5 छ दिन पहले उनके घर गया था। सनी और बॉबी देओल से मेरी बातचीत हुई। मैंने दोनों से कहा कि आपके पापा बहुत मजबूत हैं। वह जल्दी ठीक हो जाएंगे।
लेकिन अंत में वही होता है जो ईश्वर चाहता है। हम सबके दिलों को यह बात चुभ रही थी। इतने मजबूत इंसान का शरीर जवाब दे गया। लेकिन उनकी आत्मा वो आखिरी वक्त तक चमकती रही। धर्मेंद्र की आत्मा वास्तव में खूबसूरत थी। यही बात मुकेश खन्ना एक नहीं कई बार दोहराते रहे।
वैसे 90 के दशक में फिल्म तहलका की शूटिंग के दौरान उनकी दोस्ती और भी ज्यादा गहरी हो गई थी। मुकेश खन्ना बताते हैं कि धर्मेंद्र की सबसे बड़ी खूबी उनकी सादगी, विनम्रता और अपने पद से भरा दिल था। शूटिंग के सेट पर वह कभी स्टार जैसा व्यवहार नहीं करते थे। हमेशा सबको सम्मान से संबोधित करते थे।
चाहे स्पोर्ट बाय हो या फिर किसी सीन का जूनियर आर्टिस्ट। मुकेश ने याद किया कि आखिरी दिन में भी धर्मेंद्र के चेहरे पर एक अजीब सी पॉजिटिविटी झलकती रहती थी। बीमारी ने शरीर को कमजोर कर दिया था। लेकिन उनके चेहरे पर एक शांति, एक मुस्कान और एक अद्भुत आत्मविश्वास हमेशा मौजूद रहता था। मानव दर्द को भी हौसले से हराने की कोशिशों में रहे। वैसे धर्मेंद्र केवल एक सुपरस्टार नहीं थे। वह एक लेजर्ड थे। जिन्होंने शोले चुपके-चुपके, अनुपमा, धर्मवीर, सत्यम, शिव, सुंदरम, यादव की बारात जैसी अनगिनत फिल्मों में लाखों दिलों पर राज किया था। बॉलीवुड में उन्हें कीमैन कहा जाता था। लेकिन असल जिंदगी में वह दिल के भी हीरो थे।
रोमांस हो, एक्शन हो या कॉमेडी उन्होंने हर भूमिका को अमर बना दिया था। उनके अंतिम सफर को सम्मान देने के लिए 27 नवंबर को मुंबई में सेलिब्रेशन ऑफ लाइफ नाम से एक प्रेयर मीट का आयोजन किया गया था। जिसमें बॉलीवुड की लगभग पूरी इंडस्ट्री उमड़ पड़ी थी। शाहरुख सलमान, रेखा ऐश्वर्या राय उनके दिग्गज कलाकारों ने पहुंचकर उन्हें अंतिम श्रद्धांजलि दी।
भले ही धर्मेंद्र आज इस दुनिया से चले गए हो लेकिन उनकी यादें, उनकी विनर्मता, उनकी सिनेमा हमेशा लोगों के दिलों में जीवित रहेगा। वह अपने पीछे एक ऐसी विरासत छोड़ गए हैं जिसे भुलाया नहीं जा सकता ना आज ना कभी भविष्य में।
