तारीख 20 जुलाई थी। दोपहर के करीब सवा5 बजे का समय था जब बांग्लादेश एयरफोर्स का ट्रेनिंग विमान F7 बीजीआई माइलस्टोन स्कूल एंड कॉलेज की बिल्डिंग से टकरा गया। एक जोरदार हादसा हुआ और चारों तरफ धुएं का गुबार उठने लगा। स्कूल के बाहर पेरेंट्स अपने बच्चों का इंतजार करते रहे और अंदर खून से लथपथ बच्चे मदद के लिए भागते नजर आए।
तस्वीरें इतनी विभत्स हैं कि कैमरे पर दिखाई नहीं जा सकती। हादसे में अब तक 20 लोगों की मौत हो चुकी है। करीब 171 लोग घायल हैं। इस आंकड़े में अधिकतर संख्या स्कूल के बच्चों की है। स्कूल के दो स्टूडेंट्स ने बांग्लादेशी मीडिया संस्थान ढाका ट्रिब्यून से बात की। क्लास नाइंथ में पढ़ने वाले फहीम हसन और अभीर ने बताया हमारा ब्रेक दोपहर 1:00 बजे होना था। हम आमतौर पर 10 मिनट बाद निकलते हैं। जैसे ही बाहर आए ऊपर एक विमान से धुआं निकलते देखा। कुछ ही पल बाद वह हमारे स्कूल की बिल्डिंग पर गिर पड़ा। हमने एक जोरदार धमाका सुना। इसके बाद अफरातफरी मच गई।
धुआं, चीखें और लाशें जिनमें से कई इतनी ज्यादा जली हुई थी कि पहचान से परे थी। बिल्डिंग के जिस हिस्से में प्लेन गिरा, वहां क्लास वन टू फाइव के बच्चे पढ़ते हैं। सज्जाद शादी नाम के एक स्टूडेंट ने बताया कि जब हादसा हुआ, मैं मैदान पर था। बिल्डिंग से सिर्फ दो गज की दूरी पर। प्राइमरी क्लास खत्म होने में 10 मिनट बाकी थे। विमान पहली मंजिल के बाई ओर सीढ़ियों के पास से दुर्घटनाग्रस्त हुआ और दूसरी तरफ निकल गया। मैंने अपनी आंखों से छह बच्चों और दो टीचर्स को भागते हुए देखा।
लेकिन कई लोग की हालत बहुत खराब थी। 16 घायल या फिर शायद मरे लोग मेरे सामने ही निकाले गए। बच्चों का शरीर जल रहा था। वह चिल्ला रहे थे। कई बच्चे आग की लपटों में घिरे हुए थे। कुछ बच्चे अपने पेरेंट्स के पास पहुंचे। उनके शरीर से लथपथ और जले हुए थे। कुछ सदमे में थे जिनके शरीर से गिर रहा था। उन्हें कपड़े में लपेट कर एंबुलेंस में ले जाया गया।
न्यूज़ एजेंसी पीटीआई के मुताबिक एक घायल टीचर ने बताया कि प्राइमरी क्लास के बच्चों की छुट्टी होने वाली थी और वह बाहर निकलने की तैयारी कर रहे थे। हादसे को याद करते हुए टीचर ने कहा, इससे पहले कि हम समझ पाते कि क्या हो रहा है। चारों ओर आग की लपटें उठने लगी। चीजें नजर आना बंद हो गई। मुझे बस आग और फिर धुआं ही दिखाई दे रहा था। मेरे दोनों हाथ गए थे। मुझे सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। चेहरा और कान झिलस चुके थे। हादसे के चश्मदीद बताते हैं कि एंबुलेंस के अलावा रिक्शे से भी घायलों को हॉस्पिटल ले जाया जा रहा था। नूरुजमा मृधा नाम की एक टीचर ने बताया कि हमने कुछ हुए घायलों को रिक्शा और वैन में पहुंचाया। उनके कपड़े फटे हुए थे। कुछ घायल तो ऐसे भी थे जो खुद ही जले हुए शरीर के साथ पैदल गाड़ियों तक जा रहे थे। रिपोर्ट्स के मुताबिक क्रैश हुए विमान को चाइना निर्मित बताया जा रहा है। हादसे का कारण फिलहाल मैकेनिकल फौल्ट सामने आया है।
बांग्लादेश में अंतरिम सरकार ने 22 जुलाई को एक दिन का राजकीय शोक घोषित किया है। इस दिन बांग्लादेश और विदेशों में स्थित उसके दूतावासों में राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा। बांग्लादेश का राष्ट्रीय ध्वज। इस हादसे में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी शोक जताया है।
एक्स पर उन्होंने लिखा, हादसे से अत्यंत स्तब्ध और दुखी हूं। हमारी संवेदनाएं शोक संतप्त परिवार के साथ हैं। घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करते हैं। भारत बांग्लादेश के साथ एकजुटता में खड़ा है और हर संभव सहायता और सहयोग देने के लिए तत्पर है। बता दें कि इस हादसे में अब तक 20 लोगों जान गवा चुके है।