लोगों ने ये भी कहा कि भाई गौर करिए कि शाहरुख के घर के बाहर और सलमान के घर के बाहर भीड़ लगती है। आमिर के घर के बाहर भीड़ नहीं लगती है। एक दफा लगी थी। मैं रह रहा था काटा रोड पे। हमारे जो जहां पे मैं नॉर्मली रहता हूं वहां पे कुछ रिपेयर चल रहा था। तो कुछ एकद सालों तीन साल सालों के लिए चार सालों के लिए मैं किरण और मैं किसी और बिल्डिंग में शिफ्ट हो गए थे। तो उस बिल्डिंग में जैकी श्रॉफ भी रहते थे। तो एक दिन मैं लौटा और मैंने देखा कि काफी भीड़ है गेट के बाहर। तो मैंने कहा यार चलो आखिर भीड़ मेरे लिए आ ही गई। तो मैं उतरा बड़ा खुश था। मैं बोला यस यस फोटो तो उन्होंने कहा पता लगा कि नहीं वो टाइगर के लिए वेट कर रहे हैं। तो वो भीड़ मेरे लिए नहीं थी। वो टाइगर श्रॉफ के लिए थी। हाउ डू यू लुक एट दिस? की जो एक कंपैरिजन चलता है
मीडिया में थ्री खान इनका ऐसा उनका वैसा आप लोग इसके बारे में क्या सोचते हैं? देखिए यह कंपैरिजन तो लाजमी है। हर फील्ड में आपको यह नजर आएगा। क्रिकेट में, फिल्मों में हर हर फील्ड में जो लोग कंपेयर किए जाते हैं टॉप पे जो लोग होते हैं उनके बीच में कंपैरिजन अक्सर होता है। और समझ में आता है मुझे वो क्यों होता है। आई थिंक पीपल आर क्यूरियस।
मीडिया इस क्यूरियस व्हाट इज़ हैपनिंग। हेडलाइन अच्छी बनती क्योंकि अजय देवगन और अक्षय कुमार का करियर भी लगभग उतना ही लंबा है। उतना ही उतना ही और उतना ही कमाल का है। उतना ही कमा कामयाब है। उतना ही कामयाब है। बल्कि मैं अक्सर लोगों को याद दिलाता हूं जब मुंह मूल थे सलमान शाहरुख और आप ऐसे नहीं सलमान शाहरुख मैं अजय देवगन अक्षय रितिक हम सब हमारा करियर साथ में ही चला है हम सबका। नहीं रितिक का तो चलिए फिर थोड़ा लेट आया। 12 साल 10 साल का हां वो थोड़ा 10 साल लेट आए बट वो भी उतने ही कामयाब हैं। और अभी रणबीर और अ रणबीर और रणबीर काफी फनी थे वो ऐड रणबीर सिंह हां मतलब जब पर्दे पे आपका कैरेक्टर डार्क ह्यूमर करता नजर आता है तो हमें बड़ा रिलेटिव हमें लगता है ये आदमी ऐसा हो सकता है ये आदमी ऐसा ही होगा डार्क ह्यूमर में हां वाह वाह वाह सिर्फ डार्क ह्यूमर में आपको ऐसा फील होता है नहीं नहीं मैंने ये नहीं कहा कि सिर्फ मैंने कहा जब ये करता है वैसे तो मुझे पता है कि शाई किस्म का लड़का है.
हां एक सलमान की बात हो गई। शाहरुख ने भी उन दिनों कभी फोन किया आपको? नहीं उस वक्त शाहरुख से मेरी इतनी मुलाकात नहीं हुई थी। वैसे तो हम लोग मिलते रहते हैं। एक आध दफा तो मिलते रहते हैं। शाहरुख सलमान में हम लोग साथ में भी बैठते हैं। अभी नहीं उस वक्त भी उस वक्त भी। कभी शाहरुख के घर, कभी सलमान के घर। अब तक आप लोगों ने एक दूसरे को छिछोरा नहीं कहा था। छिछोरा? जी। किसने कहा चिचोरा? शाहरुख ने आपको आपने शाहरुख को चिचोरा सर मैं कोट कर देता हूं कोट करिए कोट करिए हां मुझे भी सुनना है हमारा क्या है सर कि जर्नलिज्म में हम लोगों को ये इजाजत नहीं होती है कि कुछ ऐसे ही कह दिया जाए जी है ना वी आर नॉट पॉलिटिशियंस सबसे पहले तो एक पंचगनी से आपने हां मैंने वो एक ब्लॉग लिखा था जब शाहरुख मेरे पांव चाट रहा है। फिर आपने एक्सप्लेन किया कि इस फार्म के जो मालिक थे उन्होंने शाहरुख के सम्मान में इस डॉग का नाम रखा था। मुझे लगा यह फनी है। इस पे लंबी बात हो चुकी है। सो वी नॉट गेट इंटू दैट। उसके लोग अक्सर मुझ पे मजाक करते रहता है ना। हर साल अवार्ड फंक्शन होता है। मैं तो जाता नहीं हूं। तो हर साल कुछ ना कुछ वो लोग मजाक मुझ पे करते रहते हैं। क्यों नहीं जाते हैं? आपको क्या लगता है? मैं क्यों नहीं जाता?
सर, हम लोग जिस पेशे में हैं, वी डू नॉट हैव द लिबर्टी ऑफ़ अस्यूमिंग। अच्छा। तो मुझे क्या लगता है ज्यादा महत्वपूर्ण है कि आप क्या कहेंगे? देखिए मुझे धीरे-धीरे समझ में आया कि यार जिंदगी एक ही होती है, वक्त बहुत कम होता है इंसान के पास। हम्म। तो उसका सही इस्तेमाल किया जाए। हम्म। तो जहां मुझे मन होता है जाने का, मैं वहां जाता हूं। अवार्ड नाइट्स में मुझे मन नहीं होता। जाने का। यह थोड़ा जल्दी का जवाब है। थोड़ा डिटेल में बताइए। क्या तजुर्ब रहे ऐसे? शुरू में तो गए थे। दो-ती साल मैं गया था शुरू-शुर में जब मैं नया-नया आया था और मेरे अंदर एक जज्बा था कि जब हम एक साल में एक दफा मिलते हैं। पूरी फ्रिटनिटी साथ में बैठती है। एक दूसरे के काम को हम सराहाते हैं। हम तो मैं उस इमोशन से अवार्ड नाइट में जाता था। लेकिन फिर मुझे समझ में आया कि यहां पे कुछ और भी चीजें चल रही हैं। क्या? इसका मैं जवाब आपको एक अलग तरीके से देता हूं। दीजिए। देखिए क्या हिंदुस्तान में हम लोग बड़े इमोशनल लोग हैं। और मेरी यह समझ है कि हम अक्सर काम को इतनी अहमियत नहीं देते। बट उस इंसान को अहमियत देते हैं जिसने वह काम किया है। हम तो फिर वो बंदा हमारे लिए और बड़ा होते है जाता है और मेरी जो मेरी जो समझ है जो हम लोग क्रिएटिव फील्ड में काम करते हैं
एक तो वो इतना सब्जेक्टिव होता है कि आप कंपेयर करना बहुत मुश्किल हो जाता है। अब आप अगर दंगल में मेरा काम ले लें और किसी भी फिल्म में बजरंगी भाईजान में सलमान का काम ले लें और अजय देवगन का काम दृश्यम में ले लें तो ये तीन अलग-अलग कहानियां हैं। ये तीन अलग-अलग कैरेक्टर्स हैं। आप इनको कंपेयर कैसे कर सकते हैं? अगर आपको वाकई में कंपेयर करना है तो थ्री इडियट्स आप मेरे साथ बनाइए। फिर आप थ्री इडियट्स सलमान के साथ बनाइए। फिर आप थ्री इडियट्स शाहरुख के साथ बनाइए। बाकी चीजें सेम रहे। डायरेक्टर वही हो, एनवायरमेंट वही हो। अब आप हम तीनों के काम को तोल सकते हैं। हम मतलब यू कैन बी इन अ बेटर पोजीशन टू कंपेयर द थ्री वर्क्स। बट अलग-अलग चीजें हम कर रहे हैं। इट इज़ वेरी डिफिकल्ट। आपको किसी के कोई फिल्म अच्छी लगती है। किसी और को कोई फिल्म अच्छी लगती है। किसी को किसी का काम पसंद आता है।
किसी और को किसी और का काम पसंद आता है। इट्स अ वेरी सब्जेक्टिव फील्ड। फिल्म मेकिंग एंड क्रिएटिव फील्ड इज अ वेरी सब्जेक्टिव फील्ड। तो आप जैसे रेस में आपको पता है कौन कौन फर्स्ट आया। एक आदमी ने दूसरे से ज्यादा तेज भागा है। क्लियर हो जाता है। कंफ्यूजन नहीं है। फिल्मों में क्या है कि इट्स वेरी सब्जेक्टिव। किसको क्या लगता है? अगर पांच लोगों की एक कमेटी है। उसको वो किसी को चुनेगी। पांच और लोग होते वो किसी और को चुनते शायद। तो एक तो यह समझना बहुत जरूरी है कि ये बहुत ही सब्जेक्टिव है अवार्ड्स का सिलसिला क्रिएटिव फील्ड में। उसके ऊपर आप यह समझ लीजिए कि एज इंडियंस हम लोग बड़े इमोशनल लोग हैं। हम लोगों की इज्जत ज्यादा करते हैं। काम की इतनी नहीं करते। यह मेरी समझ है। तो फिर हम लोगों के लिए सोचने लगते हैं और काम को भूल जाते हैं। एट बेस्ट दिस इज हाउ वी ऑपरेट। देन एट वर्स्ट हम करप्ट भी हो सकते हैं। एट वर्स्ट हम वो चीजें कर सकते हैं जो एक्चुअली नहीं करनी चाहिए। तो यह जो एरिया है पूरा यह मुझे ज्यादा मुझे इसमें इंटरेस्ट आया नहीं अवार्ड्स और यह वो तो फिर मैं बहुत जल्दी हट गया उससे मेरे लिए जिनके लिए मैं फिल्म बना रहा हूं मेरी ऑडियंस वो मुझे बताती है कि आपका काम कितना अच्छा था और वो मेरे लिए अवार्ड है। अगर फिल्म मेरी फिल्म लोग पसंद करते हैं तो सबसे बड़ा अवार्ड मेरे लिए वो है।
नेशनल अवार्ड नेशनल अवार्ड सारे अवार्ड्स के लिए मैं अवार्ड से थोड़ा दूर ही रहता हूं। मैं अवार्ड से थोड़ा दूर ही रहता हूं। शुरुआती तजुर्ब अच्छे नहीं रहे। नहीं अच्छे रहे। ऐसा भी कुछ रहा कि आपको उम्मीद थी आप जीतेंगे पर नहीं जीते। नहीं आपसे कि कहानी कुछ और नहीं नहीं उससे मुझे तकलीफ नहीं हुई। और चीजें थी जिससे मुझे तकलीफ हुई जिससे मुझे क्लियर हो गया। मुझे मेरे हारने और क्या चीजें थी आप देखिए ऐसा है आमिर साहब। आप फिल्म इंडस्ट्री को यहां रिप्रेजेंट कर रहे हैं हम और हम सबको ऐसा लगता है क्योंकि आप खुलकर बात करते हैं अनलाइक अदर्स कि आप हमें फिल्म इंडस्ट्री में रिप्रेजेंट कर रहे हैं तो ये हमारा हक है अब जब आपने ये फैसला किया है कि सामने वाला कुछ पूछ ले ये जानने का कि असल में वहां होता क्या है? आप किसी और से पूछ लीजिए ना। बहुत लोग हैं जो आपको जवाब दे देंगे। अच्छा नहीं लगता। मैं अब यार अपनी इंडस्ट्री है। मैं क्या बोलूं यार? वो मैं आपसे इंडस्ट्री की बुराई करने को नहीं कह रहा हूं। मैं ये जो अवार्ड के पीछे का गोरख धंधा है।
हां। जिस स्पिरिट में होना चाहिए मेरे हिसाब से उस पिरामिड उस स्पिरिट में नहीं हो रहा है तो मैं दूर हट जाता हूं। बिना उदाहरण के हम लोगों को बातें समझ नहीं नहीं उदाहरण नहीं दे सकता मैं आपको। उदाहरण क्या दूं? अच्छा चलिए मैं कोशिश करता हूं। देखिए जब बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर अब पांच नाम है। उनमें से एक ने बड़ा अच्छा काम किया है। लेकिन वो नया बंदा है। नया अभी भी आया है। और दो-तीन उसमें ऐसे हैं जो बहुत ही एक्सपीरियंस्ड एक्टर्स हैं। नामचीन भी हैं। उनकी बड़ी इज्जत भी है। तो होता क्या है कि लोगों को लगता है यार यह तो अभी नया है। ये अगले साल भी जीत लेगा अवार्ड। लेकिन इस आदमी को कैसे नहीं दें अवार्ड? हम इतनी इज्जत करते हैं। तो फिर हम आदमी की इज्जत करने लगते हैं। काम की नहीं। तो आपको इंसान को हटा देना चाहिए। उसमें आप काम बोलो किसका अच्छा है? इसका काम अच्छा है। तो किसने किया है? इसने किया। हां इसको दो। किसने किया है वो इंपॉर्टेंट नहीं होना चाहिए। वर्क इज मोरेंट। ये काम को हम अवार्ड दे रहे हैं।
उस इंसान को नहीं दे रहे। उस ये जो काम उसने किया उसको हम अप्रिशिएट कर रहे हैं। ये मेरी फीलिंग है। जो नहीं होता है। तो आपकी फीलिंग रही होगी कि थ्री इडियट्स को बहुत क्रिएटिव ढंग से प्रमोट किया जाए। आप अलग-अलग शहरों में जा रहे थे। भेष बदल। हां हां। ये सवाल पूछा गया शाहरुख खान से। क्या? ये जो छिछोरे वाली बात हम पीछे छोड़ आए थे, मैं वापस आऊंगा। अच्छा अच्छा छिछोरे हां सर हमारे पास ये सहूलियत भी नहीं कि हम भूल जाए। आप मुझे कोट करने वाले वेटम कोट करने। हां कोट करिए कोट करिए। थ्री इडियट्स और उनकी फिल्म माय नेम इज खान। रिलीज़ के बीच एकद महीने का फासला था। हां। उनसे पूछा गया कि आमिर इस तरह से अपनी फिल्म को प्रमोट कर रहे हैं। आप क्या कहेंगे? शाहरुख से पूछा गया। उनका जवाब था। मैं माफी चाहूंगा ये शब्द इस्तेमाल करने के लिए, लेकिन ये एक किस्म का छिछोरापन लगता है। मैं कभी अपनी फिल्म को प्रमोट करने के लिए इस हद तक नहीं जाऊंगा। हर फिल्म को मार्केट करने का एक तरीका होता है और हमारी इस फिल्म को प्रमोट करने की अपनी एक यूनिक स्ट्रेटजी होगी। ये उन्होंने कहा।
फिर आपके सामने शाहरुख के इस स्टेटमेंट का ऑडियो चलाया गया एक इंटरव्यू में। अच्छा। हां। तो मैंने क्या कहा? आपने कहा शाहरुख जी समझदार इंसान हैं। ओके। अगर मैं देश में अलग-अलग जगह जा रहा हूं और यह उनको छिचोरा लगता है तो मैं क्या कहूं? ये उनकी सोच है। मैं उनकी सोच से सहमत नहीं हूं। मेरे लिए तो यह बहुत ही अहम अनुभव रहा। एक इंसान के तौर पर यह मुझ में ग्रोथ लाएगा। हम जहां तक छिचोरेपन की बात है तो वो ज्यादा जानते होंगे इस चीज के बारे में क्योंकि वो खुद काफी छिचोरापन करते हैं अपनी जिंदगी में। वो एक्सपर्ट है सब ना।lये कहा मैंने? कहा होगा आप बोल रहे तो कहा होगा मैंने। हां। एक्चुअली एक पीरियड था जब शाहरुख और मैं एक दूसरे के लिए काफी कुछ बोल रहे थे। शायद वो नाख थे मुझसे। क्यों? पता नहीं। पता नहीं। क्योंकि मैं एक्चुअली अपने इंटरव्यूज में और लोगों की बातें नहीं करता हूं। मैं अपनी बातें करता हूं। तो खैर छोड़िए इन सब बातों को। क्या रखा है? अच्छा दोस्त है मेरा शाहरुख। हां अच्छा दोस्त है मेरा। वाकई इतना डाउट क्यों है आपके माइंड में? कब? और मुझे अ आई थिंक जब हम लोग की हम लोग के करियर शुरू हुए थे तो तब एक नेचुरल कंपटीशन था हम लोग के बीच में। लेकिन वो कुछ एक 101 साल पहले वो आई थिंक वो गायब हो गया था। बिल्कुल बिगनिंग मेरी तरफ से तो गायब हो गया था।
आई थिंक उनकी तरफ से भी गायब है। बिल्कुल शुरुआती दौर में शाहरुख खान का एक इंटरव्यू है जिसमें उनसे पूछा जाता है आपके बारे में। तब उनका रिप्लाई सुनिए। शुरुआती दौर। जी जी जी। आमिर खान को मैं अपना कंपटीशन नहीं कहूंगा। वो मुझसे कहीं बेहतर एक्टर हैं। अच्छा। अगर आज हमारे देश में कोई शानदार एक्टर है तो वह आमिर हैं। मैंने सुना है कि वह 30 की उम्र के बाद रिटायर होकर डायरेक्टर बनना चाहते हैं। मैं भी 30 की उम्र में ही काम छोड़ने की योजना बना रहा हूं। तो अभी 30 कहां हुआ अभी तक यार? अभी तो 18 बड़ी मुश्किल से हमने क्रॉस किया है। ये बात तो ठीक है। 30 तक आते-आते रिटायर हो जाएंगे। 60 के हुए हैं। 30 के नहीं हुए हैं। लेकिन अभी तो मैं ये जानना चाह रहा हूं। देखिए हमारे दर्शक जानते हैं कि हम गसिप सेंसेशन बचते हैं इससे। है ना? हम यह देखते हैं कि ये जो आइकंस हैं हम जिनसे हम अपना दिल लगाए बैठे हैं वो कैसे चलते हैं, कैसे कपड़े पहनते हैं, कैसे बोलते हैं, पर्सनली प्रोफेशनली उनकी लाइफ चॉइससेस करोड़ों लोगों को इंपैक्ट करती हैं। हम ऐसे में जब हम ये देखते हैं कि दो बड़े स्टार एक दूसरे के बारे में ऐसी बातें कह रहे हैं जो बहुत सिविल नहीं है।
हम तो जो अलग-अलग फैन हैं वो तो अपनी हां तेरा वाला अच्छा, मेरा वाला अच्छा। पर एक इन जनरल ये लगता है कि यार ये लोग इतने सफल लोग हैं। पासपास ही रहते हैं। बैंड्रा और पाली होली कितना ही बड़ा इलाका है। जी हां तो ये आपस में बैठ के बतियाल है जो गिले शिकवे हैं आपस में दूर कर लें ये पब्लिकली एक दूसरे को रिडिक्यूल कर चाइल्डिश बिहेवियर है ये यस हां मैं अग्री करता हूं मैं आपकी बात से सहमत हूं चाइल्डिश बिहेवियर है ये तो आप इस तरह की हरकतें बिल्कुल नहीं करेंगे आइंदा नहीं करूंगा पिंकी प्रॉमिस हां आइंदा नहीं करूंगा ऐसा होता है अभी कि यार लेट्स कैच अप शाम को हां अक्सर होता है एक-एक ड्रिंक लगाते हैं एक ड्रिंक से काम नहीं बनता भाई मैं सलमान की नहीं शाहरुख की बात कर रहा हूं। नो शाहरुख की बात मैं भी कर रहा हूं। जब शाहरुख सलमान और हमे साथ में बैठते हैं तो सुबह 7:00 बज जाते हैं। ये अक्सर हुआ है। 810 दफा हुआ है। बहुवचन में बोतलें खर्च होती हैं। एक्चुअली मैं जो लोग सुन रहे हैं बताना चाहूंगा क्योंकि आप से दूर रह जितने लोग रह सकते हैं। बहुत अच्छी चीज नहीं है। भी अच्छी चीज नहीं है। और लोगों को यह नहीं करना चाहिए। आपका प्रोग्राम लोग देख रहे हैं वो भी इससे इन्फ्लुएंस नहीं हो ना हो इसलिए मैं ये कह रहा हूं। जी पर यू आर वन पर्सन जो हमेशा वॉक द टॉक करता है और आप वो चीजें कभी नहीं कहते हैं स्क्रीन पे जो आप खुद नहीं करते हैं। नहीं ऐसी बात नहीं है। अ मुझे या की आदत लगी थी क्योंकि मैंने फिल्मों में एक आध कैरेक्टर के लिए पीना था तो फिर उसमें आदत लग गई मुझे। जो है वो खून में आ गई। तो फिर छोड़ना बहुत मुश्किल होता है। समथिंग दैट इज वैरी डिफिकल्ट नहीं होता है। तो कुछ लोग सक्सेसफुली कर चुके हैं और आपने छोड़ दिया आपने छोड़ दिया। हां तो 3 जुलाई 2021 तो मैं रेकमेंड करूंगा लोगों को जिन्होंने ट्राई नहीं किया वो कभी ट्राई भी ना करें। ना ना । हां। और ये सब कहानी मैंने एग्री नहीं किया। पे एग्री नहीं किया आपने? आमिर मॉडरेशन इज द की। मॉडरेशन इज द की। हां हर चीज जो है वो नहीं तो एक्सट्रीम पे क्यों भागते हो आप?
हां मैं हमेशा एक्सट्रीम या वर्कआउट नहीं करोगे या 3 घंटे वर्कउ करो अरे कहीं मध्यम मार्ग भी तो है भाई हां मुझ में ये कमजोरी है मैं बड़ा एक्सट्रीमिस्ट हूं हां क्या क्लियर है अब क्या ही करना है हां इस उम्र में क्या खाक मुसलमान होंगे अब जैसे हैं वैसे ही रहेंगे वैसे ही रहेंगे.