9 नवंबर की रात उसकी निधन हो गई। आग लगाने से पहले स्टूडेंट ने एक वीडियो भी बनाया था। कई लोगों पर शोषण के आरोप लगाए थे। कॉलेज के प्रिंसिपल पर भी आरोप थे। आरोप था कि छात्र के पास फीस देने के लिए पैसे नहीं थे जिसकी वजह से उसे अपमानित किया गया था। मामला उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर का है। छात्र का नाम था उज्जवल राणा।
डीएवी कॉलेज में बीए के थर्ड सेमेस्टर का स्टूडेंट था। उज्जवल ने दो वीडियोस बनाए थे। एक वीडियो उस दिन का था जब फीस की वजह से उसका फॉर्म रिजेक्ट हुआ था और दूसरा वीडियो आग लगाने से कुछ ही देर पहले का था। पहले वाले वीडियो में कहता नजर आया था कि मैं अपना पेपर फॉर्म जमा करने आया था।
लेकिन कॉलेज ने फॉर्म लेने से इंकार कर दिया क्योंकि मेरी फीस बकाया थी। मैंने प्रिंसिपल से अनुरोध किया कि मेरा फॉर्म ले लीजिए। कुछ दिनों में फीस भर दूंगा। बदले में प्रिंसिपल ने कहा कि अगर पैसे नहीं है तो पढ़ने का अधिकार नहीं है। मुझे धक्का मारा गया। गालियां दी गई। इसके अलावा एक और वीडियो सामने आया जिसे आग लगाने से कुछ देर पहले रिकॉर्ड किया गया था।
इसमें उज्जवल कहता नजर आया था कि कॉलेज के प्रधानाचार्य प्रदीप जी ने मेरे साथ बुरा व्यवहार किया, गालियां दी और बाल नोचे। मैंने उन गरीब छात्रों के लिए आवाज उठाई थी जो फीस नहीं जमा कर पाते। बदले में मुझे अपमानित किया गया। अगर मैं अपनी जान दे देता हूं तो उसका दोष प्रधानाचार्य और कुछ पुलिसकर्मियों को जाता है। इसी वीडियो में उज्जवल ने कुछ लोगों के नाम भी लिए थे।
इसके बाद 8 नवंबर को उज्जवल ने कॉलेज के क्लास रूम में आग लगा ली थी। दूसरे स्टूडेंट्स के किसी तरह आग बुझाई लेकिन तब तक शरीर का काफी हिस्सा झुलस चुका था। उन्हें तुरंत हॉस्पिटल में ले जाया गया लेकिन इलाज के दौरान 9 तारीख को उनकी मौत हो गई दिल्ली में। आज तक से जुड़े संदीप सहनी की रिपोर्ट के मुताबिक उज्जवल की फीस 7000 थी।
₹1750 जमा किए जा चुके थे और ₹5250 बकाया थे। मीडिया से बात करते हुए स्टूडेंट के दादा ने बताया था कि जब तक उसे हॉस्पिटल ले जाया गया तब तक शरीर का 80% हिस्सा झुलस चुका था। उन्होंने मारपीट के भी आरोप लगाए हैं। उस पर दबाव बनाया जा रहा था और उसको मारा पीटा जा रहा था। कल भी उसकी मारापीट हुई। उसने एसडीएम को दरख्वास्त दी। और आज फिर आते ही उसको पीटने लगे। पुलिस ने पुलिस बुला ली। पुलिस वाले मौजूद थे। उससे पहले उन्होंने उसकी पिटाई कर दी थी।
उसने अपनी पेट्रोल छिड़क अपनी आग लगा दी। उसी कॉलेज के एक स्टूडेंट और प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि हादसे के बाद उज्जवल काफी देर तक वहीं तड़पता रहा लेकिन मैनेजमेंट ने कोई हेल्प नहीं की। अपने बयान में यह भी बताया कि वहां टीचर्स की कार भी खड़ी थी लेकिन किसी ने हेल्प नहीं की हॉस्पिटल पहुंचाने में। आज जी जब वो सामने से आया था जी छिड़ा के जी टीचर यहां खड़े थे।
जी स्वामी उसके पास ही कोई से भी टीचर की मदद कि इसके हाथ में से माचिस या लेटर जो भी लेटर था ये छीन ले और दूर भाग गए जी ऑफिस की तरफ और जब उसने आग लगाई जी तो जी फिर भी दूर स्टूडेंट है जी बच्चे जी उसके साथ पढ़ने वाले भागे जी साथ हम भागे जी क्लास में कोई नहीं था जी जिसमें आग लगी थी उस कमरे में भी जी जब आग लगी जी जब वहां तड़पराया जी वो एक कम से कम आधा घंटा तड़वा जी वो और ये कार खड़ी थी जी अपनी कार में गिर अरे उन मास्टर पे कि हम पानी ले पानी बच्चे लाए जी भाग के अच्छा पीटीआई खड़ा जी उसके पास ही सबसे आगे खड़ा था।
वो भी कहा जी पीछे से बच्चे आए भाग छात्र की मौत के बाद पुलिस का भी एक बयान सामने आया आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है। आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ भी एक्शन लिया गया है। टीमें बना करके गिरफ्तारी जो उसमें मुलजिम है उनकी किए जाने की कोशिश की जा रही है और जल्दी उनको गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
साथ ही साथ मैं बता दूं आपको कि यह जो भी हमारे पुलिसकर्मी थे उनको जो एक प्रथम दृश्य लापरवाही पाई गई है उनको लाइन हाजिर कर दिया गया है और इसमें जो भी कठोरतम कारवाई होगी अमल में लाई जाएगी। भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर ने भी इस घटना का वीडियो शेयर किया और लिखा कि यह सिर्फ एक छात्र की नहीं बल्कि शिक्षा के बाजारीकरण की पूरी व्यवस्था जल रही है।
यह घटना शिक्षा संस्थानों में छात्रों पर पड़ने वाले आर्थिक और मानसिक दबाव के मुद्दे को एक बार फिर से उजागर करती है। भारत का संविधान हर नागरिक को मुफ्त और सामान्य शिक्षा का अधिकार देता है। लेकिन आज शिक्षा संस्थान व्यापार का अड्डा बन चुके हैं। आपको बता दें कि इस वीडियो को रिकॉर्ड किए जाने तक किसी की गिरफ्तारी की खबर सामने नहीं आई है। कोई जरूरी अपडेट होता है तो हम आप तक पहुंचाएंगे।
