फिल्म इंडस्ट्री में एक दौर था जब डायरेक्टर प्रोड्यूसर जो कहता था वही होता था। लेकिन आज वो दौर है कि एक्टर के इशारों पर ही डायरेक्टर और प्रोड्यूसर को चलना पड़ता है और एक्टर की शर्तें माननी पड़ती है। इस चलन की शुरुआत अक्षय कुमार ने की है। यह खुलासा किया है प्रोड्यूसर पहला नीलानी ने।
उन्होंने कहा कि अक्षय कुमार को मैंने तलाश फिल्म में कास्ट किया था। यह फिल्म 2003 में आई थी और सुनील दर्शन ने इस फिल्म को डायरेक्ट किया था। फिल्म में अक्षय कुमार लीड हीरो थे और हीरोइन करीना कपूर थी। पहला नीलानी ने बताया कि अक्षय कुमार को जब हमने यह फिल्म ऑफर की तो अक्षय ने हमसे कहा कि जब चाहे तब आप फिल्म शुरू कर सकते हैं और मुझे जो मर्जी हो वह पैसे देना लेकिन मेरी एक शर्त है कि फिल्म में हीरोइन सिर्फ करीना कपूर ही होनी चाहिए। बाकी मुझे कोई दिक्कत नहीं।
कैलाश नीलानी ने बताया कि अक्षय कुमार ने करीना को फिल्म में लेने की शर्त इस वजह से रखी क्योंकि उस दौरान उनकी उम्र बढ़ रही थी और वह यंग एक्ट्रेस के साथ काम करना चाहते थे ताकि वह भी थोड़े यंग साइड में नजर आए। यही वजह है कि अक्षय कुमार ने यह शर्त रखी और यहीं से चलन शुरू हो गया कि फिल्मों में हीरो लोगों की चलने लगी।
डायरेक्टर और प्रोड्यूसर की मर्जी की हीरोइन नहीं बल्कि हीरो की मर्जी की हीरोइन को फिल्मों में लेने का यहां से ट्रेंड शुरू हुआ। पहला निलानी ने कहा कि मैंने इतनी फिल्में की है लेकिन मेरे साथ यह इंसिडेंट पहली बार हुआ था और यहां से एक्टर्स की डिमांड्स शुरू हो गई और डायरेक्टर और प्रोड्यूसर तो सिर्फ उनके कूरियर बॉयज बनके रह गए।।