उसको दवाई देकर बीमार किया गया। सुशांत सिंह के साथ वो तीनों चीजें हुई। आपने देखा होगा सुशांत सिंह राजपूत के केस के टाइम पे वो बातें निकली थी कि इन लोग जादू की चीजें ये जो नेगेटिव लोग हैं ना बॉलीवुड में भरपूर इन सब चीजों में है। ये एक टारगेट को जब डिस्ट्रॉय करना चाहते हैं ना किसी टारगेट को वो तीन तरीके से उस टारगेट को अटैक करते हैं। एक है कामकाज में क्योंकि वो सबसे पिंच होता है इंसान को।
ठीक है थ्रोट कंपटीशन है तो हथियाने की कोशिश करते हैं हां मतलब नहीं हथियाना नहीं मतलब आपका काम बन रहा है वो बिगाड़ देंगे बस यस होता है उनको नहीं चाहिए वो तो अपना ये तो गिरोहबाजी कर रहे हैं बहुत होता है हां गिरोबाजी है क्योंकि उनको आप आपको उन्होंने दुश्मन मान लिया है .
अब आपको हर तरीके से दे वांट टू डिस्ट्रॉय वो आपके दिमाग को डिस्ट्रॉय करेंगे मैनपुलेशन गैस माहौल खराब करके हर तरह से आपको घेर कर ये सब परेशानियां किस चीज की है हां वो जो सिक्योरिटी िटी इशज़ हो रहे हैं वो क्यों परेशान करने के लिए ना और एक बार हुआ आप सोच सकते हैं जाने दो जब रेगुलर होता है तो एक तो आपके मन में ये भी बैठ गया है कि हां कोई परेशान कर रहा है मुझे उसका स्ट्रेस दूसरा जो हो रहा है उसका स्ट्रेस यस राइट तो ये इनका काम है तो एक तो मेंटली टॉर्चर उनको करना है.
मेंटली साइकोलॉजिकली अफेक्ट करेंगे ताकि बाद में ये बोल सके कि ये तो पागल हो गए मैं उस पे भी आऊंगी हां मैं उस दूसरा हेल्थ आपकी खराब करेंगे आपके खाने खाने पीने में , दवाइयां, अजीब अजीब दवाइयां कुछ भी उनके मन में आए वो इफ दे हैव एक्सेस सुशांत के केस में ये दो चीजें थी। हां उसको उसको दवाई देके बीमार किया गया था। हां काफी सारी चीजें सामने आई थी और काम नहीं बना। तीन-ती साल जिस प्रोजेक्ट के लिए तैयार कर रहे हैं वो नहीं बना। और तीसरा ओपन किसी और को तीसरा ।
हां। वो कैसे करते हैं? मानने वाले मानते हैं। मान नहीं मानने वाले नहीं मानते। लेकिन अगर आप भगवान को मानते हैं तो आपको फिर उसका ऑोजिट भी आपको एक्सिस्ट करता है ब्रह्मांड में। जैसे भगवान है, एंज्स है, ईश्वरीय शक्तियां है, देवी देवता हैं और यू नो गुरु है हमारे ये जो पॉजिटिव लाइन है, पॉजिटिव लाइन में सबसे ऊपर भगवान है। यू नो निरंकारी निराकार यू नो और नेगेटिव लाइन में ये केओटिक है। इसमें नेगेटिव एनर्जी है। और वो नेगेटिव एनर्जी, नेगेटिव आसुरी शक्तियां नेगेटिव लोगों के थ्रू काम करती हैं। जी और आजकल एक और चीज जो मुझे पता चला है जो मे बी नॉट रिलेटेड टू माय केस मे बी रिलेटेड बट ये एक चीज हो रही है.
दुनिया में मुझे कुछ लोगों ने मुझे बोला धार्मिक टाइप के लोग थे तो वो बोल रहे थे कि आजकल ऐसा हो गया है कि संस्थाएं बन गई हैं जो बिल्कुल ही धर्म विरोधी संस्था संस्थाएं हैं दे आर अपोजिंग द किंगडम ऑफ गॉड दे आर ऑोजिंग एवरीथिंग रिलीजियस मतलब उनको हर रिलजन से प्रॉब्लम है उनकी की जो आईडियोलॉजी है या फिर उनके कुछ काम करने का तरीका है ये नेगेटिव है आसुरी है.
यू कैन से सम काइंड ऑफ डेविल वरशिप सॉर्ट ऑफ थिंग तो ये तो हॉलीवुड में सब खुला चिट्टा खुल गया सबके तो ये बॉलीवुड में भी है बॉलीवुड में ये पैसे के लिए और फेम के लिए और सिर्फ बॉलीवुड नहीं पॉलिटिकल लोग भी जाते हैं तांत्रिकों के पास और उद्योगपति मतलब जो भी शॉर्टकट से आगे बढ़ना चाहता अपने दुश्मनों को हटाना चाहता है इललीगल तरीके से।
तो ये सारी चीजें वो लोग एंप्लॉय करते हैं। सुशांत सिंह के साथ वो तीनों चीजें हुई। काले जादू का ये सब आया था। गोरी पूजा पता नहीं क्या सब कर रहे थे। क्या जरूरत है ये सब करने की? वो जरूरत ही नहीं है ना। आप भगवान के पास जाओ मंदिर ये सारी चीजें बढ़ जाना। अचानक से ये सारी चीजें बढ़ जाना। आप आप सुशांत का पूरा केस लीजिए कि वो जो उसके लाइफ के एक साल था।
हां। उस एक या दो साल में ये सारी चीजें उसके साथ हुई। तंत्रमंत्र अकॉल्ट चीज़ फिर उसके खानेपीने में ड्रग्स या क्या मिल रहा था? ऐसा सुनने में आया था कि प्रिस्राइब हां प्रिस्रिप्शन मेडिसिन अच्छा दो-दो लोग प्रिस्राइब कर रहे हैं। हां हां एक इंसान को एक ही डॉक्टर काफी है। दो-दो लोग और आपको भी कैसे पता है कि वो दवाई जो दे रहे हैं वो सही है कि नहीं? यू डोंट नो।
वो तो अगर गिरोह बना के आपको बीमार करने की कोशिश की जा रही है तो इनके लिए एक साइकेटिस्ट को खरीदना कौन सी बड़ी बात है? और दो-दो साइकेट्रिस्ट कौन से आ गए? हम क्यों उनको इतनी तो हो सकता है कि वो दवाइयों की वजह से उनकी वैसी हालत थी।
