परेश रावल की अपकमिंग फिल्म द ताज स्टोरी रिलीज से पहले ही विवादों में आ गई है। सोमवार को परेश रावल ने सोशल मीडिया पर इसका मोशन पोस्टर रिलीज़ किया। यह पोस्टर ही विवाद का कारण बन गया। इसमें परेश रावल ताजमहल का गुंबद हटाकर वहां रखी भगवान शिव की मूर्ति निकालते दिखाई दे रहे हैं।
इसके बाद से मेकर्स पर आरोप लग रहे हैं कि यह उस दावे को बल दे रहे हैं जिसे साबित नहीं किया जा सका है। प्लस इससे धार्मिक सौहार्द्र खराब हो सकता है। इस फिल्म के मेकर्स का दावा यह है कि ताजमहल शिव मंदिर को हटाकर बनाया गया है। जैसे ही पोस्टर के खिलाफ इस तरह की प्रतिक्रियाएं आई, परेश ने वह पोस्ट डिलीट कर दी।
इसके बाद उन्होंने प्रोडक्शन हाउस, स्वर्णिम, ग्लोबल सर्विस प्राइवेट लिमिटेड की तरफ से जारी किया गया स्पष्टीकरण पोस्ट कर दिया। इस पोस्टर ने तो बवाल किया ही था। इसके अलावा परेश रावल ने एक और पोस्टर शेयर किया था। इसके साथ जो उन्होंने लिखा उस बात ने आग में घी डालने का काम किया। उन्होंने लिखा था आप स्मारक को जानते हैं। मगर क्या आप उसकी कहानी जानते हैं? दुनिया के सबसे खूबसूरत स्मारक के पीछे के सच से पर्दा उठने वाला है। जो पोस्टर उन्होंने शेयर किया था उस पर लिखा था क्या वाकई ताजमहल शाहजहां ने बनवाया था।
यह पढ़ने के बाद लोग मेकर्स और परेश रावल की आलोचना करने लगे। मेकर्स ने फौरन एक स्टेटमेंट जारी किया। परेश ने भी इसे अपने एक्स अकाउंट पर शेयर किया। इसमें लिखा है यह फिल्म किसी भी धार्मिक मुद्दे से संबंधित नहीं है। ना ही यह दावा करती है कि ताजमहल के अंदर कोई शिव मंदिर है। यह पूरी तरह से ऐतिहासिक तथ्यों पर केंद्रित है। हम अनुरोध करते हैं कि आप फिल्म देखें और फिर अपनी राय कायम करें। बता दें कि मुगल शासक शाहजहां द्वारा बनवाया गया ताजमहल पहले भी विवादों में रह चुका है। इसके बारे में कई थ्योरीज प्रचलित हुई हैं।
इनमें सबसे ज्यादा हवा उस थ्योरी को मिली जिसमें कहा गया है कि ताजमहल शिव मंदिर के ऊपर बनाया गया है। हालांकि किसी भी एक प्रख्यात इतिहासकार ने इस दावे का समर्थन नहीं किया ना ही यह बात अब तक सिद्ध हो सकी है। बहरहाल तुषार अमरीश गोयल के डायरेक्शन में बनी यह फिल्म दी ताज स्टोरी 31 अक्टूबर को सिनेमाघरों में रिलीज़ की जाएगी।
इसमें परेश रावल के अलावा जाकिर हुसैन, अमृता खानविलकर, स्नेहा वाघ और नमित दास ने अहम किरदार निभाए हैं।