एनडीटीवी के सवालों पर स्वामी यशवीर बौखला गए और कहा कि हम सन्यासी हैं। हमें शक हुआ तो चेक किया। हमने ये सवाल पूछा था कि भाई आपको क्या अधिकार है? आप कैसे किसी को चेक कर सकते हैं? आपको यह अधिकार किसने दिया? यह कानून काम का है। लेकिन एनडीt के सवाल पर कैसे बौखलाए? यदि आवाज उठाना सबका तो सबका अधिकार है। आवाज उठाना और लोगों के कपड़े उतरवाना, उनकी पैंट उतरवा के चेक करना यह क्या यह सन्यासी का काम होता है।
देखिए हम लोग सन्यासी हैं। हम अगर कोई किसी को नंगा कर दे और हम वहां से गुजर रहे हो तो किए हुए नंगे मनुष्य के ऊपर हम अपनी चादर डाल देंगे एकदम। सन्यासी का धर्म नहीं होता। और यह झूठा आरोप लगाया गया। और हम पहले ही दिन से कह रहे थे जिस दिन आरोप लगाया कि यह झूठा आरोप है ना किसी की पिटाई हुई और ना किसी की पेंट उतारी गई और जो अपने को गोपाल कह रहा है यह गोपाल नहीं है। यह मुस्लिम है और अब उसकी पैच पर उस पर कानूनी कारवाई करे पुलिस करे वो पुलिस का काम है। पर यह तो वीडियो में भी दिखाया ना कि वहां पर लड़ाई झगड़ा हो रहा है। लोग कह रहे हैं कि उसके बाद आप आप ही के साथ के लोग थे ना जिनको छह लोगों को नोटिस मिला है कि लोगों की उसकी पैंट क्यों उतरवाई गई?
देखिए ढाबे पे देखिए हम लोग सभी हिंदुओं के ढाबों पर भगवान वाराहे का चित्र ओम का भगवा ध्वज बांटते हुए जा रहे थे तो जब वहां पर पंडित वैष्णो ढाबा लिखा हुआ है तो हमने तो यही सोचा ये हमारे ही सनातन धर्म का है चलो इनको भी दे दें लेकिन वहां पंडित वैष्णो ढाबा तो लिखा हुआ है लेकिन उसके जो संचालक और कर्मचारी हैं वहां सनातन धर्म के लोग नहीं थे तो फिर हम थोड़ा ही वहां देते फिर हमने उन्हें एक चेक किया भाई एक काम कर इसको जो पंडित ढाबा लिखा है इसको हटा दे 24 घंटे का समय है।
इस पर या तो अपना नाम लिख या तो अपना नाम बात समझ गया जो आप कह रहे हो वो पुलिस प्रशासन देखेगा आप कौन हो 24 घंटे की लोगों को अल्टीमेटम देने वाले उनको पैंट उतरवाने वाले या अब मैं आपसे अगर पूछने लगूं आप हिंदू हो अपने आप धोती खोल के दिखाओ ये कोई ठीक बात लगेगी आपको नहीं लगेगी ना बुरी बात लगेगी ना आपको ये किसी के लिए भी कोई भी आदमी को अगर इस तरीके से बोला जाएगा वह खराब बात होगी गलत बात होगी तो यह बात क्यों करी जाए नहीं आपको यह किसने अधिकार दिया यह प्रश्न करने के लिए आप भी अगर भोजन करने लगे आपको शंका हो जाए आप भी आधार कार्ड मांगोगे क्यों मांगूंगा आधार कार्ड सर मैं मेरा क्या मेरा क्या मतलब है।
आधार कार्ड मांग ध्यान रखिए मीडिया वाले कुछ ऐसे हो गए हैं ये मीडिया वाले अपने को सेकुलर दिखाते हैं ये भी ध्यान रखना सेकुलर दिखाने की जरूरत क्या है ये देश सेकुलर है सेकुलर रहेगा नहीं मीडिया देश सेकुलर है किसने कहा है नहीं देश सेकुलर है ये सापेक्ष है ये सनातन धर्म का किसने बताया सरकार ने आपको नहीं सरकार देश का जो कॉन्स्टिट्यूशन है 1 मिनट सुन लीजिए एक आप पहले सुनिए आप पहले सुनिए नहीं देश तो सेकुलर है आपके कहने से देश सनातन नहीं होगा नहीं नहीं आपके कहने से भी नहीं सेकुलर होगा क्यों देश तो कानून से चलता है ना सरकार आपकी कहती है कि ये देश सेकुलर है मैं कह रहा हूं आपके सरकार आपकी ये कहती है कि देश सेकुलर है आपका जो कॉन्स्टिट्यूशन है संविधान संविधान से चलेगा ना देश संविधान से चलेगा कि देश संविधान से और कानून से चलेगा क्या या मेरे और आपके कहने से चलेगा ।
देखिए पता है पहले आप मुझे मुझे यह बताओ देश किससे चलेगा? उत्तर तो लो। पहले उसका जवाब तो दो। पहले आप जवाब तो दो। देश संविधान से चलेगा, कानून से चलेगा? किससे चलेगा? भाषा बोलो। किससे चलेगा? संविधान हिंदी है। संविधान और कानून हिंदी है। आप हमें ये बताइए सनातन धर्म के हिंदू देवी देवताओं का के बोर्ड लगाने का, हिंदुओं के नाम लगा से खाद्य पदार्थ की दुकान चलाने का मुसलमानों को सर्टिफिकेट किसने दिया? आपने उनसे नहीं पूछा। करेगी ना वो काम आप कौन हो आवाज उठाएंगे ना आप आवाज उठाओ आप ढाबों पे जाके आप ढाबों पे जाके लोगों से कैसे आधार कार्ड पूछ सकते हो किसने आपको आधार दिया है ये पूछने का अधिकार है किसने आप एक बात बताइए यहां रोहिंग्या और बांग्लादेशी घुसपैठियां आए हुए हैं सरकार ने भी कहा जाकर आपको जानकारी हो हमें बताएं तो अगर उनसे पूछने लगे प्रशासन से यह अधिकार आपका है जनता को क्यों दे रहे हैं लेकिन जनता का कर्तव्य है देश और धर्म के ऊपर जब भी किसी प्रकार की आपत्ति आती है शासन प्रशासन को उसकी सूचना देना।
हम उसकी सूचना देंगे। जैसे हम अपने आपको पता है पिछली बार 2024 में सुप्रीम कोर्ट का एक आर्डर आया हुआ है। सुप्रीम कोर्ट के आर्डर में कहा गया है कि किसी को भी जो भी इस तरह के ढाबे या ईट्रीज हैं उनको बाध्य नहीं कर सकती सरकार या कोई भी व्यक्ति कि अपना नाम आप लगाएं वहां पर अपना नाम लिखें। हिंदू का नाम लिखें, मुसलमान का नाम लिखें। उसको बाध्य नहीं कर सकते। हां आप को हम ये नहीं कह रहे कि हम बाध्य कर रहे हैं। हम ये कह रहे हैं सनातन धर्म के लोगों मोटे अक्षरों में अपना नाम लिखो। भगवान वाराय का चित्र लगाओ।
ओम का ध्वज लगाओ। जहां भगवान वाराय का चित्र होगा वहां थूकने मूत्र करने वाला गैंग नहीं है। इसलिए सनातन धर्म के लोगों जहां पर भी हिंदू लोगों का जहां पर भी हिंदू लोगों के ढाबे हैं वो बिल्कुल शुद्ध हैं। वहां पर बिल्कुल अच्छा खाना मिलता है। देखिए मतलब वहां कोई मिलावट नहीं कोई दिक्कत नहीं। सनातन धर्म के लोग मिलावट नहीं करेंगे। यह भी ध्यान रखना सनातन धर्म के लोग अपना नाम बदल बदल करके किसी को धोखा नहीं देंगे।