अहमदाबाद एयर इंडिया हादसे में कुल 260 निधन हुई। बॉडी ऐसे हालत में थे कि उन्हें पहचानने के लिए डीएनए टेस्ट का सहारा लेना पड़ा। शवों को उनके परिजनों को सौंपने में हफ्तों लग गए। अब इसी सिलसिले में हादसे में मारे गए ब्रिटिश नागरिकों के गलत शव उनके परिवारों तक पहुंचने की बात सामने आई है।
डेली मिल की रिपोर्ट के मुताबिक ब्रिटिश नागरिकों के परिवार को कथित रूप से गलत डेड बॉडी दे दी गई। ऐसे दो मामले सामने आए हैं। यह दोनों ही ब्रिटिश नागरिकों से जुड़े हुए हैं। दरअसल, यह बात तब सामने आई जब भारत से मृतकों के शव ब्रिटेन भेजे गए। कोरोनर ने जब मृतकों की पहचान के लिए परिजनों का डीएनए टेस्ट कराया तब दो शवों के डीएनए मैच नहीं हुए। कोरेनर यानी ऐसे पेशेवर लोग होते हैं जो अननेचुरल निधन के केस में बॉडी और मौत की वजह की जांच करते हैं।
इसी जांच में दो परिवारों को यह पता चला कि इन परिवारों के पास गलत शव पहुंचे थे और वो उनके परिजनों के शव थे ही नहीं। ऐसे में एक परिवार को अंतिम संस्कार रद्द करना पड़ा। उन्हें पता चला कि कॉफिन में उनके परिजन की डेड बॉडी नहीं है। डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक एक अन्य मामले में परिजनों के पास जब मृतकों के शव पहुंचे उनके पास जिस बॉक्स में यानी कॉफिन में बॉडी पहुंची थी, जांच कराने पर पता चला कि उसमें दो लोगों के मिश्रित शव हैं। परिजनों के वकील ने बताया कि यह पता चलने पर परिवार ने शवों को अलग-अलग कराया और तब जाकर अंतिम संस्कार वो कर पाए। जबकि दूसरा परिवार अभी भी अधर में लटका हुआ है।
रिपोर्ट के मुताबिक ये गड़बड़ियां तब सामने आई जब इनर वेस्ट लंदन के कोरोनर फ्यूना विलकक्स ने डेड बॉडीज की क्रॉस चेकिंग की। इसके लिए मृतकों के परिजनों ने जो डीएनए दिए थे उसे क्रॉस चेक किया गया। इस मामले में पीड़ितों के परिजनों का पक्ष रख रहे एिएशन लॉयर हिलीप्रेट ने द डेली मेल से बातचीत में बताया कि मैं पिछले एक महीने से इन ब्रिटिश परिवारों के घर जा रहा हूं और वह सिर्फ एक चीज चाहते हैं कि उनके प्रियजनों के बॉडी उन्हें लौटा दिए जाए। यह पिछले कई हफ्तों से चल रहा है। मुझे लगता है कि इन परिवारों को स्पष्टीकरण मिलना चाहिए। एक परिवार के पास अंतिम संस्कार करने के लिए कोई नहीं है। इससे सवाल उठता है कि उस कॉफिन में फिर शव किसका है? संभव है वो किसी अन्य यात्री का शव होगा और उनके परिवार को गलत बॉडी सौंपा गया होगा। उन्होंने आगे बताया कि हम इस मामले की जांच कर रहे हैं। हम यह जानना चाहते हैं कि आखिर आइडेंटिफिकेशन प्रोसेस में कहां गड़बड़ी हुई। हालांकि अभी तक जो सबूत मिले हैं उससे यह पता चल रहा है कि परिजनों को बॉडी को सौंपने की प्रक्रिया बेहद खराब थी। उन्होंने बताया कि इसके लिए अब परिवार के लोग सांसदों, कॉमनव्थ और डेवलपमेंट ऑफिसर, प्राइम मिनिस्टर ऑफिस और फॉरेन सेक्रेटरी के संपर्क में हैं।
आपको याद दिलाते चलें कि पिछले महीने यानी 12 जून को अहमदाबाद से लंदन जा रहा एयर इंडिया का बोइंग ड्रीम लाइनर विमान टेक ऑफ के चंद मिनटों बाद जमीन पर आ गिरा था। विमान में सवार 242 यात्रियों में से सिर्फ एक व्यक्ति ही जीवित बचा था। इस विमान में 169 भारतीय 53 ब्रिटिश नागरिक, सात पुर्तगाली नागरिक और एक कनाडियन नागरिक सवार था।