अहमदाबाद प्लेन क्रैश: विमान के पिछले हिस्से से मिला एयर होस्टेस का देह।

अहमदाबाद विमान हादसे से जुड़ा बड़ा अपडेट आपको दे दें कई देह की पहचान हुई है डीएनए सैंपलिंग हालांकि लगातार जारी एयर इंडिया के विमान का ब्लैक बॉक्स भी अब मिल गया है विमान हादसे में अब तक 265 लोगों की मौतों की पुष्टि हो चली है जांच में केंद्रीय एजेंसियों के साथ पुलिस भी शामिल है लगातार इस पूरे मामले को लेकर जांच पड़ताल जारी है हालांकि सबसे बड़ा सवाल जो कि अब भी यहां पर खड़ा होता है वो यही कि फ्लाइट महज 900 मीटर की दूरी पर थी ऐसे में यह हादसा हुआ तो हुआ कैसे कहां से यह चूक थी इंजन फेलियर था टेक्निकल ग्लिच था।

पायलट की सूझबूझ यहां पर नहीं देखने को मिली जिसके चलते पूरा यह हादसा क्या वजह थी यह अपने आप में एक बेहद बड़ा सस्पेंस बना हुआ है हमारे साथ हमारे सहयोगी शाहिद अंसारी जुड़े हैं उनसे और जानकारी लेंगे शाहिद एक बेहद बड़ा विमान हादसा पेश आया है महज टेक ऑफ होता है टेक ऑफ के दौरान कुछ 900 मीटर की दूरी पर यह पूरा हादसा पेश आ जाता है हालांकि अभी भी ये नहीं समझ आ पा रहा कि आखिर कारण क्या रहा।

यही सबसे असल वजह सबसे जो सवाल सबसे बड़ा अहम यही है कि असल वजह क्या रही है कि महज चार या पांच सेकंड में ये सारी ये दुर्घटना जो हुई है महज उसके लिए पांच से चार से पांच सेकंड जो है दरकार रहे और इस दौरान जो है ये हादसा पेश आया और आपको मैं बताऊं कि अहमदाबाद एयरपोर्ट से जो है उस वक्त जो जब ये हादसा पेश आया है तो उस दौरान ना तो वहां जो फ्लाइट में लोग मौजूद थे उनको ना पायलट को और ना ही जो लोग जमीन पर मौजूद थे उन्हें कुछ भी सोचने का मौका मिला अब तक की जानकारी में जो बातें सामने आ रही है कि 241 लोगों की जो मौत हुई है उसके साथ-साथ जो जमीन पर जो लोग थे उसमें से 33 लोगों की निधन हुई है यह बात अब तक जानकारी में सामने आई है।

इसके साथ-साथ ये बातें और भी है कि अब तक जो है इस मामले में कॉकपेट में हुई बातचीत और ब्लैक बॉक्स ये सब कुछ तो बरामद हो चुका है लेकिन इन सब के बीच सवाल यही है कि आखिर ये हादसे की असल वजह क्या है तो यह भी जांच का विषय है कई एजेंसियां इस हादसे को लेकर जो है जांच कर रही हैं और यह पता लगाने की कोशिश कर रही हैं कि हादसे की असल सबब क्या है हादसे की असल वजह क्या है क्योंकि सिर्फ यही नहीं कि 241 लोग जो जिनकी निधन हुई है वो जो बाहर जो डॉक्टर जो मेडिकल हॉस्टल में जो थे उनकी निधन हुई है उनके सारे लोग जो है पूरे देश के लोग जो है यह जानने की कोशिश में लगे हुए हैं कि आखिर वजह क्या रही है कि एक एक विमान जो एयरपोर्ट से महज कुछ ही चार से पांच सेकंड के बाद जो है उड़ान भरता है और चार से पांच सेकंड के बाद जो है वो हादसे का शिकार हो जाता है।

हालांकि आपको मैं बताऊं जो प्राथमिक जानकारी हमको मिली है ब्लैक बॉक्स और जो कॉकपेट में हुई बातचीत ये सारी चीजें जो बरामद हुई है उसमें पायलट ने जो है अपने को-पायलट और जो सेंटर को जो है जो मैसेज भेजा है उसमें तीन बार उसने इमरजेंसी बात इमरजेंसी इमरजेंसी कही है जो उनकी लैंग्वेज में लेकिन हैरानी इस बात की है कि जब समय हर्ष पांच सेकंड का समय है तो उस 5 सेकंड के समय में कौन क्या मदद करता है ये अहम सवाल है हालांकि अब तक की बात करें जो देह है उनको पहचानने के लिए सैंपल लिए जा रहे हैं डीएनए के लिए सैंपल लिए जा रहे हैं ब्लड सैंपल लिए जा रहे हैं और इसके साथसाथ जो फॉरेनर है उनके क्योंकि 200 से ज्यादा लोगों के जो है ज्यादा लोगों के सैंपल कलेक्ट किए जा चुके हैं।

लेकिन जो फॉरेनर बाकी है जो है उनके रिश्तेदारों को आने में समय लग सकता है उसके बाद ही उनके शवों को उनके हवाले किया जा सकता है क्योंकि हादसा इतना खतरनाक था और इतनी ज्यादा जो आग थी वह इतनी खतरनाक थी कि शवों को जो है पहचानना बहुत ही मुश्किल हो गया है यही वजह रही है कि डीएनए का सहारा लिया गया है ताकि डीएनए के टेस्ट के जरिए जो है उनके परिजनों को उनको सौंप दिया जाएगा इनहीं डीएनए टेस्ट में जो है एक आठ माह के बच्चे का भी जो है सैंपल ब्लड सैंपल लिया गया जिसके पिता की जो है निधन इसी हादसे में हो गई है जी हर्ष बिल्कुल ऐसे तमाम लोग तमाम शव यहां पर जिनकी शिनाख्त लगातार जारी है ऐसे तमाम परिजन जिन्होंने अपनों को खोया है कुछ-कुछ तो पूरे-पूरे परिवार जो बसने के लिए अमेरिका जा रहे थे उनका पूरा परिवार यहां पर उजड़ गया बेहद दर्दनाक ये पूरा हादसा था ना केवल ये जो फ्लाइट में लोग मौजूद थे ।

लेकिन जिस हॉस्टल में जाकर ये फ्लाइट अटकी थी जहां पर कई परकच्चे एयरप्लेन के घिरे थे वहां पे भी खासा क्षति हुई है शाहिद जी बिल्कुल मैं हर्षा पहले तो यह था कि ठीक है जो फ्लाइट में लोग मौजूद थे उनकी निधन हुई है बाद में पता चला है कि जो मेडिकल स्टूडेंट जो थे वहां पर जो कैंटीन में बैठे खाना खा रहे थे उनकी भी बड़ी तादाद वहां बैठी थी उनको भी मौका नहीं मिल पाया अब तक की जानकारी में यह बात सामने आई है कि कुछ 33 लोगों की निधन वहां भी हो गई है और यह आपको मैं बताऊं कि सिर्फ जानी नुकसान नहीं बल्कि माली नुकसान आसपास काफी बड़े एरिया में जो है ये नुकसान हुआ है तो माली नुकसान तो छोड़ दीजिए लेकिन जानी नुकसान जो हुआ है वो बड़े पैमाने पर हुआ है 241 लोग ये जिनकी निधन हुई है।

उसके अलावा जो है यहां पे जो मौत हुई है जमीन पर वो 33 लोगों की मौत हुई है तो नुकसान तो बहुत हुआ है और उन सबके सबके हालात जो है एक ही जैसे हैं क्योंकि आग जो लगी थी अंदर से ज्यादा बाहर के लोगों को उस आग का नुकसान का सामना करना पड़ा अबकि जो ये स्टूडेंट्स जो है देश के अलग-अलग हिस्सों से यहां आए थे उन सब की मौत हो गई है तो उनके भी परिजनों की जो है डीएनए टेस्ट के लिए जो है ब्लड सैंपल तलब किया जा रहा है और जैसे ही इसकी रिपोर्ट आएगी 72 घंटे के अंदर उनके परिजनों को उनके शव उनके हवाले किए जाएंगे ताकि उनकी वो अंतिम संस्कार कर सकें जी अर्शा बिल्कुल लगातार पूरे मामले को लेकर जांच पड़ताल जारी है शाहिद अब देखना होगा कि वजह क्या रही क्योंकि सभी की निगाहें केवल इसी बात पर टिकी हैं कि क्या यह कोई चूक थी कोई लापरवाही थी या वाकई कोई बेहद बड़ा हादसा यहां पर पेश आया।

मिरेकल चमत्कार विमान हादसे में विश्वास, भूमि और गीता का बचना वाकई बहुत बड़ा चमत्कार है विंडो सीट पर बैठे रमेश विश्वास धमाके के बाद कूद गए वह अपने पैरों पर चलकर खुद एंबुलेंस तक पहुंचे जिंदा बचने वाले विश्वास सीट नंबर 11 ए पर बैठे थे यह सीट इमरजेंसी गेट के बगल में थी विश्वास को जैसे ही लगा कुछ गड़बड़ है उन्होंने प्लेन से ही छलांग लगा दी पता नहीं वह कैसे बचे लेकिन जो हुआ वो किसी चमत्कार से कम नहीं एक और चमत्कार देखिए कैसे जलते मलपे से भगवत गीता के प्रति पूरी सुरक्षित मिली है और इतना ही नहीं भरूच की भूमि चौहान 10 मिनट देरी से बोर्डिंग गेट पर पहुंची सिक्योरिटी ने लेट होने पर उन्हें वापस लौटा दिया बाद में पता चला कि भूमि जिस फ्लाइट में बैठने वाली थी वो फट गया।

यह किसी चमत्कार से बिल्कुल भी कम नहीं और क्या-क्या चमत्कार देखने को मिले हैं आइए रिपोर्ट में दिखाएं चाको राखे साइयां मार सके ना कोई कहिए वो यह है वही जो राम रची राखा कहिए मैंने आपने हम सब ने यह कहावत जरूर सुनी होगी लेकिन इसे चरितार्थ होते 12 जून 2025 को देखा [संगीत] आमतौर पर जो चीजें नहीं होती हैं चमत्कार वही है दुख अफसोस आंसू अवसाद गम जब पूरा देश अहमदाबाद में हुए विमान हादसे के बाद इन मानवीय भावों से ग्रसित था तभी ईश्वरीय चमत्कार हुआ मिरेकल हुआ अजूबा हुआ इसे हम सब ने पूरी दुनिया ने ना सिर्फ महसूस किया बल्कि रमेश विश्वास के रूप में साक्षात देखा [संगीत] रमेश विश्वास ठीक वैसी खुशी बनकर सामने आए मानो जब पूरा परिवार खत्म हो जाए और एकमात्र अकेला सदस्य जीवित बच जाए यह वह क्षण होता है जब रिश्तेदार अड़ोसी पड़ोसी यहां तक कि उसे ना जानने वाला इंसान जो उससे अपनी जिंदगी में पहले कभी नहीं मिला हो वह भी मारे खुशी के भगवान का शुक्रिया कहने से नहीं थकता।

रमेश विश्वास के जिंदा होने की खबर उस वक्त आई जब पूरा देश एयर इंडिया के बोइंग ड्रीम लाइनर में सवार सभी 242 लोगों की मौत से दुखी था मातम मना रहा था रमेश विश्वास के रूप में हुए इस चमत्कार ने दुख की घड़ी में भी असीम खुशी का एहसास कराया 12 जून 2025 दोपहर 1:38 पर भविष्य के अरमानों मंसूबों अपने सपनों की उड़ान के साथ अहमदाबाद के सरदार वल्लभ भाई पटेल एयरपोर्ट से दो पायलट 10 क्रू मेंबर 230 यात्री एयर इंडिया के विमान एआई171 से लंदन के सफर पर निकल पड़े टेक ऑफ के महज 2 मिनट बाद ही तमाम सपने उम्मीदें जमीन पर खाक हो गई विशालकाय भारीभरकम बोइंग ड्रीम लाइनर राख में बदल चुका था प्लेन के इमारत से टकराने के बाद जो आग का गगनचुपी गोला दिखा उसने सबको यह यकीन दिला दिया कि अब कोई नहीं बचा।

विमान पर सवार 242 लोग मारे गए होंगे एक भी जीवित नहीं बचा होगा हादसे की तस्वीरें भी चीख-चीख कर यही बता रही थी सबसे पहले एपी न्यूज़ एजेंसी ने खबर दी कि विमान में सवार सभी 242 लोग मारे गए हादसा भले ही अहमदाबाद में हुआ लेकिन दुख और जज्बातों का रेला पूरी दुनिया तक जा पहुंचा विमान में कई विदेशी नागरिक भी तो सवार थे देश के ही कई राज्यों के लोग लंदन के लिए इसी विमान से निकले थे पल भर में सोशल मीडिया और न्यूज़ चैनलों के जरिए यह भयानक तस्वीर विमान में सवार लोगों के परिवार परिचित रिश्तेदारों तक जा पहुंची सिर्फ परिवार परिचित ही नहीं हर एक शख्स आम हो या खास दुखी था मौके पर राहत और बचाव कार्य जारी था तभी एक व्यक्ति घायल अवस्था में खुद के पैरों पर चलता हुआ हादसे वाली जगह से बचाव दल के कुछ लोगों के साथ कैमरे में कैद होता है आपबीति बता रहा है उसके हाथ में फोन है लोगों को अपने विषय में बताने के साथ अपने साथ हुए चमत्कार की खबर अपने परिवार तक भी पहुंचा रहा है।

यह शख्स है भारतीय मूल के ब्रिटिश नागरिक रमेश विश्वास कुमार डर आश्चर्य बदहवासीपन यह सारे भाव उनके चेहरे पर नजर आ रहे थे रमेश विश्वास कुमार को खुद विश्वास नहीं हो रहा था यकीन नहीं हो रहा था कि वह मौत को बेहद करीब से देखकर लौटे हैं मौत को छू कर लौटे हैं मौत से आमनासामना कर लौटे हैं रमेश विश्वास की झलक देखते ही उनके बारे में पता चलते ही लोगों का भगवान पर भरोसा बढ़ गया थोड़ी देर बाद रमेश विश्वास की एक और तस्वीर सामने आई जब वह हॉस्पिटल में एडमिट थे

चेहरे पर जख्म लेकिन खतरे से बिल्कुल बाहर आग के शोलों में जब पूरा विमान खाक हो चुका था जब विमान में सवार सभी लोगों के देह बुरी तरह से जली हुई हालत में बिखरे पड़े थे इन हालातों के बीच रमेश विश्वास का सकुशल जिंदा बच जाना ईश्वर का चमत्कार था रमेश विश्वास कुमार अकेले जीवित यात्री बचे जिन्होंने विमान में हादसे से ठीक पहले के हालातों को दुनिया से साझा किया थोड़ा टाइम लेके तो मेरे को लगा था कि मैं भी मरने ही वाला हूं लेकिन जब मेरी आंख खुल के मैं देखा ना तो मुझे लगा मैं जिंदा हूं तो मैंने ट्राई किया जब मेरी सीट थी वो मेरी बेल्ट निकाला मैंने वो ट्राई किया वो जहां से निकल सकता था वहां से तो मैं निकल गया वहां से मेरे नजरों के सामने एयर हॉस्टल और दूसरे आंटी अंकल सभी उसमें मैं सो गए थे सभी टेक ऑफ के बाद 1 मिनट के अंदर ही जब टेक ऑफ हुआ ना तो सडनली 510 सेकंड कैसे लगा जैसे स्टक हो गया वो बाद में से मेरे को लगा कि कुछ हुआ बाद में प्लेन में लाइट ऑन हो गई ग्रीन और वाइट बाद में वो पता नहीं वो प्लेन टेक ऑफ ज्यादा करने के लिए वो रेस तो बोलते हैं क्या रेस दिया होगा ऐसा कुछ वो सीधा स्पीड में ही घुस गया मेरा मैं जो साइड पे था ना वो साइड हॉस्टल पे नहीं लैंड हुई थी हॉस्टल के जो ग्राउंड फ्लोर है ना जैसे नीचे वहां लैंड हुई थी तो मुझे दूसरे के बारे में मेरे को पता नहीं लेकिन वहां मैं जहां लैंड हुआ था ना वो नीचे की साइड थी तो जब वहां थोड़ा पेस भी था प्लेन के जब बाहर तो जब जैसे मेरा डोर टूटा ना सब तो मेरे तो मैंने देखा ना सामने ये थोड़ा इधर पेस है तो मैं ट्राई कर सकता हूं निकलने के लिए तो मैंने ट्राई किया निकलने के लिए तो फिर मैं निकल गया उधर क्योंकि ऑोजिट साइड पे थे ना वो बिल्डिंग का वो था ना दीवार ।

पीएम मोदी ने रमेश विश्वास का हालचाल जाना उनसे करीब 10 मिनट तक बातचीत की विमान में क्या हुआ कैसे हुआ इसकी जानकारी ली रमेश विश्वास ने बताया कि हादसे के बाद जब उनकी आंख खुली तो वह विमान से बाहर गिरे हुए थे शायद जब हादसे के वक्त विमान का दरवाजा टूटा तो वह सीट समेत नीचे जा गिरे उनकी आंखों के सामने विमान के एक बुजुर्ग दंपति दो एयर होस्टेस जिंदा जल रहे थे लेकिन रमेश इस हालत में नहीं थे कि उनकी मदद कर पाते उन्हें बचा पाते उनकी आंखों के सामने कुछ सेकंड पहले तक हंसती खेलती खिलखिलाती सैकड़ों जिंदगियां खत्म हो चुकी थी बिखर चुकी थी टूट चुकी थी।

242 लोगों के बीच कोई बचा था तो वो रमेश कुमार विश्वास थे बस ब्यूरो रिपोर्ट इंडिया न्यूज़ अहमदाबाद में हुए विमान हादसे ने ऐसा दर्द दिया जो कभी भुलाया नहीं जा सकता किसी की मां किसी की बहन किसी के पिता तो किसी के भाई की जान इस हादसे में चली गई और किसी की तो पूरी फैमिली ही खत्म हो गई परिवारों पर दुख का ऐसा पहाड़ टूट गया जिस पर मरहमी नहीं लगाई जा सकती प्लेन हादसे के बाद पसरा मातम फफक कर रो रहे परिजन किसी घर का बुझा चिराग किसी का उजड़ा सुहाग किसी का अकेला आसरा खत्म वक्त ने दिया नहीं भरने वाला जख्म गुरुवार को अहमदाबाद से लंदन जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट वाले क्रू मेंबर्स में मणिपुर की रहने वाली कोंगरा पैलाट पंप नंगथोई शर्मा भी थी उसके जाने से पूरे परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है उनके परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है अचानक मां बदहवास हो जाती है मौत सोच कर ही परेशान हो जाती है हर बेटी अचानक दुनिया से चली गई अहमदाबाद विमान हादसे में शिकार अदनान मास्टर की डेढ़ साल पहले शादी हुई थी गुजरात में वह अपने परिवार के साथ ईद मनाने आए थे सौभाग्यवश अदनान की पत्नी और बेटे बच गए क्योंकि वह 21 जून को लंदन जाने वाले थे अब अदनान के देह को हासिल करने के लिए अदनान के बेटे इब्राहिम को अपना ब्लड सैंपल देना पड़ा।

इसी तरह मुंबई के नजदीक बदलापुर में रहते थे दीपक पाठक यह एयर इंडिया में सीनियर केबिन क्रू थे हंसता खेलता चेहरा लेकिन क्रूर वक्त को शायद यह मंजूर ना था विमान के चालक दल के सदस्यों में शामिल इरफान समीर शेख 2 साल पहले इस क्षेत्र से जुड़े थे और उनके बड़े सपने थे लेकिन वो सपने अब बिखर चुके हैं परिवार पुणे शहर के पास पिपरी चिंचवाड़ इलाके में रहता है इरफान के चाचा फिरोज शेख ने कहा कि उनका भतीजा हमेशा अपने माता-पिता को अपनी उड़ान सूची के बारे में बताया करता था गुरुवार को जब विमान दुर्घटना की खबर आई तो उसकी मां पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा क्योंकि उन्हें पता था कि वह उसी विमान में सवार था परिवार के अधिकारियों ने डीएनए जांच के लिए इरफान के भाई के रक्त के नमूने लिए हैं और परिवार अब उसका देह वापस लाने की प्रक्रिया में जुट गया है अहमदाबाद के इस वक्त सिविल हॉस्पिटल में हम मौजूद हैं और अब तक के सिविल हॉस्पिटल में उस जगह मौजूद हैं जहां पे डीएनए सैंपल कलेक्ट किए जा रहे हैं।

आपको मैं तक जो है 200 लोगों के जो है सैंपल कलेक्ट कर लिए गए हैं और यह 200 वह लोग हैं जो भी मृतक के रिश्तेदार और उनके जो ब्लड रिलेशन वाले लोग हैं उनके हैं ताकि जो है उस डीएनए ब्लड सैंपल के जरिए जो है डीएनए डीएनए टेस्ट किया जाए और डीएनए टेस्ट के बाद जो है जो मृतक हैं उनकी पहचान की जा सके आपको मैं बता दूं कि जो हादसा पेश आया है इस हादसे में जो शव है वह इतने बुरी तरह से जल गए हैं जिनकी शिनाख्त करना मुश्किल हो रहा है विमान दुर्घटना में गंभीरसर गांव की जयश्रीबेन पटेल मसा के नुसरत जहां जेठरा और बायड की कैलाश बेन पटेल की दुखद निधन हो गई घटना के बाद राज्य मंत्री भीखू सिंह परमार मृतकों के परिजनों से मिलने पहुंचे घर में मातम पसरा है इस मौके पर कोई बोले तो क्या बोले मोडासा की नुसत जा जेठरा एक महीने पहले भारत आई थी वे अपने पति के साथ अमेरिका में रह रही थी वे लंदन से हज करने जाने वाली थी लेकिन ईद के त्यौहार पर रुकने के बाद वे लंदन के लिए रवाना हो गई।

इसी तरह खंबीसर की जयश्री बेन पटेल की 2 महीने पहले ही शादी हुई थी क्योंकि उनके पति लंदन में रहते थे इसलिए वह उनके पास जा रही थी कैलाश बेन पटेल अपने बेटे के पास लंदन जा रही थी तीनों महिलाओं ने कभी नहीं सोचा होगा कि लंदन की यह उड़ान उनके जीवन की आखिरी उड़ान होगी मेरी भांजी जो ये प्लेन के अंदर क्रैश हुआ उसके अंदर मेरी भांजी सफर कर रही थी उसका हमको मालूम पड़ा कि भाई ये कांड हो गया है वहां पे हमारे मिलने वाले सब वहां पे पहुंचे अभी तक हमको कोई डेड बॉडी मिली नहीं है वो लंदन से आज से करीबन 45 दिन के पहले मड़ासा आई हुई थी उनके सास ससुरा और उनके बड़े भैया जो हज को जा रहे थे उनको मिलने के लिए आई थी और वह वापस जाने के लिए यहां से रवाना हुई मोड़ासा से कल सुबह 7:30 बजे और 1:30 बजे के अरसे में फ्लाइट में बैठी और ये जो फ्लाइट उड़ने के बाद में करीबन 1 बजकर हमको 45 पे वहां से इत्तला मिली कि भाई प्लेन दुर्घटना हो गया है और हमारे बंदे यहां से पहुंचे अभी तक हमको कोई अहमदाबाद विमान हादसे में महाराष्ट्र में ठाणे स्थित डोबीबली की रोशनी सोनगढ़ी की भी मिट्टी हो गई।

रोशनी डोबीबली के माड़वी बंगले के करीब रहती थी परिवार में मातम फंसा है अहमदाबाद में जो प्लेन क्रैश हुआ है उसके जो को पायलट थे सुमित सबरवाल वो पवई में रहते हैं मुंबई में रहते हैं अभी उनके घर पे यहां के विधायक दिलीप मामा लांडे जी आके आए थे और उनके परिवार से उन्होंने मुलाकात की हम उनसे जानते हैं क्या बात हुई उनसे गणेश सर क्या बात हुई आपसे आप सबवाल के फैमिली से मिले क्या बात हुई सुमित के घर पे उनके अकेले डैडी है।

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