गुजरात के अहमदाबाद में हुए विमान हादसे में एकमात्र जीवित बचे यात्री रमेश विश्वास कुमार की खूब चर्चा हो रही है। फिलहाल अहमदाबाद के सिविल अस्पताल में रमेश विश्वास कुमार का इलाज चल रहा है।
हादसे की भयावता को उन्होंने महसूस किया है। बता दें कि अहमदाबाद से लंदन जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट नंबर एआई171 में रमेश विश्वास कुमार 11 ए सीट पर बैठे थे। इस दर्दनाक हादसे में जीवित बचे व्यक्ति के चमत्कार की चर्चा खूब हो रही है। साथ ही 11 ए सीट की भी चर्चा जमकर हो रही है।
इस बीच अब 27 साल पहले विमान दुर्घटना में जीवित बचे एक थाईलैंड अभिनेता गायक रंगसाक लोचसाक की कहानी भी चर्चा का विषय बन गई है। दुर्घटना में जीवित बजा एकमात्र व्यक्ति ठीक उसी सीट पर बैठा था जिस पर वह बैठे थे।
दरअसल विमान हादसों की दुनिया में कई रहस्यमय संयोग सामने आते हैं। लेकिन सीट 11A से जुड़ा यह किस्सा सबसे अनोखा है। दो अलग-अलग विमान दुर्घटनाओं में केवल एक-एक व्यक्ति ही जिंदा बचा और दोनों ही यात्रियों की सीट एक जैसी थी। सीट 11 ए यह एक ऐसा संयोग है जिसने कई लोगों को चौंका दिया और सोचने पर मजबूर कर दिया कि क्या वाकई कुछ सीटें दूसरों की तुलना में ज्यादा सुरक्षित होती हैं। दरअसल 11 दिसंबर 1998 को 20 वर्षीय रंगसाक लोईचसाक ने मौत को धोखा दिया।
जब थाई एयरवेज की उड़ान टीजी 261 दक्षिणी थाईलैंड में उतरने का प्रयास करते समय रुक गई और दलदल में जा गिरी जिसने विमान में सवार 146 लोगों में से 101 की मौत हो गई। रोहंगसा किसी तरह उस भीषण हादसे से बच निकला। हादसे के बाद उसे भी विश्वास नहीं हुआ कि वह जिंदा है। उसने बाद में बताया कि सीट 11A से उसकी जान बची। रोहंगसाक अब 47 वर्ष के हो गए हैं। रोंग साक ने कहा कि जब उन्हें पता चला कि विश्वास कुमार रमेश एक ब्रिटिश नागरिक जो एयर इंडिया की उड़ान संख्या AI171 दुर्घटना में चमत्कारिक रूप से बच गया था। विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने के समय 11A में बैठा था तो उनके रोंगटे खड़े हो गए।
रोहंगसाक ने बताया कि उनके पास 1998 का बोर्डिंग पास नहीं है। लेकिन समाचार पत्रों में उनके सीट नंबर और जीवित होने के बारे में जानकारी दी गई है। रिपोर्ट्स के अनुसार उन्होंने एक दशक तक फिर से उड़ान नहीं भड़ी। बता दें कि 12 जून 2025 को एयर इंडिया की एक फ्लाइट AI171 अहमदाबाद से लंदन जा रही थी। यह विमान टेक ऑफ के थोड़ी ही देर बाद करीब 650 फीट की ऊंचाई पर एयरपोर्ट के पास ही दुर्घटनाग्रस्त हो गया। विमान सीधे अहमदाबाद के बीजे मेडिकल कॉलेज और सिविल अस्पताल के परिसर में जा गिरा। इस भीषण हादसे में विमान में सवार 242 में से 241 लोगों की मौत हो गई। इस हादसे में भी केवल एक व्यक्ति ही बच पाया जिसका नाम विश्वास कुमार रमेश है।
वह सीट 11 ए पर बैठे थे। रमेश की उम्र करीब 40 वर्ष है और वे एक ब्रिटिश नागरिक है। रमेश का जो वीडियो सामने आया उसमें देखा गया कि वह हल्के घायल है और वह थोड़ा लंगड़ा कर चल रहे हैं। वहीं दूरदर्शन से बातचीत में रमेश विश्वास ने अपनी आपबीती भी बयां की। उन्होंने कहा सब कुछ मेरी नजरों के सामने हुआ। मुझे खुद भरोसा नहीं हो रहा कि मैं कैसे उसमें जिंदा बाहर निकल सका। क्रैश होने के बाद कुछ देर के लिए मुझे लगा कि मैं भी मरने ही वाला हूं। जब आंख खुली तो एहसास हुआ कि मैं जिंदा हूं। मैंने सीट बेल्ट खोला और मैंने बाहर निकलने की कोशिश की। मेरी नजरों के सामने एयर होस्टेससेस और कुछ अंकल आंटी खत्म हो गए। टेक ऑफ होते ही 1 मिनट बाद 5 से 10 सेकंड के लिए लगा कि प्लेन कहीं फंस गया है। बाद में प्लेन में हरी और सफेद लाइटें ऑन हो गई। फिर उसकी रफ्तार अचानक बढ़ गई और वह तेज रफ्तार के साथ एक इमारत से जा टकराया। पीएम नरेंद्र मोदी ने भी अहमदाबाद के सिविल अस्पताल में रमेश विश्वास से मुलाकात की। पीएम मोदी ने रमेश विश्वास का हाल जाना।
इस दौरान रमेश विश्वास ने हमले की पूरी कहानी पीएम मोदी को बताई। ऐसे में अब सवाल उठता है कि क्या वाकई सीट 11 ए सुरक्षित होती है? दरअसल इन दोनों विमान हादसों में बचने वाले यात्री एक ही सीट पर बैठे थे 11A? इसी वजह से सोशल मीडिया और आम चर्चा में यह सवाल तेजी से उठने लगा है कि क्या सीट 11A सबसे सुरक्षित होती है? क्या यह कोई खास संयोग है या फिर कोई रहस्यमई संकेत सीट 11 से जुड़े यह दोनों हादसे जरूर चौंकाने वाले हैं लेकिन उन्हें कोई निश्चित सुरक्षा संकेत मान लेना उचित नहीं होगा।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह मैच इत्तेफाक है। सीट 11 ए विमान में अक्सर विंग या इमरजेंसी एग्जिट के पास होती है। जिससे आपातकाल में बाहर निकलने का रास्ता पास होता है। हालांकि किसी एक सीट को सबसे सुरक्षित कह देना सही नहीं है। विमान हादसे में सुरक्षा कई बातों पर निर्भर करती है। जैसे टक्कर का तरीका, आग लगने की गति, यात्रियों की प्रतिक्रिया और बचाव में लगा समय।
