500 से ज्यादा फिल्मों में काम कर चुका है यह एक्टर। फिर भी बिना बिजली के घर में गुजारे हैं दिन। बुढ़ापे में पाईपाई को हुआ मजबूर। सुपरस्टार के बेटे ने गरीबी में गुजारा बचपन। आर्थिक तंगी की वजह से ऑटो रिक्शा में किया आना-जाना। आगे चलकर बेटा बना बॉलीवुड का टॉप विलेन। बीते जमाने में कई अभिनेताओं को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ा है। 90 के दशक में कई एक्टर ऐसे रहे हैं जो बड़े-बड़े स्टार्स के साथ काम कर चुके हैं। लेकिन इनमें से कई फिल्मी सितारे ऐसे भी हैं जिनके पास बुढ़ापे में गुजारा करने के लिए पैसे नहीं थे।
1950 और 1960 के दशक में इंडस्ट्री पर राज करने वाले फिल्मी सितारे अक्सर बुढ़ापे में खुद को बेसहारा पाते थे। क्योंकि वो बुरे वक्त के लिए बचत ही नहीं किया करते थे। आज हम आपको उसी अभिनेता के बारे में बता रहे हैं जिन्होंने 500 से ज्यादा फिल्मों में काम किया है। वो अमिताभ बच्चन और राजेश खन्ना जैसे सुपरस्टार के साथ स्क्रीन स्पेस शेयर कर चुके हैं। लेकिन बुढ़ापे में वो कंगाल हो गए। जी हां, वो एक्टर हैं मुगलेआम फेम रजा मुराद के पिता मुराद। हाल ही में एक इंटरव्यू में एक्टर रजा मुराद ने पैसे बचाने के बारे में बात करने के लिए अपने पिता का उदाहरण दिया। इतना ही नहीं एक्टर ने यह भी बताया कि किस तरह उनके पूरे परिवार के लिए गरीबी का वो दौर कितना मुश्किल था।
इंटरव्यू में इस बारे में बात करते हुए रजा मुराद ने कहा मैंने जीवन में कई मुश्किलें देखी हैं। मैंने गरीबी का सामना किया है। भोपाल में हमारे घर में बिजली नहीं थी। मुझे अपनी परीक्षाओं के लिए लैंप पोस्ट के नीचे पढ़ना पड़ता था। मैं आधी रात से पढ़ाई शुरू करता था और सुबह 6:00 बजे तक खत्म करता था। इंटरव्यू में आगे बातचीत में एक्टर से जब पूछा गया कि फिल्म इंडस्ट्री में कई पुराने कलाकारों को अपने जीवन के अंतिम वर्षों में पैसों की मुश्किल का सामना करना पड़ा है? तो रजा ने इसका जवाब देते हुए कहा जब आप पैसे कमाते हैं तो आपको अपने बुढ़ापे के बारे में सोचना चाहिए। हमारी इंडस्ट्री में क्रू मेंबर्स के पास भी अपने घर हैं। उनके पास बचत है। वो जानते हैं कि आय किसी भी दिन बंद हो सकती है। वो जानते हैं कि उनका स्वास्थ्य खराब हो सकता है। आपको किसी के सामने भीख क्यों मांगनी चाहिए? मैं कोई नाम नहीं लेना चाहता।
लेकिन ऐसे कई अभिनेता थे जो अपने सुनहरे दिनों में बेहद व्यस्त थे। उन्होंने बहुत पैसा और शोहरत कमाई लेकिन उन्होंने सब खर्च कर दिया। जब वो बड़े हुए तो उन्हें किराए के मकान में रहने के लिए मजबूर होना पड़ा। भले ही वह आलीशान बंगलों में रहते थे। मैंने उन्हें ऑटो रिक्शा से यात्रा करते देखा है। रजा मुराद ने कहा मैंने इसे व्यक्तिगत रूप से देखा है। मेरे पिता ने 500 से अधिक फिल्मों में काम किया होगा। लेकिन हमारे पास कभी कार नहीं थी और हम किराए के घर में रहते थे। खुद को बनाने के बाद मैंने जो पहला काम किया वो था घर खरीदना। कई बार आप अपने बड़ों से सीखते हैं कि जीवन में क्या नहीं करना चाहिए।
मैं अपने पिता को नीचा नहीं दिखाना चाहता था। उन्होंने जैसा जीना चाहा वैसा ही जिया लेकिन मैंने खुद को सही समय पर बना लिया। बता दें कि रजा मुराद ने अपने शुरुआती दिनों में कड़ी मेहनत की है। एक्टर ने साल 1973 में अपने करियर की शुरुआत की थी। रजा मुराद के पिता ने 500 से अधिक फिल्मों में काम किया और उनके पास जज के रोल्स करने का विश्व रिकॉर्ड भी मौजूद है। उन्होंने 300 फिल्मों में जज की भूमिका निभाई। उन्होंने रामपुर को दुनिया भर में प्रसिद्ध किया। उन्हें मुराद रामपुरी के नाम से भी जाना जाता था।